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    फ्लश करते ही क्यों फटी टॉयलेट सीट? हादसे की जांच के लिए पहुंची स्पेशल टीम; एक्सपर्ट ने पकड़ा माथा

    Noida Toilet Seat blast ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 36 में एक टॉयलेट सीट फटने और आग लगने की रहस्यमय घटना सामने आई है। विशेषज्ञों के अनुसार मीथेन गैस की वजह से आग लगने की संभावना कम है क्योंकि इतनी गैस का जमा होना मुश्किल है। घटना में एक युवक झुलस गया और मामले की जांच जारी है ताकि टॉयलेट सीट फटने की घटना से पर्दा उठाया जा सके।

    By Arpit Tripathi Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Tue, 06 May 2025 09:02 AM (IST)
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    वेस्टर्न टॉयलेट सीट फटने से एक युवक घायल। जागरण फोटो

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। सेक्टर 36 में शनिवार को वेस्टर्न टॉयलेट सीट के फटने और आग की घटना अब तक रहस्य बनी हुई है। घटना में एक युवक काफी झुलस गया था। स्वजन का कहना है कि टॉयलेट सीट के अंदर से मीथेन गैस निकलने के कारण आग लगी है।

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    वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि मीथेन गैस की मात्रा बहुत अधिक होने और किसी अन्य गैस के साथ रिएक्शन होने पर ही आग लग सकती है, लेकिन इसकी संभावना भी न के बराबर है। यह स्वभाविक घटना नहीं लग रही है। सेक्टर-36 में मकान नंबर सी-364 में सुनील प्रधान परिवार के साथ रहते हैं। घर के शौचालय में वेस्टर्न टॉयलेट है।

    धमाके के साथ फटी टॉयलेट सीट

    शनिवार दोपहर करीब तीन बजे उनका बेटा आशू नागर (20) ने शौच करने के बाद पानी डालने के लिए जैसे ही फ्लश चलाया वेस्टर्न टॉयलेट सीट धमाके के साथ फट गई। सुनील प्रधान ने बताया कि उनके बेटे ने बताया कि वह साथ में मोबाइल भी नहीं ले गया था। उसने सीट पर बैठे ही फ्लश चला दिया।

    फ्लश चलाते ही दीवार पर बने रोशनदान से आग को झोंका आया और सीट पर लगते ही सीट फट गई। रोशनदान से बाहर की ओर करीब तीन फीट दूर स्प्लिट एसी का कंप्रेशर लगा है। कंप्रेशर में लगे पंखे की एक पंखुड़ी टूट गई, जिससे शायद चिंगारी निकली और मीथेन गैस के कारण आग लग गई। एसी मैकेनिक से जब जांच कराई तो न तो कंप्रेशर में कोई खराबी आई है और न ही एसी की गैस निकली है।

    टॉयलेट सीट फटने पर क्या बोले एक्सपर्ट?

    शारदा विश्वविद्यालय के केमिस्ट्री विभाग की प्रमुख डॉ. ऋचा ने बताया कि एसी कंप्रेशर के पंखे के टूटने से यदि चिंगारी निकली भी है तो आग नहीं लग सकती। मीथेन गैस जब बहुत ही अधिक मात्रा में होगी तो ही आग की घटना हो सकती है, लेकिन ऐसा यहां संभव नजर नहीं आ रहा है। टॉयलेट का नियमित उपयोग हो रहा है।

    दरअसल शहर में सीवरेज सिस्टम होता है, मीथेन गैस काफी अधिक मात्रा में एकत्रित नहीं हो सकती है। टॉयलेट सीट में पानी भी है जिसमें मीथेन गैस घुल गई होगी। यह घटना स्वभाविक नहीं लग रही है। हो सकता है कि किसी ने बाहर से उस रोशनदान के जरिये कोई ज्वलनशील पदार्थ फेंक दिया हो जिससे यह घटना हुई हो, लेकिन सीट का फटना तब भी संभव नहीं है।

    हाइड्रोजन से रिएक्ट होने पर ही लगेगी आग 

    वहीं, केमिस्ट्री विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. एनबी सिंह ने बताया कि मीथेन गैस काफी मात्रा में होगी तभी आग लग सकती है, लेकिन इसके लिए हाइड्रोजन का भी बनना जरूरी है। हाइड्रोजन से रिएक्ट होने पर ही आग लगेगी, लेकिन उसके लिए मीथेन गैस का काफी मात्रा में एकत्रित होना जरूरी है। सीट के अंदर इतनी गैस होने की संभावना काफी कम है। ऐसा क्यों हुआ, इसके बारे में पूरी जांच के बाद पता लगेगा।

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