Year Ender 2025: नोएडा में क्राइम पर लगाम लगाना पुलिस के लिए बना चुनौती, सालभर हुए सकारात्मक प्रयास
नोएडा में 2025 में क्राइम को नियंत्रित करना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती रही। पूरे साल, पुलिस ने अपराध को कम करने के लिए कई सकारात्मक प्रयास किए। इन प् ...और पढ़ें
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सेक्टर-108 स्थित कार्यालय से 112 के नए वाहनों को हरी झंडी दिखकर रवाना करतीं पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह। जागरण आर्काइव
मुनीश शर्मा, नोएडा। लूट, छीना-झपट, महिलाओं के प्रति अपराध, छोटे व बड़े संगठित अपराध को गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट पुलिस चुनौती के रूप ले रही है। अपराध के ग्राफ को नीचे लाने के साथ-साथ लोगों के मन में सुरक्षा का भाव पैदा करने का प्रयास सालभर चलता रहा।
पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह के दिशा निर्देशन में कमिश्नरेट पुलिस ने अनुशासन में रहते हुए कम्युनिटी पुलिसिंग के ध्येय के साथ सालभर सकारात्मक प्रयास किए। महिलाओं के साथ-साथ आम नागरिकों को भी सुरक्षित माहौल और सुरक्षा अहसास कराना गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट पुलिस की पहली प्राथमिकता में रहा।
उधर, आतंकी गतिविधियों में संलिप्त एक आतंकी जिशान अली को भी पकड़ा गया। देश में पहचान छिपाकर रह रहे 10 से ज्यादा बंग्लादेशियों को दबोचकर दिल्ली भेजा गया। फेज तीन थाना क्षेत्र में चल रहे नकली पुलिस कार्यालय को पुलिस ने पकड़ा।
इन प्रकरणों ने स्पेशल सेल और एलआइयू जैसी लोकल इंटेलीजेंस की कार्यप्रणाली पर जरूर सवालिया निशान लगाए। उधर, इस साल निठारी कांड के आए फैसले में मोनिंदर पंधेर और सुरेंद्र कोली दोनों बरी हो गए। आरूषि हत्याकांड की तरह निठारी कांड का राज हमेशा हमेशा के लिए दफन हो गया। बच्चों को न्याय मिलना अधूरा रह गया।
यूपी के शो विंडो कहे जाने वाले नोएडा में महिलाओं की उपस्थिति फैक्ट्री गेट से लेकर किसी भी संस्थान, कपंनी, सरकारी महकमे में सर्वोच्च पद पर भी है। यहां महिलाएं सशक्त होने के दावों को मजबूत कर रही हैं। जिले में सरकारी मशीनरी ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में काफी कदम उठाए हैं।
कोई भी महिला अपनी शिकायत सीधे पिंक बूथ पर जाकर कर सकती है। उधर, पढ़ लिखकर कुछ कर गुजरने का सपना देखने वाली गरीब बच्चियों को नन्हे परिंदे एक मंच प्रदान कर रहा है। आपरेशन मुस्कान गुमशुदा बालिकाओं को तलाशने कर स्वजन तक पहुंचाकर महती भूमिका निभा रहा है।
लैंगिक अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण, वृद्ध व विधवा महिलाओं को सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा हेतु प्रयास, जनजागरूकता अभियान, महिला बीट की तैनाती, महिला साइबर हेल्फ डेस्क, शक्ति मोबाइल, मिशन शक्ति के अंतर्गत कार्यक्रम, मिशन प्रतिभाग जैसी पहल अच्छी पुलिसिंग के उदाहरण पेश कर रही हैं।
नोएडा सेक्टर 108 में नाले में नवंबर में पड़ी मिली सिर व हाथ कटी लाश ने पुलिस की पेशानी पर बल डाले, लेकिन कमिश्नरेट पुलिस ने एक सप्ताह के अंदर ही मौत की गुत्थी को सुलझा दिया। प्रेमी कातिल को गिरफ्तार कर जेल भेजा। इसी तरह फेज वन थाना क्षेत्र में इंजीनियर का पत्नी को हथौड़े से मारकर हत्या करना हो या प्रेमी का प्रेमिका का कत्ल करना हो। पुलिस ने हत्यारोपितों का पता कर जेल भेजा। सभी मामलों चार्जशीट दाखिल कर मजबूत पैरवी कर रही है।
साइबर अपराध बन रहा चुनौती
वर्तमान समय में साइबर अपराध और अपराधी एक चुनौती के रूप में उभर रहे हैं। साइबर अपराध लूट, चोरी, डकैती से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है। साइबर ठग डॉक्टर, इंजीनियर, कारोबारी, अधिवक्ता व पढ़े लिखे लोगों को भी करोड़ों का फटका लगाने से भी नहीं चूक रहे हैं।
इस साल साइबर ठगों ने नोएडा के कारोबारी से 12 करोड़ रुपए की ठगी की तो हाइकोर्ट की अधिवक्ता को डिजिटल अरेस्ट कर तीन करोड़ रुपए से ज्यादा ठगे। पूरे साल में ठगों ने 30 करोड़ रुपये से ज्यादा की साइबर ठगी की। साइबर क्राइम थाना पुलिस के मुताबिक गौतमबुद्ध कमिश्नरेट पुलिस तीन साल में एक हजार से ज्यादा ठगों पर शिकंजा कस चुकी है।
इस अवधि में पुलिस 118 करोड़ रुपए फ्रीज करा चुकी है, जबकि इसमें से 58 करोड़ रुपये पीड़ितों को वापस दिलाए जा चुके हैं। इससे इतर, कमिश्नरेट पुलिस पीड़ितों को न्यायालय से रकम वापस दिलाने के लिए 30 से ज्यादा अधविक्ताओं को पैनल बनाया गया है।
पैनल से जुड़े अधिवक्ताओं की मदद से कोई भी पीड़ित अपनी फ्रीज रकम को वापस प्राप्त कर सकता है। पैनल की ओर से काफी पीड़ितों को रकम वापस भी दिलाई जा चुकी है। कमिश्नरेट पुलिस ने सेक्टर, सोसायटी में जागरूकता अभियान भी चला रही है। लोगों को साइबर ठगी से बचाव के टिप्स दिए जा रहे हैं।
पारिवारिक विवादों का हल एफडीआरसी से
डीसीपी महिला सुरक्षा मनीषा सिंह ने बताया कि कमिश्नरेट पुलिस नोएडा सेक्टर 108, नालेज पार्क व चेरी काउंटी में फैमिली डिस्प्यूट रिसोल्यूशन क्लीनिक (एफडीआरसी) सेंटर चला रही है। इन केंद्रों पर मनोचिकित्सक, पुलिस स्टाफ और अन्य विशेषज्ञ की देखरेख में पारिवारिक विवादों को सुना जाता है।
इन विवादों में तत्काल मुकदमा दर्ज कराने से बचा जाता है। तीन से चार काउसंलिंग कराकर दोनों पक्षों को सुना जाता है। ताकि दोनों पक्षों को अपनी-अपनी बात रखने का अवसर मिल सके। दूसरा पक्ष भी पहले पक्ष को उसकी जगह पर रखकर समस्या को समझ सके। इस साल 15 दिसंबर तक 533 मामलों में शिकायत मिलीं।
तीनों एफडीआर सेंटर पर शिकायतों को सुना गया और काउंसलिंग कराई गई। इनमें से 411 मामलों का सफलतापूर्वक निस्तारण कराया जा चुका है। 387 मामलों में दंपती आपसी सहमती से मान गए, जबकि 24 मामलों में संबंधित थाने में मुकदमे दर्ज कराए गए। बचे 122 मामलों में कार्रवाई चल रही है।
उधर, एफडीआरसी केंद्र पारिवारिक विवादों का समाधान कराने के लिए प्रभावी माडल बन रहे हैं। काउंसलिंग के दौरान दोनों पक्ष अपनी-अपनी बात पुलिस और विशेषज्ञ टीम के समक्ष रख पाते हैं। इसके आधार पर समाधान के विकल्प प्रस्तुत किए जाते हैं।
विगत वर्षां में हुई साइबर ठगी
| वर्ष | ठगी |
|---|---|
| 2025 | 150 |
| 2024 | 134 |
| 2023 | 183 |
| 2022 | 49 |
| 2021 | 32 |
| 2020 | 14 |
स्टंट करने वाले और रीलबाजों को सिखाया सबक
गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट पुलिस स्टंट करने वाले और रीलबाजों को लेकर भी सख्त है। स्टंट करने वालों के चार वाहन का 68 हजार रुपए तक चालान किए। वाहनों को सीज कर आरोपितों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया। इसी तरह से पुलिस ने हथियार दिखाते हुए रील बनाने वालों पर भी सख्त कार्रवाई की।
हर्ष फायरिंग करने वालों को भेजा जेल, लाइसेंस निरस्त
हर्ष फायरिंग करना अपराध है। यह न केवल शौक पूरा करने वाले के लिए घातक हो सकता है, बल्कि किसी की जान पर भी बन सकता है। दस माह पहले नोएडा के अगाहपुर में दो साल का बच्चा जान देकर शौक की कीमत चुका है। जारचा थाना क्षेत्र का एक दस साल के बच्चे की जान जाते-जाते बची।
गौतमबुद्ध नगर कमिश्ररेट में भी इस तरह की घटना होना पुलिस सख्ती पर सवालिया निशान लगाता है। हालांकि पुलिस हर्ष फायरिंग कर शौक करने वालों के लाइसेंस भी रद्द कराकर सबक सिखा रही है। तीन साल में पुलिस सात लाइसेंस निरस्त करा चुकी है और 25 आरोपितों को जेल भेज चुकी है।
कई बार मिली बम की धमकी, किसने दी पता नहीं
जिले में कई बार स्कूल, माल समेत कई महत्वपूर्ण जगहों को बम से उड़ाने की धमकी मिल चुकी हैं। बकायदा बम लगा होने संबंधी मेल भी प्राप्त हो चुके हैं। इस तरह की सूचनाओं पर कई बार गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट नंगे पांव तक दौड़ चुकी है। भय का माहौल बनने पर स्कूल और माल में भगदड़ जैसी तक स्थिति बन चुकी हैं, लेकिन धमकी देने वालों के बारे में पता नहीं चल सका।
परिवारिक मामलों का हुआ निस्तारण
| वर्ष | एफडीआरसी | सहायता प्रकोष्ठ |
|---|---|---|
| 2025 | 387 | 122 |
| 2024 | 275 | 237 |
| 2023 | 366 | 872 |
| 2022 | 301 | 655 |
गुमशुदा बच्चों को खोजा
| वर्ष | बच्चे |
|---|---|
| 2025 | 149 |
| 2024 | 115 |
| 2023 | 93 |
| 2022 | 99 |
बच्चों का कराया स्कूल में प्रवेश
| सत्र | प्रवेश |
|---|---|
| 2025-26 | 388 |
| 2024-25 | 361 |
| 2023-24 | 133 |
नंबर गेम
- 27-पिंक बूथ
- 16- पिंक शौचालय
- 145- महिला बीट
- 2.85--लाख मिशन शक्ति पंपलेट वितरित

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