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    Year Ender 2025: नोएडा का विकास और खेल पर्यटन की चुनौतियां, इस साल की उपलब्धियां और अधूरे सपने

    Updated: Tue, 30 Dec 2025 06:03 AM (IST)

    नोएडा की आबादी और आर्थिक गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं, लेकिन खेल, पर्यटन और मनोरंजन की सुविधाएं पीछे रह गई हैं। 2025 में रौनक नागर, शिवम मावी जैसे खिला ...और पढ़ें

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    स्वाति भाटिया, नोएडा। नोएडा की आबादी तेजी से बढ़ रही है। हर पार्क, हर मॉल, सड़क और स्टेडियम यह बताता है कि शहर की आबादी सुविधाओं से कई कदम आगे निकल चुकी है। वीकेंड आते ही मॉल भर जाते हैं। खेल मैदानों में बच्चों की लाइनें लंबी रहती हैं।

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    पर्यटन स्थलों पर परिवारों को आराम से घूमना मुश्किल होता है। इस साल, दिल्ली-एनसीआर में आर्थिक गतिविधियों और आबादी में बढ़ोतरी से शहर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, लेकिन पर्यटन, मनोरंजन और खेल जैसी बुनियादी जरूरतों पर दबाव और बढ़ गया।

    सवाल यह उठता है कि क्या योजनाएं जमीन पर उतरीं या कागज तक सीमित रहीं? चालू वर्ष नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ, जहां एक ओर शहर में विकास की गति तेज हुई, वहीं दूसरी ओर खेलों में भी उल्लेखनीय सफलता देखी गई। दोनों शहरों में खेल के स्तर में वृद्धि, नए खिलाड़ियों की पहचान और खेल आयोजनों की बढ़ती संख्या ने देशभर में महत्वपूर्ण स्थान दिलाया।

    रौनक नागर का शानदार प्रदर्शन

    ग्रेटर नोएडा के पहलवान रौनक नागर ने 2025 में चीन में आयोजित एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक जीता। रौनक पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुके थे, लेकिन इस बार उन्होंने अपने संघर्ष और मेहनत से देश का नाम रोशन किया। उनके साथ ही उनकी साथी पहलवान अंजली यादव और डौली राणा ने भी शानदार प्रदर्शन किया। डौली राणा ने एसजीएफआई राष्ट्रीय स्कूल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक और खेलो इंडिया में कांस्य पदक जीते।

    जोंटी भाटी की सफलता

    जोंटी भाटी ने 2025 में सीनियर एशियाई चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व किया और अपनी सफलता से अन्य खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा बने। उन्होंने गुजरात में आयोजित राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता। यह सफलता न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे राज्य और देश के लिए गर्व की बात थी। वे यूपी केसरी का खिताब भी जीतने में सफल रहे, और पुरस्कार स्वरूप उन्होंने बुलेट बाइक और जीप कार जीती।

    शिवम मावी का रणजी प्रदर्शन

    नोएडा के क्रिकेट खिलाड़ी शिवम मावी ने 2025 में रणजी ट्राफी में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने नागालैंड के खिलाफ अपने करियर का पहला शतक और पांच विकेट हासिल किए। भविष्य में रणजी और अन्य प्रमुख क्रिकेट प्रतियोगिताओं में प्रमुख खिलाड़ी बनने के लिए प्रेरित किया। उनका यह प्रदर्शन नोएडा के क्रिकेट समुदाय के लिए एक गर्व का विषय था।

    गोल्फ में सुखमन सिंह की सफलता

    नोएडा के गोल्फ खिलाड़ी सुखमन सिंह ने 2025 में कोलकाता में आयोजित एमेच्योर गोल्फ प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया और हरमन सचदेवा को हराकर खिताब जीता। इस जीत ने उनका आत्मविश्वास बढ़ाया और नोएडा का नाम गोल्फ के क्षेत्र में भी चमकाया।

    व्हीलचेयर बास्केटबॉल

    ''यूनिटी कप'' 2025 में नोएडा में भारत का पहला अंतर्राष्ट्रीय व्हीलचेयर बास्केटबॉल टूर्नामेंट ''यूनिटी कप'' आयोजित किया गया। यह टूर्नामेंट दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए एक बड़े अवसर के रूप में आया, जिसमें भारत और नेपाल के बीच मुकाबले हुए। आयोजन ने दिव्यांगता के प्रति समाज में समावेशी दृष्टिकोण को मजबूत किया और साबित किया कि खेल में किसी भी प्रकार की शारीरिक स्थिति को रुकावट नहीं बनना चाहिए।

    उत्तर प्रदेश कबड्डी लीग सीजन 2

    उत्तर प्रदेश कबड्डी लीग का दूसरा सीजन नोएडा में आयोजित किया गया, जिसमें 12 टीमों ने भाग लिया। यह लीग कबड्डी के खेल को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम था। इस लीग ने न केवल खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका दिया, बल्कि खेल प्रेमियों को भी नए खिलाड़ियों से परिचित कराया। लीग का आयोजन नोएडा के इंडोर स्टेडियम में हुआ और 10 जनवरी, 2026 तक इसका समापन होगा।

    भव्य प्रताप की बॉक्सिंग में जीत

    ग्रेटर नोएडा के बॉक्सिंग स्टार भव्य प्रताप ने राष्ट्रीय बाक्सिंग चैंपियनशिप में 67-70 किलोग्राम वजन वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने सर्विसेज स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड के बाक्सर्स को हराकर यह प्रतिष्ठित खिताब जीता। यह जीत भव्य की कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम थी, और इससे उन्होंने भारतीय बाक्सिंग में अपने लिए एक मजबूत पहचान बनाई।

    2025 का खेल वर्ष

    कुल मिलाकर 2025 में नोएडा और ग्रेटर नोएडा ने खेल के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त कीं। खिलाड़ियों ने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपनी शानदार प्रतिभा का प्रदर्शन किया। वहीं, विभिन्न खेल आयोजनों ने नोएडा को एक खेल हब के रूप में स्थापित किया।

    उत्तर प्रदेश कबड्डी लीग, ग्रेटर नोएडा खेल महोत्सव, और यूनिटी कप जैसे आयोजनों ने खेल के प्रति लोगों की रुचि को बढ़ावा दिया और समाज में समावेशी दृष्टिकोण को प्रोत्साहित किया। खिलाड़ियों ने अपनी मेहनत और समर्पण से कई सफलताएं हासिल कीं।

    नोएडा और ग्रेटर नोएडा के खिलाड़ियों ने यह सिद्ध कर दिया कि जब खेल के प्रति जुनून और समर्पण होता है, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती। अगर युवा खिलाड़ियों को सही अवसर मिलें, तो वे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खुद को साबित कर सकते हैं।

    खेल में जोश, इंफ्रास्ट्रक्चर अधूरा

    खेल के क्षेत्र में युवाओं की भागीदारी सबसे ज्यादा देखने को मिली। स्पोर्ट्स अकादमियों, सेक्टर-वार स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स और स्टेडियमों में खिलाड़ियों की संख्या बढ़ी, जिससे फिटनेस और खेल को करियर के रूप में अपनाने की सोच मजबूत हुई।

    नए इंडोर हाल और प्रशिक्षण सुविधाओं ने बच्चों को अवसर दिए। हालांकि, नोएडा स्पोर्ट्स सिटी (2010) और बड़े मल्टी-स्पोर्ट्स स्टेडियम अभी भी अधूरे हैं। यदि ये प्रोजेक्ट समय पर पूरे होते, तो नोएडा राष्ट्रीय स्तर का खेल केंद्र बन सकता था।

    नोएडा का विकास और खेल की चुनौतियां

    नोएडा और ग्रेटर नोएडा में विकास की गति तेज़ हो रही है, लेकिन इन शहरों में खेल और पर्यटन के लिए आवश्यक सुविधाओं की कमी अभी भी महसूस की जाती है। हालांकि, युवा खिलाड़ियों की संख्या और उनकी मेहनत में कोई कमी नहीं है, लेकिन ऐसे बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है, जो उन्हें अपने खेल में सुधार और प्रदर्शन करने का अवसर दे सकें।

    गौतमबुद्ध नगर में खेल सुविधाओं की वृद्धि के लिए कई परियोजनाएं चल रही हैं, लेकिन अभी भी कई बड़े खेल प्रोजेक्ट अधूरे हैं, जैसे नोएडा स्पोर्ट्स सिटी और यमुना खादर पर्यटन परियोजना। अगर ये योजनाएं समय पर पूरी होती हैं, तो नोएडा खेल और पर्यटन के मामले में एक आदर्श शहर बन सकता है।

    द जंगल ट्रेल

    नोएडा का पहला वेस्ट-टू-वाइल्ड लाइफ डेस्टिनेशन इस साल नोएडा में पर्यटन क्षेत्र में सबसे बड़ी नई पहल रही “द जंगल ट्रेल” जिसका उद्घाटन 1 दिसंबर, 2025 को सेक्टर 94, महामाया फ्लाईओवर के पास किया गया। यह इको-फ्रेंडली पार्क औद्योगिक कचरे (जैसे लोहे की राड, मोटर पार्ट्स) को कलाकृतियों में बदलकर वन्यजीवों का अनुभव देता है।

    25 करोड़ रुपये की लागत से बने लगभग 18.27 एकड़ क्षेत्र में 650 से ज्यादा जानवरों के स्कल्पचर हैं, जो दुनिया भर के वन्यजीवों को दर्शाते हैं। पार्क को अफ्रीकी सवाना, एशियाई जंगल, आर्कटिक तीन जोन में बांटा गया है। इसके साथ राक क्लाइंबिंग, जिप लाइन और जिप साइकिलिंग जैसी एडवेंचर एक्टिविटीज भी उपलब्ध हैं। यह भारत का पहला “वेस्ट-टू-वाइल्डलाइफ” डेस्टिनेशन बन गया है और सतत पर्यटन और पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देता है।

    पर्यटन का दबाव

    स्थाई स्थल अभी भी कम पर्यटन के क्षेत्र में नोएडा की पहचान अब भी सीमित रही। बड़े एक्सपो, इंटरनेशनल इवेंट्स और कार्पोरेट आयोजनों ने होटल, टैक्सी और खान-पान उद्योग को गति दी, लेकिन शहर के पास ऐसे स्थायी पर्यटन स्थल कम हैं, जहां लोग परिवार के साथ समय बिता सकें।

    ओखला बर्ड सेंचुरी और यमुना खादर क्षेत्र को इको-टूरिज्म हब के रूप में विकसित करने की योजनाएं चर्चा में रहीं, पर सुविधाओं की कमी और अधूरी तैयारियों के चलते ये पूरी क्षमता से सामने नहीं आ सकीं। यदि ये परियोजनाएं पूरी होती, तो स्थानीय रोजगार और पर्यटन से जुड़ी अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ मिल सकता था।

    मनोरंजन की रफ्तार, मॉल बढे, भीड़ व वाहनों का जाम

    मनोरंजन के मोर्चे पर नोएडा ने राहत जरूर दी। नए मॉल, मल्टीप्लेक्स, फूड कोर्ट और लाइव शो की संख्या बढ़ी, जिससे बढ़ती आबादी को शहर के भीतर ही विकल्प मिले और दिल्ली पर निर्भरता कुछ हद तक घटी।

    मॉल ऑफ इंडिया, जीआपी, गार्डन गलेरिया और वर्ल्ड आफ वंडर ने 2025 में मनोरंजन की रफ्तार बढ़ाई। हालांकि, आडिटोरियम, सांस्कृतिक केंद्र और ओपन पब्लिक स्पेस अब भी नाकाफी हैं, जिससे सीमित जगहों पर भीड़ सिमटती रही।

    नई परियोजनाएं

    शहर को और खूबसूरत बनाने की दिशा में सेक्टर 62 की थीम पार्क डी टाइप का पुनर्विकास 8.10 करोड़ रुपये में प्रस्तावित है। निविदा प्रक्रिया प्रगतिशील है। नोएडा डीप पार्क और सनसेट सफारी डियर पार्क के बायोडायवर्सिटी पार्क से अलग करने के लिए 4.73 करोड़ रुपये की निविदा प्रक्रिया चल रही है।

    सेक्टर 153 में विक्टोरिया स्टाइल कैनोपी का कार्य 77 लाख रुपये में प्रगतिशील है। सेक्टर 38 में ग्रेट इंडिया प्लेस मॉल के सामने क्लोक टावर का निर्माण 2.24 करोड़ रुपये में प्रगतिशील है। सेक्टर 18 अंडरपास के दोनों तरफ 67 मीटर लंबे म्यूरल का निर्माण 26 लाख रुपये में चल रहा है।

    विकास की राह पर शहर, लेकिन संसाधन सीमित

    बीते वर्ष नोएडा और दिल्ली-एनसीआर में आबादी और आर्थिक गतिविधियों में तेजी से इजाफा हुआ। आईटी, उद्योग और रियल एस्टेट के विस्तार ने शहर को आर्थिक ताकत दी, लेकिन पर्यटन, मनोरंजन और खेल जैसी बुनियादी जरूरतों पर दबाव भी बढ़ा।

    द जंगल ट्रेल जैसी नई पहल ने पर्यावरण और परिवार आधारित पर्यटन को बढ़ावा दिया, लेकिन बढ़ती आबादी के मुकाबले संसाधन अभी भी सीमित हैं। नया साल शहर के लिए यह सवाल छोड़ता है। क्या योजनाएं अब कागज से निकलकर जमीन पर उतरेंगी।

    अधूरे प्रोजेक्ट

    • ओखला बर्ड सेंचुरी इको-टूरिज्म (2023 से लंबित)
    • यमुना खादर पर्यटन परियोजना
    • नोएडा स्पोर्ट्स सिटी (2010 से अटकी)
    • बड़े आडिटोरियम और सांस्कृतिक केंद्र

    वर्षांत-2025 : नोएडा फोकस

    मुख्य स्थिति

    • आबादी और गतिविधियों में तेज बढ़ोतरी
    • सार्वजनिक सुविधाओं और पब्लिक स्पेस में कमी

    पर्यटन

    • एक्सपो और बड़े आयोजन आर्थिक लाभ लाए
    • स्थायी टूरिस्ट हब अधूरी योजना
    • फैमिली-टूरिज्म स्थलों की कमी


    मनोरंजन

    मॉल, मल्टीप्लेक्स और फूड हब बढ़े
    नाइट-लाइफ़ और लाइव इवेंट्स में इजाफा
    सार्वजनिक सांस्कृतिक स्थल अभी भी कम

    खेल

    • युवाओं की भागीदारी में वृद्धि
    • नए इंडोर हॉल और प्रशिक्षण केंद्र
    • बड़े खेल प्रोजेक्ट अधूरे



    अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी प्रमोद बाटला कहते हैं कि नोएडा मेरे लिए हमेशा से ही एक खास जगह रही है। पिछले बीस वर्षों में जिस तेजी से विकसित हुआ है, वह काबिले तारीफ है। शानदार आवासीय कॉम्प्लेक्स, बड़े और आधुनिक मॉल, साफ-सुथरी सड़कें और हरे-भरे पार्क इसे रहने के लिए एक आदर्श जगह बनाते हैं। यहां की कनेक्टिविटी भी अच्छी है, जिससे दिल्ली और आसपास के शहरों तक पहुंचना आसान है।

    खेल सुविधाओं में नोएडा अभी काफी पीछे है। कुछ प्रयास जरूर किए गए हैं, लेकिन बड़े टूर्नामेंट या प्रतियोगिता बहुत कम होती हैं। मैं एक अंतरराष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी होने के नाते हमेशा उम्मीद करता हूं कि यहां कम से कम एक टर्फ ग्राउंड स्टेडियम हो, जहां प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया जा सके और बड़े टूर्नामेंट आयोजित किए जा सकें। युवा पीढ़ी में जो ऊर्जा और जुनून है, उसे सही दिशा में न ले जाना वास्तव में एक अवसर की कमी है।

    नोएडा में युवा आबादी बहुत है। उनकी प्रतिभा को निखारने के लिए बुनियादी ढांचा अभी पर्याप्त नहीं है। अगर खेल योजनाओं पर जोर दिया जाए तो युवा यहां अपनी क्षमता का पूरा उपयोग कर सकते हैं। शहर की खेल संस्कृति को नए स्तर तक ले जा सकते हैं।


    पर्यटन के मामले में भी नोएडा अभी पूरी तरह विकसित नहीं हुआ है। यहां कुछ अच्छे पर्यटन स्थल हैं। लोगों के हिसाब से घूमने और आनंद लेने के लिए विकल्प अभी भी बहुत कम हैं। मेरे लिए नोएडा एक विकासशील और प्रेरक शहर है। खेल और पर्यटन जैसी चीज़ों में सुधार की जरूरत है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में यह शहर अपनी युवा पीढ़ी और प्रतिभाओं को बेहतर अवसर दे सकेगा और पूरी तरह से एक उज्जवल और सक्रिय शहर के रूप में उभरेगा।



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    प्रमोद बाटला, अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी