Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आठ हजार वर्गमीटर के औद्योगिक भूखंड की योजना लाएगा यीडा, ई-नीलामी के जरिए होगा आवंटन

    Updated: Fri, 03 Oct 2025 06:28 AM (IST)

    यमुना प्राधिकरण जल्द ही 8000 वर्गमीटर तक के औद्योगिक भूखंडों की नई योजना शुरू करने जा रहा है जिसका आवंटन ई-नीलामी के माध्यम से होगा। पहली योजना में मिले उत्साहजनक आवेदनों के बाद यह कदम उठाया जा रहा है। इस योजना से क्षेत्र में निवेश बढ़ने और रोजगार के अवसर सृजित होने की उम्मीद है। प्राधिकरण आवासीय भूखंड योजना भी ला सकता है जिसमें छोटे आकार के भूखंड शामिल होंगे।

    Hero Image
    आठ हजार वर्गमीटर के औद्योगिक भूखंड की योजना लाएगा यीडा

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण औद्योगिक भूखंड की एक और योजना निकालने जा रहा है। इस योजना में आठ हजार वर्गमीटर तक के भूखंड शामिल होंगे। ई नीलामी से भूखंडों का आवंटन किया जाएगा। चालू वित्त वर्ष में पहली औद्योगिक भूखंड योजना में मिले बड़ी संख्या में आवेदनों को देखते हुए यीडा नई योजना की तैयारी कर रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यमुना प्राधिकरण की छोटे भूखंडों की मांग लगातार बढ़ रही है। प्राधिकरण की 31 जुलाई को समाप्त हुई भूखंड योजना में 37 भूखंडों के सापेक्ष 527 आवेदन मिले थे, हालांकि ई नीलामी में 448 आवेदक भी शामिल हो पाए।

    इस योजना के जरिये प्राधिकरण क्षेत्र मेंं सात सौ करोड़ का निवेश और तीन हजार से अधिक लोगों के लिए रोजगार सृजन होगा। छोटे आकार की भूखंड योजना को मिली आवेदकों की प्रतिक्रिया से प्राधिकरण के अधिकारी उत्साहित हैं। ई नीलामी से आवंटन के कारण राजस्व भी अधिक मिलने की संभावना रहती है।

    यीडा सीईओ राकेश कुमार सिंह का कहना है कि आठ हजार वर्गमीटर तक के भूखंडों की योजना जल्द निकाली जाएगी। सेक्टरों में इसके लिए भूखंडों को चिह्नित किया जा रहा है।इसके साथ ही यीडा आवासीय श्रेणी के लिए भी भूखंड योजना निकाल सकता है। मास्टर प्लान 2041 में नियोजित किए गए सेक्टर पांच में यह योजना निकाली जाएगी।

    सेक्टर में जमीन क्रय करने का काम चल रहा है। चालू वित्त वर्ष में यह यीडा की दूसरी आवासीय भूखंड योजना होगी। आवासीय श्रेणी में आवंटन दरों में वृद्धि के बाद निकाली गई पहली योजना में प्राधिकरण ने केवल 120 वर्गमीटर के भूखंडों को ही शामिल किया था, लेकिन इस बार 200 वर्गमीटर के छोटे आकार के भूखंड भी योजना में शामिल हो सकते हैं।