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    Noida Pollution: नोएडा में शुरू हुआ UP का पहला एंटी स्मॉग टावर, तकनीकी खराबी के कारण था बंद, जल्द साफ होगी हवा

    By Abhishek TiwariEdited By:
    Updated: Sat, 05 Nov 2022 11:11 AM (IST)

    Noida Air Pollution नोएडा में उत्तर प्रदेश का पहला एंटी स्मॉग टावर शुरू हो गया है। यह अभी तक तकनीकी खराबी के कारण था। इसके शुरू होने से जल्द हवा के साफ होने की उम्मीद जताई जा रही है। दिनभर धुंध छाई रहने से लोगों को परेशानी हो रही है।

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    Noida Pollution: नोएडा में शुरू हुआ UP का पहला एंटी स्मॉग टावर

    नोएडा, जागरण डिजिटल डेस्क। दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते हवा लगातार 'जहरीली' होती जा रही है। इसी के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में एंटी स्मॉग टावर शुरू किया गया है। इसके शुरू होने से एनसीआर की हवा की गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद जताई जा रही है। बता दें कि नोएडा में डीएनडी के पास बना एंटी स्मॉग टॉवर अभी तक तकनीकी खराबी की वजह से बंद था।

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    शिकायत का मंत्री ने लिया संज्ञान

    इस संबंध में प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्त नंदी कहा, "मुझे जानकारी मिली थी कि एंटी स्मॉग टॉवर काम नहीं कर रहा था। शिकायत मिलने पर मैंने इसका संज्ञान लिया। मैंने नोएडा अथॉरिटी के उच्च अधिकारीयों से बात की और एंटी स्मॉग टॉवर को जल्द से जल्द शुरू करने के निर्देश दिए थे।

    उन्होंने बताया कि शुक्रवार देर रात एंटी स्मॉग टॉवर ने काम करना शुरू कर दिया है। यह अभी तक कुछ तकनीकी खराबी की वजह से काम नहीं कर रहा था। लोगों को प्रदूषण से बचाने के लिए हमारी सरकार कटिबद्ध है।

    हवा को प्रदूषण से करेगा मुक्त

    उल्लेखनीय है कि नोएडा के सेक्टर-16 स्थित फिल्म सिटी के पास एक साल पहले प्रदेश का पहला प्रोटोटाइप वायु प्रदूषण नियंत्रण टावर लगाया गया। दावा किया गया कि ये टावर एक वर्ग किमी के दायरे की हवा को प्रदूषण मुक्त करेगा। पायलट प्रोजेक्ट की तर्ज पर शुरू टावर संकट के इस दौर में तकनीकी दिक्कतों के चलते बंद है, जिसको ठीक कराने की याद अब नोएडा प्राधिकरण को आई।

    तीन करोड़ की लागत से बना है टावर

    दावा किया गया है कि टावर प्रदूषित गैसों पर भी असरदार है, लेकिन जब हवा में जहर और पीएम-2.5, पीएम-10 दोनों की मात्रा इतनी ज्यादा है कि लोगों का सांस लेना तक मुश्किल हो रहा है। ऐसे समय में टावर लोगों की मदद करने की जगह बंद था। जानकारी के मुताबिक, इस टावर को तीन करोड़ की लागत से बनाया गया है। संचालन भेल को करना है, जिसका खर्चा नोएडा प्राधिकरण वहन कर रहा है।

    ग्रैप का चौथा चरण लागू

    बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में बिगड़ती वायु की गुणवत्ता के मद्देनजर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चौथे चरण के तहत विभिन्न उपायों को लागू किया गया है। नोएडा में डीजल से संचालित इंडस्ट्री, स्कूल, वाहनों को बंद कर दिया गया। बीते एक सप्ताह से जिले में एक्यूआई का स्तर लगातार बढ़ रहा है। हालत यह है कि यहां का एक्यूआई 400 से पार चला गया है।

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