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    Noida News: आवंटियों को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, मुआवजे पर ब्याज का फैसला करेगा YEIDA

    Updated: Sun, 01 Sep 2024 10:53 AM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट से संस्थागत श्रेणी के आवंटियों को राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने संस्थागत श्रेणी के आवंटियों को अतिरिक्त मुआवजा राशि पर ब्याज के मामले में यमुना प्राधिकरण (YEIDA) में प्रत्यावेदन करने का निर्देश दिया है। आवंटियों ने अतिरिक्त मुआवजा राशि पर ब्याज के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। अब यमुना प्राधिकरण आवंटियों के संबंध में फैसला करेगा।

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    Noida News: यमुना प्राधिकरण कार्यालय। फोटो- जागरण आर्काइव

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। संस्थागत श्रेणी के आवंटियों पर 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा पर ब्याज का फैसला यमुना प्राधिकरण करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने आवंटियों की विशेष याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें यमुना प्राधिकरण में प्रत्यावेदन करने के लिए कहा है। संस्थागत के 13 आवंटियों पर प्राधिकरण का 3646 करोड़ से अधिक बकाया है।

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    इसमें अतिरिक्त मुआवजा राशि के अलावा उसका ब्याज, प्रीमियम, वाह्य विकास शुल्क आदि शामिल हैं। यमुना प्राधिकरण ने सेक्टर 17 ए में विभिन्न संस्थाओं को भूखंड आवंटित किए थे। प्रदेश सरकार के शासनादेश के आधार पर प्राधिकरण ने इन आवंटियों को 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा राशि और उसका ब्याज का भुगतान करने के नोटिस दिए थे।

    हाईकोर्ट से भी आवंटियों को नहीं मिली थी राहत

    आवंटियों ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट से आवंटियों को कोई राहत नहीं मिली। प्राधिकरण ने जुलाई में एक बार फिर आवंटियों को नोटिस जारी करते हुए अतिरिक्त मुआवजा राशि और ब्याज का भुगतान करने को कहा, लेकिन आवंटियों ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दाखिल कर दी। सुप्रीम कोर्ट से भी आवंटियों को राहत नहीं मिली है।

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    सुप्रीम कोर्ट ने आवंटियों से कहा- यीडा में करें प्रत्यावेदन

    कोर्ट ने आवंटियों को निर्देश दिया है कि वह यमुना प्राधिकरण सीईओ के सम्मुख आवेदन करें। कोर्ट के फैसले के बाद अब प्राधिकरण आवंटियों के संबंध में फैसला करेगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यीडा एक बार फिर आवंटियों को नोटिस जारी कर सकता है।

    प्राधिकरण सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने आवंटियों को प्रत्यावेदन करने के लिए कहा है, प्रत्यावेदन मिलने के बाद उस पर विचार कर फैसला किया जाएगा।