Noida: योगी के मंत्री ने मेट्रो में सफर कर प्रदूषण का लिया जायजा, पंजाब सरकार पर लगाया लापरवाही का आरोप
Noida Pollution दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है। दिनभर वातारवरण में धुंध छाए रहने से लोगों को सांस लेने और आंखों में जलन की शिकायत का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण के चलते ग्रेप का चौथा चरण भी लागू किया गया है।

नोएडा, जागरण संवाददाता। वन पर्यावरण जंतु विज्ञान व जलवायु परिवर्तन के राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डा. अरुण कुमार ने नोएडा के सेक्टर- 38 में प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि पंजाब में पराली जलने से उत्तर प्रदेश के जिलों में प्रदूषण बढ़ रहा है। पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार की लापरवाही से पराली जलाने के मामले बढ़े है।
बढ़ते प्रदूषण पर पंजाब सरकार को लिखी चिट्ठी
उन्होंने कहा कि पराली कहीं जलाई जा रही है। प्रदूषण कहीं पर बढ़ रहा है। एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर पंजाब सरकार को चिट्ठी लिखी है। एनसीआर में प्रदूषण कम करने के लिए विभिन्न प्रयास यूपी सरकार कर रही है। उत्तर प्रदेश में पराली जलाने के मामले बहुत कम सामने आए है। निर्माण कार्य पर रोक लगाई जा चुकी है। ग्रेप का चौथा चरण भी सख्ती से लागू है। प्रदूषण नियंत्रण के लिए उन्होंने अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
मेट्रो में सफर कर लिया प्रदूषण का जायजा
इस दौरान वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ अरुण कुमार ने सेक्टर 38 स्थित गोल्फ कोर्स मेट्रो स्टेशन से मेट्रो में बैठकर सेक्टर 63 इलेक्ट्रॉनिक सिटी पहुंचे। उन्होंने मेट्रो में सफर कर शहर में बढ़ रहे प्रदूषण के कारणों का जायजा लिया। उनका कहना है ज्यादा से ज्यादा लोग मेट्रो का प्रयोग करें जिससे बढ़ रहे प्रदूषण को बढ़ने से रोका जा सके।

इस दौरान उन्होंने मेट्रो स्टेशन के बाहर युवतियों से बातचीत कर प्रदूषण कम करने के लिए मेट्रो में सफर करने की अपील की।
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दमघोंटू हुई हवा, गहराया सांस का संकट
सांस के संकट के बीच स्वास्थ्य चुनौतियां बढ़ने से शहर में लाखों की संख्या में लोगों के लिए आफत खड़ी हो गई है। गंभीर स्थित में वायु प्रदूषण पहुंचने के कारण सांस लेने में दम घुटने के साथ आंख व त्वचा में जलन की समस्या लोगों के सामने खड़ी हो गई है।
एक महीने में दो से ढाई गुना तक एक्यूआइ में हुई वृद्धि को रोकने के लिए नियंत्रण के उपाय विफल साबित हो रहे है। शुक्रवार को पूरे दिन शहर में धुंध बनी रही है। इसके कारण सूर्य भी लोगों को नहीं दिखाई पड़ा है। औद्योगिक इकाई, यातायात, सड़क की धूल व जनरेटर सहित अन्य माध्यमों से प्रदूषित हो रही वायु के कारण सांस से संबंधित बीमारियां लोगों में फैल रही है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से शुक्रवार शाम पांच बजे जारी आंकड़े के मुताबिक नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 406 व ग्रेटर नोएडा का 425 के साथ गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया है। इस बीच नोएडा में चार स्थानों पर सेक्टर- 116 में 417, सेक्टर- 1 में 391, सेक्टर- 62 में 467, सेक्टर- 125 में 351 एक्यूआइ दर्ज किया गया है।

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