SIR in UP: नोएडा के लोगों को क्यों सता रहा डर? दैनिक जागरण की पड़ताल में सामने आई चौंकाने वाली बात
नोएडा के ग्रामीण इलाकों में मतदाताओं को फर्जी कॉल से फ्रॉड का डर सता रहा है। मतदाताओं ने शिकायत की है कि उन्हें एसआईआर के नाम से अलग-अलग नंबरों से फोन ...और पढ़ें

नोएडा में एसआईआर चल रहा है। फाइल फोटो
स्वाति भाटिया, नोएडा। नोए़डा जिले के ग्रामीण इलाकों में मतदाताओं के बीच फर्जी कॉल से फ्रॉड को लेकर आशंका तेज होने लगी है। बीएलओ केंद्रों पर पहुंच रहे कई मतदाताओं ने शिकायत की है कि उन्हें एसआईआर के नाम से लगातार अलग-अलग नंबरों से फोन आ रहे हैं।
कॉल करने वाले दावा कर रहे हैं कि उनका एसआईआर मोबाइल फोन पर ही भरवा दिया जाएगा। शिकायतकर्ताओं के अनुसार, कॉल करने वाले व्यक्ति उनसे व्यक्तिगत जानकारी मांग रहे हैं, जिससे धोखाधड़ी की आशंका लगने लगी है।
इस संबंध में अधिकारियों ने भी लोगों को सावधान रहने की अपील की है और कहा है कि ऐसी कॉल्स पर किसी प्रकार की निजी जानकारी साझा न करें।
नहीं की जानकारी साझा, सीधे पहुंचे केंद्र
बृहस्पतिवार को दैनिक जागरण की पड़ताल में ग्रामीण इलाकों को खंगाला गया। छिजारसी गांव के कंपोजिट विद्यालय में बीएलओ के पास दो लोग ऐसे पहुंचे हैं, जिनके पास कहीं से फोन पर ही फार्म भरने के लिए कॉल आया था। हालांकि, बीएलओ अमित ने बताया कि कॉल का जवाब दोनों ने ही कॉल को सीरियस नहीं लिया और फार्म ऑफलाइन आकर भरे हैं।
छिजारसी गांव के बुजुर्ग धनपाल सिंह ने बताया कि उनके नंबर पर एक कॉल आया था। आपके फोन पर आपको फॉर्म भरवा दिया जाएगा, कई चरणों में भरवाया जाएगा।
धनपाल ने बताया कि हालांकि, वे उस नंबर को सेव नहीं कर पाए, क्योंकि उनको आता नहीं था, लेकिन बेटे ने बता दिया था ऐसे कॉल पर प्रतिक्रिया नहीं देनी है, बल्कि सीधे बीएलओ से मिलना है यहीं सोचकर फॉर्म भरने केंद्र पर ही आ गए।
यह भी पढ़ें- ग्रेटर नोएडा वालों के लिए अच्छी खबर, अब कोई भी समस्या आने पर बहुत जल्दी पहुंचेगी पुलिस
मेरे पति के नंबर पर कॉल आया था कि आपका फार्म आपके नंबर से ही घर पर भरवा दिया जाएगा, लेकिन उनको बगल की रीना ने बताया था इस तरीके से खाते से पैसे उड़ सकते हैं। ऐसे में उस कॉल को सीरियस नहीं लिया। - सुमन देवी, ममूरा गांव
मेरे नंबर पर कॉल आया था, कोई महिला की आवाज थी। बोल रही थी कि आपको एक लिंक भेजा जाएगा उसको खोलकर आप एसआईआर फॉर्म भर सकते हो, लेकिन मुझे ये फोन अधिक चलाना नहीं आता, इसलिए मैंने फोन ही काट दिया। - रामशरण, छिजारसी गांव

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।