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    Year Ender 2025: नोएडा में सड़के लाल होने से रोकने की सालभर हुई कवायद, न हादसे हुए कम; न घटे ब्लैक स्पॉट

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 05:27 AM (IST)

    गौतमबुद्ध नगर में 2025 में सड़क दुर्घटनाओं में कमी नहीं आई, प्रतिदिन औसतन एक व्यक्ति की जान गई। ओवरस्पीड और खराब रोड इंजीनियरिंग जैसे कारणों से ब्लैक ...और पढ़ें

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    मुनीश शर्मा, नोएडा। गौतमबुद्ध नगर में 2025 में हर दिन औसतन एक व्यक्ति काल के गाल में समा गया। प्रतिदिन दो से ज्यादा लोग अंग-भंग होकर जीवनभर इस दर्द के साथ जीने को मजबूर हुए। हर हादसे में ओवरस्पीड, रोड इंजीनियरिंग, विपरीत दिशा में फर्राटा भरना जैसे कई कारक जिम्मेदार रहे। जिले की सरकारी मशीनरी आपसी तालमेल बैठाने में कदम से कदम नहीं मिला पाई।

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    तीन प्राधिकरणों के लिए जाना जाने वाली गौतमबुद्ध नगर की सरकारी मशीनरी ब्लैक स्पॉट के काले धब्बे को खत्म नहीं कर सका। सड़क हादसों के लिए जिम्मेदार तमाम कारणों में से महत्वपूर्ण कारण माना जाता है। विगत सालों में 20 के आसपास बताए जाने वाले ब्लैक स्पॉट का ग्राफ सालभर ऊंचा होकर 35 ही बना रहा।

    खैर, साक्षरता के मामले में प्रदेश में अव्वल बताए जाने वाले लोग हर चौराहे पर यातायात जागरूकता का संदेश देती स्क्रीन, पब्लिक एनाउसमेंट सिस्टम और लगे बोर्ड को पढ़कर सबक नहीं ले सके। इसके बाद भी लोग ओवरस्पीड में फर्राटा भरते रहे। वह यातायात समझ (ट्रैफिक सेंस) को दरकिनार करने से अपने साथ-साथ अन्य लोगों के लिए भी परेशानी का सबब बने रहे। सड़क हादसों के ग्राफ को देखें तो आंकड़े यहीं बताते नजर आते हैं कि प्रयासों के बाद भी सालभर सड़क लाल होती रहीं और घटने के बजाय ब्लैक स्पॉट बढ़ गए।

    प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ से लेकर गौतमबुद्ध नगर की सरकारी मशीनरी का प्रयास है कि सड़क हादसों के ग्राफ को नीचे लाया जाए। सड़क हादसा किसी के लिए जीवनभर का दर्द न बने। गौतमबुद्ध नगर में भी हर साल वाहनों की तादात बढ़ती जा रही है। स्कूल, कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थी भी फर्राटा भरते नजर आते हैं।

    रफ्तार का जुनून या रील बनाने का शौक में लोग खतरे का अंदाजा नहीं लगा पा रहे हैं। मौत का झपटा पलभर में सारे सपने तोड़कर चला जा रहा है। 2025 में गौतमबुद्ध नगर में इस तरह का दुख 400 से ज्यादा परिवारों ने झेला। आने वाले साल में सड़क दुर्घटनाएं कम से कम हों। इसके लिए ओवरस्पीड़, रोड इंजीनियरिंग, यातायात समझ जैसे पहलुओं पर अभी भी काम करने की आवश्यकता है।।

    इन पर हो काम तो बने बात

    • यातायात नियमों का सख्ती से पालन कराया जाए।
    • लेन बदलने वाली योजना का सख्ती से पालन हो।
    • ओवस्पीड में वाहन चलाने वालों से सख्ती से निपटा जाए।
    • जिले में स्पीड रडारगन की संख्या बढ़ाई, हर हाइवे पर हों तैनात।
    • निर्धारित संख्या से ज्यादा चालान पर डीएल निरस्त की कार्रवाई हो।

    जिले में हैं 35 ब्लैक स्पॉट

    सड़क सुरक्षा समिति के मुताबिक गौतमबुद्ध नगर में एनएच 24 पर लालकुआं चौराहा, एनएच 91 पर भारत धर्मकांटा, बिसरख मोड, छपरौला, दुजाना गांव, सादोपुर झाल, धूममानिकपुर, नोएडा सेक्टर 82 कट, चरखा गोलचक्कर, जीरो प्वाइंट, दनकौर, फलैदा कट, सेक्टर 21-25 कट, महामाया फ्लाइओवर, गिझौड़ लाल बत्ती, सेक्टर 60 यूफ्लेक्स फैक्ट्री, सेक्टर 62 गोल चक्कर, फोर्टिस अस्पताल, सेक्टर 57 लाल बत्ती, सेक्टर 14ए मैन गेट, डीएडी टोल रोड पर दो, बीपीएल कट, मामूरा यूटर्न, सेक्टर 71 अंडरपास, सेक्टर 67, चारमूर्ति, लाल कुआं पुल के पास, तिलपता 130 मीटर रोड, सूरजपुर-दादरी रोड, कच्ची सड़क तिराहा, चौगानपुर गोल चक्कर, सैनी गोल चक्कर ब्लैक हैं। यह जिले के 14 थानों से गुजरते हैं। इस आधार पर बादलपुर, सेक्टर 39, सेक्टर 126, नालेज पार्क, दनकौर, रबूपुरा, सेक्टर 20, सेक्टर 24, सेक्टर 58, फेज वन, फेज दो, बिसरख, सूरजपुर, इकोटेक-तीन थाने संवेदनशील हैं।

    2025 में वाहनों के चालान, मौत

    माह चालान मृत्यु
    जनवरी 2.19 लाख 35
    फरवरी 2.26 लाख 23
    मार्च 2.20 लाख 29
    अप्रैल 2.22 लाख 37
    मई 2.54 लाख 45
    जून 2.45 लाख 28
    जुलाई 2.61 लाख 55
    अगस्त 2.15 लाख 55
    सितंबर 2.07 लाख 39
    अक्टूबर 2.01 लाख 28
    नवंबर 3.31 लाख 38
    दिसंबर 1.15 लाख 18

    नोट: दिसंबर के आंकडे माह की 15 तारीख तक है।

    हादसे, मौत और घायल

    वर्ष हादसे मौत घायल
    2021 798 368 559
    2022 1122 437 856
    2023 1176 470 858
    2024 1165 462 966
    2025 1098 430 903

    सालभर में सीज किए गए वाहन

    वाहन सीज
    भारी वाहन 535
    बस 215
    हल्के चार पहिया वाहन 1658
    आटो 3789
    ई-रिक्शा 2983
    दो पहिया वाहन 2827
    ट्रैक्टर 153
    जुगाड़ वाहन 100

    गूगल मैप स्पीड लिमिट से लैस है गौतमबुद्ध नगर

    गौतमबुद्ध नगर यातायात पुलिस एआइ आधारित यातायात कैमरे, आटोमेटेड चालान सिस्टम व स्मार्ट सिग्नलिंग नेटवर्क से यातायात व्यवस्था दिन प्रतिदिन बेहतर बनाने की दिशा में कार्यरत है। गूगल मैप स्पीड लिमिट जैसी विश्वस्तरीय मानक आधारित तकनीक से लैस होकर काम कर रही है।

    इससे 2030 तक सड़क हादसों में होने वाली मौत व दुर्घटनाओं के ग्राफ को 50 प्रतिशत तक नीचे लाना है। पुलिस अधिकारियों का भी प्रयास है कि हर यातायात व्यवस्था में तकनीक व नवाचार को समाहित हो। यातायात व्यवस्था की बात हो तो जिला यूरोप, अमेरिका के शहरों संग खड़ा नजर आए।

    सर्विलांस व एएनपीआर कैमरों से निगरानी

    सड़कों पर यातायात नियमों की अनदेखी करने वालों पर अंकुश लगाने के लिए गौतमबुद्ध नगर यातायात पुलिस 567 सर्विलांस कैमरों से निगरानी कर रही है तो 717 एएनपीआर कैमरों से जरा सी लापरवाही पर चालान कर देती है। फिर लापरवाही ओवरस्पीड की हो या सिग्नल तोड़ने, तीन सवारी बैठाने, विपरीत दिशा में फर्राटा भरने या बिना हेलमेट और सीट बेल्ट लगाए वाहन चलाने की हो।

    जिन सड़कों पर तीसरी आंख जैसा निगरानी नहीं है। वहां पर चार दोपहिया और एक पहिया इंटरसेप्टर टीम की ड्यूटी लगाकर दंडित किया जाता है। दंड करने का उदेश्य लोगों को यातायात नियमों का पालन करने के प्रति सजग और सतर्क बनाना है। लोग नियमों में रहकर वाहन चलाएं। अपने साथ-साथ दूसरों की जान को भी जोखिम में नहीं डालें।।

    वाहनों का बढ़ता दबाव चिंताजनक

    गौतमबुद्ध नगर के यातायात व्यवस्था की बेहतरी में वाहनों की बढ़ती तादात और सड़कों का फैलाव सीमित होना भी गतिरोध है। इसको लेकर एक्सपर्ट कहते हैं कि इससे बचने के लिए लोगों को सार्वजनिक परिवहन का अधिक से अधिक उपयोग करना, मेट्रो का विस्तार, सिटी बस जैसी सुविधा बढ़ाना होगा।

    गौतबुद्धनगर शून्य मृत्यु जिला कार्यक्रम में शामिल

    सड़क हादसों की रोकथाम के लिए गौतबुद्ध नगर शून्य मृत्यु जिला कार्यक्रम में शामिल है। शून्य मृत्यु जिला कार्यक्रम के तहत जिले के 10 से ज्यादा थाने संवेदशील मानक के दायरे में हैं। थानों में क्रिटिकल कारिडोर टीम बनाई गई हैं। टीमों को संसाधन मुहैया कराकर हादसों की जांच कराई जा रही है। हादसे का कारण और रोकने के प्रयास की रिपोर्ट बनाई जा रही हैं। डीजीपी मुख्यालय से रिपोर्ट की नियमित निगरानी और समीक्षा हो रही है।