नोएडा-गाजियाबाद में 3.5 लाख वोटर 'अनमैप्ड', ASD कैटेगरी में लाखों नाम हटाने की तैयारी; पढ़ें पूरी डिटेल्स
नोएडा और गाजियाबाद में विशेष गहन संशोधन प्रक्रिया पूरी हुई, जिसमें लगभग 3.5 लाख मतदाता 'अनमैप्ड' पाए गए। नोएडा में 1.8 लाख और गाजियाबाद में 1.6 लाख मत ...और पढ़ें

नोएडा और गाजियाबाद में विशेष गहन संशोधन प्रक्रिया पूरी हुई। फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, नोएडा। एनसीआर के नोएडा और गाजियाबाद जिलों में विशेष गहन संशोधन (SIR) की मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया शुक्रवार को समाप्त हो गई। इस दौरान करीब 3.5 लाख मतदाताओं को 'अनमैप्ड' चिह्नित किया गया, जो कुल मतदाताओं का लगभग 8% है। अधिकारियों ने बताया कि इन मतदाताओं को नोटिस जारी करने और आगे की प्रक्रिया के लिए दस्तावेजों की जानकारी देने की तैयारी चल रही है।
नोएडा में कुल 18.7 लाख मतदाताओं में से 1.8 लाख (9.8%) को अनमैप्ड श्रेणी में रखा गया है। नोएडा के अतिरिक्त जिला निर्वाचन अधिकारी अतुल कुमार ने कहा, "ये वे व्यक्ति हैं जिनके या उनके परिवार के सदस्यों के विवरण 2003 की मतदाता सूची से लिंक नहीं हो सके।"
वहीं, गाजियाबाद में 28.4 लाख मतदाताओं में से 1.6 लाख (5.6%) अनमैप्ड हैं। जिले के निर्वाचन अधिकारी सौरभ भट्ट ने भी यही वजह बताई

विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के तहत जिले में मतदाता सूची का सत्यापन पूरा हो चुका है। जिले की पांच विधानसभा क्षेत्र में 28,37,991 मतदाताओं का सत्यापन किया गया है। इनमें 8,18,362 मतदाता स्थानांतरित, अनुपस्थित, मृतक और डुप्लीकेट दर्ज किए गए। जिला निर्वाचन कार्यालय से जारी रिपोर्ट के अनुसार 27 दिसंबर तक डिजिटाइजेशन का 71.17 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। साहिबाबाद में सबसे अधिक और मोदीनगर में सबसे कम नाम काटे गए हैं।

एसआईआर सर्वे के बाद 51,781 वोटर के नाम कटे
जिले में एसआईआर का कार्य पूरा हो चुका है। जिला निर्वाचन कार्यालय की ओर से शनिवार को जारी रिपोर्ट की गई है, जिसमें 8,18,362 मतदाताओं के नाम काट दिए गए। इनमें सबसे अधिक नाम कटने का रिकाॅर्ड साहिबाबाद विधानसभा के नाम दर्ज हुआ है। यहां कुल 10 लाख से अधिक वोटर में करीब चार लाख यानी 38.32 प्रतिशत मतदाताओं के नाम काटे गए। वहीं, सबसे कम नाम कटने वाले विधानसभा क्षेत्र में मोदीनगर का नाम दर्ज हुआ है, जिसमें कुल 3,34,765 मतदाताओं में से एसआईआर सर्वे के बाद 51,781 वोटर के नाम कटे हैं।
वहीं, गौतमबुद्धनगर की तीनों विधानसभा क्षेत्र में 18.65 लाख मतदाताओं का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में गणना होने के बाद अब 4.48 लाख वोटर्स के नाम सूची बाहर हो जाएंगे। प्रक्रिया के बीच इन मतदाताओं की गणना नहीं हो पाई है। प्रशासन ने इन्हें अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत या डुप्लीकेट की श्रेणी में रखा है।
शुक्रवार की रात 12 बजे तक एसआइआर का डेटा लाक होने से प्रशासनिक अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। 31 दिसंबर को सूची का ड्राफ्ट तैयार होगा। प्रशासन को अभी तक 1.84 लाख मतदाता के फार्म नहीं मिले हैं। इनकी तलाश के लिए प्रशासन एक जनवरी से चिहृित स्थानों पर शिविर लगाकर लोगों से आपत्ति लेगा।
प्रशासन ने चार नवंबर से विशेष गहन पुनरीक्षण का काम शुरू किया था। अभ तक 14 लाख 17 हजार 669 मतदाताओं की ही गणना हो पाई है जबकि प्रक्रिया के दौरान एक लाख 84 हजार 353 ऐसे मतदाता हैं जिनका कोई स्थाई पता या पहचान नहीं मिली है। यानी कुल 18.65 लाख मतदाताओं में से 9.8 प्रतिशत वोटर्स की गणना एसआईआर प्रक्रिया के दौरान नहीं हो पाई है।
उल्लेखनीय है कि अनमैप्ड वे हैं जिनकी उपस्थिति दर्ज हुई लेकिन पुराने रिकॉर्ड से लिंक नहीं हुआ, जबकि ASD में पता पर नहीं मिले, चले गए, मृत या डुप्लीकेट हैं। ASD नाम हटाए जाएंगे, लेकिन फॉर्म 6 या 7 से चुनौती दी जा सकती है।
31 दिसंबर के बाद 30 जनवरी तक दावा-आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है। मतदाता BLO से संपर्क करें या voters.eci.gov.in पोर्टल का इस्तेमाल करें। अंतिम सूची 28 फरवरी 2026 को जारी होगी। निर्वाचन अधिकारी ने अपील की, "सभी मतदाता अपना स्टेटस चेक करें और जरूरी दस्तावेज तैयार रखें।" यह प्रक्रिया मतदाता सूची को साफ-सुथरी बनाने के लिए है, ताकि चुनाव निष्पक्ष हों।

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