उम्मीदें 2026: नोएडा में मरीजों को मिलेंगी हाईटेक स्वास्थ्य सुविधाएं, नहीं जाना पड़ेगा दिल्ली-लखनऊ
गौतमबुद्धनगर में नए वर्ष 2026 से मरीजों को हाईटेक स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। जिला अस्पताल में कलर डोपलर अल्ट्रासाउंड और कान के परदे की माइक्रोस्कोपिक स ...और पढ़ें

सेक्टर 39 स्थित जिला अस्पताल। फोटो- जागरण आर्काइव
जागरण संवाददाता, नोएडा। प्रदेश के विंडो शहर गौतमबुद्धनगर में गंभीर बीमारियों के मरीजों को नए वर्ष में हाईटेक स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। स्वास्थ्य विभाग, ईएसआइसी अस्पताल व चाइल्ड पीजीआई के प्रबंधकों ने विशेषज्ञ, वरिष्ठ चिकित्सक की नियुक्ति के साथ-साथ जांच की सुविधाएं शुरू कराने की योजना है।
विशेष बात है कि सेक्टर-39 स्थित जिला अस्पताल में कलर डोपलर मशीन से मरीजों की एडवांस्ड तकनीकी पर अल्ट्रासाउंड भी किया जाएगा। शासन से मशीन के लिए मंजूरी मिल गई है। वहीं, ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राओं के लिए नई बिल्डिंग का निर्माण होगा। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ ईएसआईसी के उच्च अधिकारियों की वार्ता चल रही है।
माइक्रोस्कोप से होगी कान में फटे परदे की सर्जरी
जिला अस्पताल प्रबंधन इस वर्ष मरीजों के लिए माइक्रोस्कोप मशीन से कान के फटे परदे की सर्जरी शुरू करने की तैयारी में है। शासन से जिला अस्पताल में ईएनटी विभाग के लिए हाइटेक सुविधाओं से लैस माइक्रोस्कोप मशीन को खरीदने की मंजूरी दे दी है।

सेक्टर 30 स्ट्रीट चाइल्ड पीजीआई। फोटो- जागरण आर्काइव
इसकी कीमत पांच लाख से अधिक है। शुरुआती महीनों में मशीन आने पर मरीजों को 399 रुपये फीस पर इलाज कराने की सुविधा दी जाएगी। ईएनटी सर्जन डा. दीपिका गोस्वामी मशीन से कई मरीजों की सर्जरी कर लाभ देंगी। इस सुविधा के बाद मरीजों को प्राइवेट अस्पताल या फिर दिल्ली के चक्कर नहीं काटने होंगे।
विशेषज्ञ डा. ऋषभ कुमार सिंह ने बताया कि कान के परदे की सर्जरी के लिए मरीज को दूसरे अस्पतालों में 30 हजार से डेढ़ लाख रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं। नए वर्ष में जिला अस्पताल में 32 इंटर्न छात्र-छात्राएं मिलेंगे, जिससे मरीजों काे जल्दी इलाज व परामर्श मिल पाएगा।
ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज की बनेगी नई बिल्डिंग
सेक्टर-24 में ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं के लिए नया एकेडमिक जोन बनेगा। बिल्डिंग बनाने नोएडा में जमीन की तलाश तेज हो गई है। ईएसआइसी के उच्च अधिकारियों की वार्ता चल रही है। इसके अलावा हास्ल बनाने की कवायद भी तेज हो गई है।
मेडिकल कॉलेज की डीन डा. हरनाम कौर का कहना है कि नए वर्ष में आईसीयू के बेड 18 से बढ़ाकर 25 तक करने की योजना है। योजना है कि अगले वर्षों में कॉलेज की सीटें बढ़ने पर अस्पताल को भी 500 बेड का किया जाएगा। खास बात है कि डायलिसिस सेंटर बनाने की कवायद भी तेज हो गई है। रक्तदान केंद्र में प्लेटलेट और प्लाज्मा अलग से लेने की सुविधा भी शुरू होगी।
चाइल्ड पीजीआई को मिलेंगे वरिष्ठ विशेषज्ञ
सेक्टर-30 के चाइल्ड पीजीआई में बन रहे नए टावर में डेंटल और बायोकेमेस्ट्री विभाग शिफ्ट होंगे। इससे जांच की विंग अलग हो जाएगी। शासन के निर्देश पर करीब 30 करोड़ रुपये की लागत से मेंटेनेंस कार्य शुरू होगा। यही नहीं, हृदय रोगी मरीजों के लिए कैथलैब शुरू करने की योजना है।
संस्थान के निदेशक प्रो. डा. एके सिंह का कहना है कि नेफ्रोलाजिस्ट और प्लास्टिक सर्जन की नियुक्ति की प्रक्रिया हो गई है। जल्द ही मरीजों को इलाज व परामर्श की सुविधा मिलेगी। यही नहीं, नवजात शिशुओं की एडी से खून की बूंद लेकर बीमारियों को स्कैन करने की सुविधा मिलेगी।
जिम्स में मिलेंगी यह सुविधा
मरीजों के लिए हेपेटाइटिस जांच और दवा की सुविधा शुरू की गई। कार्निया रिट्रीवल सेंटर बनाकर लोगों को कार्नियादान के लिए जागरूक किया गया। खास बात है कि जिम्स में मातृ डिवाइस के क्लीनिकल ट्रायल के बाद यूटिलिट पेटेंट भी मिल चुका है।

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने डिजिटल एक्स-रे, एडिशनल सिटी स्कैन लैब की सौगात दी। यही नहीं, शासन से जिम्स को आठ सुपर स्पेशियलिटी, रोबोटिक सर्जरी, कार्डियोलाजी विभाग की अनुमति दी गई। यहां अभी इकोकार्डियोग्राफी, टीएमटी, होल्टर, सीटी एंजियोग्राफी, ईसीजी, डीएसई, टीएमटी और टीईई की जांच होती हैं।

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