नोएडा में घर का सपना देखने वालों के लिए जरूरी खबर, आवासीय भूखंड योजना में हुआ बड़ा बदलाव
Yeida Plot Scheme नोएडा में अपना घर का सपना देखने वाले लोगों के लिए बेहद काम की खबर है। दीवाली पर यीडा एक बार फिर से आवासीय भूखंड योजना ला रहा है। लेक ...और पढ़ें

अरविंद मिश्रा, ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण (यीडा) ने आवासीय योजना में भूखंड की कुल कीमत का किस्तों में भुगतान का विकल्प समाप्त कर दिया है। केवल एक मुश्त का विकल्प ही आवेदकों को दिया जाएगा।
किसान समेत आरक्षित श्रेणी में भी केवल एक मुश्त भुगतान का विकल्प ही आवेदकों को मिलेगा। किस्तों में भुगतान के विकल्प में आवेदन न आने के बाद प्राधिकरण ने यह फैसला लिया है।
यमुना प्राधिकरण ( दीपावली के दिन यानि बृहस्पतिवार को 821 भूखंड की योजना निकालने जा रहा है, लेकिन इस योजना में प्राधिकरण ने भुगतान के विकल्प में बदलाव कर दिया है। प्राधिकरण अभी तक आवासीय भूखंड योजना में भुगतान के लिए तीन विकल्प देता था।
पहले विकल्प में एक मुश्त भुगतान, दूसरे विकल्प में पचास प्रतिशत एक मुश्त व शेष पचास प्रतिशत किस्तों में व तीसरे विकल्प में तीस प्रतिशत एक मुश्त व 70 प्रतिशत छमाही किस्तों में भुगतान का विकल्प दिया जाता था। आवेदन के दौरान ही आवेदक को इसमें से एक विकल्प का चयन करने की अनिवार्यता थी।
एक मुश्त भुगतान का विकल्प चुनने वालों की काफी अधिक संख्या
अगर भूखंड की संख्या के सापेक्ष एक मुश्त भुगतान का विकल्प देने वालों की संख्या अधिक रहने पर केवल उन्हें ही ड्रॉ में शामिल किया जाता था। ड्रॉ से वंचित होने के लिए ज्यादातर आवेदक एक मुश्त विकल्प का भुगतान ही भर रहे थे। यहां तक कि किसान व अन्य आरक्षित श्रेणी में भी केवल एक मुश्त भुगतान का विकल्प देने वाले आवेदक ही शामिल थे।

इसे देखते हुए प्राधिकरण एक किस्तों में भुगतान के अन्य दोनों विकल्पों को समाप्त कर दिया है। प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डा. अरुणवीर सिंह का कहना है कि सामान्य व आरक्षित श्रेणी में एक मुश्त भुगतान का विकल्प चुनने वालों की काफी अधिक संख्या है। इसलिए किस्तों में भुगतान के विकल्प को समाप्त करते हुए केवल एक ही विकल्प देने का फैसला हुआ है। यह आगामी योजना में लागू होगा।
आवेदकों में नहीं रहेगी भ्रम की स्थिति
आवेदन के दौरान कई आवेदक किस्तों में भुगतान का चयन कर लेते हैं, लेकिन ड्रा में वंचित होने की स्थिति को देखते हुए प्राधिकरण में प्रार्थना पत्र देकर अपील करते हैं कि उन्होंने त्रुटिवश या अज्ञानतावश किस्त वाले विकल्प का चयन कर लिया है। उन्हें एक मुश्त वाले विकल्प में शामिल कर लिया जाए।
पिछली योजना में प्राधिकरण के सामने इस तरह के कई केस सामने आए थे। एक ही विकल्प रहने से आवेदकों के लिए त्रुटि की संभावना समाप्त हो जाएगी।

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