सीईओ की जिम्मेदारी निर्माण स्थलों पर न फैले प्रदूषण,नियमों का सख्ती से कराएं पालन : एनजीटी
एनजीटी ने नोएडा में प्रदूषण के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए नोएडा प्राधिकरण के सीईओ को नियमों का सख्ती से पालन कराने की जिम्मेदारी दी है। प्राधिकरण से प् ...और पढ़ें
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जागरण संवाददाता, नोएडा। एनजीटी ने वायु प्रदूषण के मसले पर दायर याचिका में बुधवार को सुनवाई कर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी से खोदाई और अन्य मामलों में नियमों की पूर्ति कराने की जिम्मेदार तय की है। ट्रिब्यूनल ने प्राधिकरण और अन्य विभागाें से प्रदूषण पर जुर्माने की कार्रवाई समेत महत्वपूर्ण डेटा मांगा है। इस मामले में अगली सुनवाई 13 मार्च को हाेगी।
याचिकाकर्ता अमित गुप्ता ने बताया कि उन्होंने वायु प्रदूषण के मामले पर नोएडा प्राधिकरण, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, विद्युत विभाग समेत अन्य विभागों के खिलाफ याचिका दायर की थी। उनका आरोप था कि प्राधिकरण के कर्मचारी शहर में किसी स्थान पर खोदाई करके मिट्टी को सड़क पर छोड़ जाते हैं। सड़क निर्माण कार्य भी न होने से धूल उड़ती रहती है।
दस अक्टूबर को एनजीटी ने प्राधिकरण, विभाग व संस्थाओं को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था। सीपीसीबी और क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जवाब दाखिल कर दिया जबकि प्राधिकरण ने चार सप्ताह का समय लिया था। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि गौतमबुद्धनगर में सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलता है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पक्ष रखा कि 2018 से 2025 तक प्रदूषण फैलाने वालों पर 27 करोड़ का जुर्माना लगा है, जिसमें एक करोड़ की धनराशि ही जमा हुई है। इस पर ट्रिब्यूनल ने प्राधिकरण के सीईओ को निर्देश दिया कि शहर में जहां भी सड़क निर्माण और खोदाई हो रही है।
वहां प्रदूषण कम करने के नियमों का सख्ती से पालन कराएं। इसके साथ ही 13 मार्च 2026 को सुनवाई होने तक प्रदूषण पर लगने वाले जुर्माने की कार्रवाई का रिकार्ड मांगा है। वहीं, प्रतिवादी पक्ष द्वारा एनजीटी में दी गई रिपोर्ट पर याचिकाकर्ता से दो सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा है।

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