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    NEET एग्जाम पास कराने के नाम पर अभिभावकों को चूना लगाने की कोशिश में थे ठग, पुलिस ने तीन आरोपियों को दबोचा

    Updated: Sun, 04 May 2025 10:49 PM (IST)

    देश में रविवार को नीट यूजी की परीक्षा आयोजित हुई। एसटीएफ को जानकारी मिली थी कि नीट यूजी की परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यार्थियों के स्वजन से ठग संपर्क कर रहे हैं। वह परीक्षा पास कराने का झांसा दे रहे हैं। इसके एवज में मोटी रकम की डिमांड की जा रही है। इस गिरोह का कार्यालय नोएडा फेज वन थाना क्षेत्र के सेक्टर तीन में स्थित है।

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    नोएडा में नीट एग्जाम में पास कराने के नाम पर ठगने वाले तीन धरे।

    जागरण संवाददाता, नोएडा। एसटीएफ नोएडा ने नीट यूजी प्रतियोगी परिक्षाओं में पास कराने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के तीन सदस्य को नोएडा सेक्टर तीन स्थित कार्यालय से शनिवार रात को गिरफ्तार किया। उनसे दस मोबाइल, दो आधार, एक पेन, एक क्रेडिट, एक वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, चेकबुक, मैकबुक, फाच्यूर्नर कार व अभ्यार्थियों का डेटा बरामद किया। पुलिस आरोपितों के साथियों की पहचान और तलाश में जुटी है।

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    देश में रविवार को नीट यूजी की परीक्षा आयोजित हुई। एसटीएफ को जानकारी मिली थी कि नीट यूजी की परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यार्थियों के स्वजन से ठग संपर्क कर रहे हैं। वह परीक्षा पास कराने का झांसा दे रहे हैं। इसके एवज में मोटी रकम की डिमांड की जा रही है। इस गिरोह का कार्यालय नोएडा फेज वन थाना क्षेत्र के सेक्टर तीन में स्थित है। इस सूचना पर एसटीएफ नोएडा टीम ने तीनों आरोपितों को गिरफ्तार किया। इनकी पहचान दिल्ली लक्ष्मी नगर के विक्रम कुमार साह व अनिकेत कुमार, दिल्ली शिवपुर वेस्ट सागरपुर के धर्मपाल सिंह  के रूप में हुई। 

    30 प्रतिशत कमीशन पर प्रवेश दिलाने का दिया भरोसा

    गिरफ्तार विक्रम कुमार साह ने पूछताछ में बताया कि वह साल 2011 में बिहार दरभंगा से चेन्नई के विनायका मिशन, विश्वविद्यालय गया था। वहां पर बायो टक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन के लिए प्रवेश लिया था। वहां पर उसकी मुलाकात अनिकेत से हुई थी। दोनों मिलकर 30 प्रतिशत कमीशन पर विनायका में प्रवेश दिलाने का काम करने लगे। यहां से पोस्ट ग्रेजुऐशन करने के बाद  दिल्ली आ गए थे। दिल्ली में दोनों की मुलाकात धर्मपाल सिंह से हुई थी। तीनों ने मिलकर एडमिशन व्यू नाम से एक कंपनी की शुरुआत की थी। 

    पास कराने के लिए 5 लाख का करते थे डिमांड

    इसके बाद एमबीबीएस के अभ्यर्थियों का डाटा इकट्ठा किया था। उइसे संपर्क करके एडमिशन कराने के नाम पर पैसे लेकर ठगी का काम करने लगे। ठगी करने के लिए प्रति अभ्यर्थी पास कराने के नाम पर पांच लाख रुपये डिमांड करते थे। यह रुपये बैंक खाते और चेक के माध्यम से लेते थे। तीनों इस बार के नीट का एग्जाम होने पर प्लान बनाया था। दोबारा से अभ्यार्थियों का डाटा एकत्रित किया था। उनके स्वजन को फोन कर पास कराने के लिए पैसों की डिमांड कर रहे थे, लेकिन इस बार पुलिस के हत्थे चढ़ गए।

    ओएमआर शीट छुड़वाते थे खाली: पूछताछ में सामने आया

    आरोपी अभ्यार्थियों से कहते थे कि एग्जाम देते समय जिन प्रश्नों के उत्तर आते हैं। केवल उन्हें ही ओएमआर शीट में भरे और बाकी को खाली छोड़ दें। उनकी ओएमआर शीट को निकाल कर सही उत्तर भर देने का दावा करते थे। यदि अभ्यर्थी का प्रवेश होने पर पैसा इनका हो जाता। न होने की दशा में यह टालते रहते या अधिक दबाव पड़ने पर स्थान बदल कर भाग जाते थे। इस कंपनी के खिलाफ विभिन्न स्थानों पर शिकायतें दर्ज हो गईं थी। तीनों ने वर्ष 2023 में एक नई कंपनी श्रीयनवी एडू ओपीसी प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी बनाई थी। कंपनी का कार्यालय नोएडा सेक्टर तीन के पते पर रजिस्ट्रेशन कराया था।

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