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    नोएडा 2025: तेज आबादी, पिछड़ती सुविधाएं... अधूरे प्रोजेक्ट्स से शहर की छवि पर असर

    Updated: Sun, 28 Dec 2025 04:33 PM (IST)

    नोएडा ने हाल के वर्षों में तेजी से विकास किया है, लेकिन बढ़ती आबादी के कारण बुनियादी सुविधाएं पिछड़ रही हैं। मॉल, खेल के मैदान और पर्यटन स्थलों पर भीड ...और पढ़ें

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    नोएडा ने हाल के वर्षों में तेजी से विकास किया है, लेकिन बढ़ती आबादी के कारण बुनियादी सुविधाएं पिछड़ रही हैं। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नोएडा। पिछले कुछ सालों में नोएडा का तेज़ी से विकास हुआ है। शानदार रिहायशी कॉम्प्लेक्स, बड़े मॉल, साफ़ सड़कें और आधुनिक पार्क शहर की पहचान बन गए हैं। हालांकि, बढ़ती आबादी के हिसाब से अब बेसिक सुविधाओं की उपलब्धता कम लग रही है।

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    हर पार्क, हर मॉल, हर सड़क और हर स्टेडियम यह बताता है कि शहर की आबादी सुविधाओं से कहीं ज़्यादा बढ़ गई है। वीकेंड पर मॉल में भीड़ रहती है, खेल के मैदानों में बच्चों की लंबी लाइनें लगी रहती हैं, और परिवारों को टूरिस्ट जगहों पर आराम करने में मुश्किल होती है।

    पिछले एक साल में, दिल्ली-NCR में आर्थिक गतिविधियों और आबादी में तेज़ी से बढ़ोतरी ने नोएडा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। IT, रियल एस्टेट और इंडस्ट्रीज़ के विस्तार ने शहर की आर्थिक ताकत को बढ़ाया है, लेकिन इससे टूरिज़्म, मनोरंजन और खेल जैसी बेसिक ज़रूरतों पर भी दबाव बढ़ा है।

    एक्सपर्ट्स का कहना है कि कई प्रोजेक्ट शुरू तो किए गए हैं, लेकिन उनका काम अधूरा है। स्थायी टूरिस्ट डेस्टिनेशन, बड़े स्पोर्ट्स प्रोजेक्ट, ऑडिटोरियम और पब्लिक कल्चरल सेंटर अभी भी सीमित हैं। ओखला बर्ड सेंचुरी और यमुना खादर इलाके जैसे प्रोजेक्ट में देरी और अधूरी तैयारी इसका सबूत है। अगर ये प्रोजेक्ट समय पर पूरे हो जाते, तो नोएडा न सिर्फ रहने के लिए बल्कि टूरिज्म और स्पोर्ट्स के लिए भी एक आदर्श शहर बन सकता था।

    क्या शहर की योजनाएं आखिरकार कागज़ से ज़मीन पर उतर पाएंगी और नोएडा के निवासियों की बढ़ती ज़रूरतों को पूरा कर पाएंगी?

    पूरी रिपोर्ट कल के दैनिक जागरण के साल के आखिर के एडिशन में पढ़ें और जानें कि बढ़ती आबादी और अधूरे स्पोर्ट्स और टूरिज़्म प्रोजेक्ट नोएडा की इमेज और लाइफस्टाइल को कैसे प्रभावित कर रहे हैं।