Move to Jagran APP

नोएडा की महिला ने मांगी इच्छा मृत्यु, राष्ट्रपति को लिखा पत्र; बिल्डर से फ्लैट न मिलने से है नाराज

Woman Wants Euthanasia ग्रेटर नोएडा वेस्ट की एक बिल्डर परियोजना में फ्लैट न मिलने से नाराज महिला ने राष्ट्रपति के नाम पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु दिए जाने की मांग की है। महिला का आरोप है कि वह शासन-प्रशासन यूपी रेरा व बिल्डर कार्यालय के चक्कर काटकर थक चुकी है।

By ravi kumar singhEdited By: GeetarjunPublished: Wed, 01 Feb 2023 10:02 PM (IST)Updated: Wed, 01 Feb 2023 10:02 PM (IST)
नोएडा की महिला ने मांगी इच्छा मृत्यु, राष्ट्रपति को लिखा पत्र; बिल्डर से फ्लैट न मिलने से है नाराज
नोएडा की महिला ने मांगी इच्छा मृत्यु, राष्ट्रपति को लिखा पत्र; बिल्डर से फ्लैट न मिलने से है नाराज

नोएडा, जागरण संवाददाता। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की एक बिल्डर परियोजना में फ्लैट न मिलने से नाराज महिला ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु दिए जाने की मांग की है। महिला का आरोप है कि वह शासन-प्रशासन, यूपी रेरा व बिल्डर कार्यालय के चक्कर काटकर थक चुकी है, लेकिन उसे कहीं से भी न्याय नहीं मिला है।

loksabha election banner

जीवन भर की जमा पूंजी वह बिल्डर को सौंप चुकी है। उसके बाद भी उसे आशियाना नहीं मिला। यदि सरकार अथवा प्रशासन उसे घर नहीं दिला सकते तो इच्छा मृत्यु दें दे।

2017 में बुक कराया था फ्लैट

ग्रेटर नोएडा वेस्ट की इकोविलेज तीन में महिला अपने परिवार के साथ किराये पर रहती हैं। उन्होंने बताया कि वह मूलरूप से कोलकता की रहने वाली है, लेकिन पिछले 12 साल से दिल्ली में ही रह रही हैं। उन्होंने वर्ष 2017 में ग्रेनो वेस्ट स्थित सुपरटेक स्पोर्ट विलेज में फ्लैट बुक कराया था।

2019 तक फ्लैट पर कब्जा देने का किया था वादा

बिल्डर ने फ्लैट बुकिंग के दौरान 2019 तक फ्लैट पर कब्जा देने का वादा किया था, लेकिन बिल्डर बायर एग्रीमेंट के मुताबिक उन्हें देय समय में घर नहीं मिला। उसके बाद कोरोना में उनके पति का देहांत हो गया। वह बूढ़ी सास व अपनी आठ साल की बेटी के साथ ग्रेटर नोएडा वेस्ट में किराये पर रह रही हैं। पति की मृत्यु के बाद पूरा परिवार मानसिक प्रताड़ना से पीड़ित है।

सरकार और प्रशासन से भी लगाई गुहार

शासन-प्रशासन से गुहार लगाने के बाद भी उन्हें फ्लैट नहीं मिला। वह बिल्डर को फ्लैट की कीमत का तकरीबन 80 प्रतिशत भुगतान कर चुकी है। उन्होंने बताया कि 25 लाख में उन्होंने फ्लैट खरीदा था। फ्लैट की कीमत का 20 लाख रुपये वह बिल्डर को अदा कर चुकी है। उन्हें कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है। उन्होंने थक हारकर राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है।

भारत में सुप्रीम कोर्ट ने दिया इच्छामृत्यु का हक (Euthanasia right in India)

सुप्रीम कोर्ट ने सम्मान से मरने के अधिकार को मान्यता देते हुए भारत के लोगों को जिंदगी की वसीयत (लिविंग विल) में इच्छामृत्यु का हक 2018 में दे दिया था। उच्चतम न्यायालय ने अपने ऐतिहासिक फैसले में असाध्य रोग से ग्रस्त व्यक्ति को निष्क्रिय इच्छामृत्यु का कानूनी अधिकार प्रदान कर दिया है। दूरगामी परिणामों वाला यह ऐतिहासिक फैसला मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सुनाया था।

कोर्ट ने माना कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मिले सम्मान से जीवन जीने के अधिकार में सम्मान से मरने का अधिकार शामिल है। बेल्जियम, लग्जमबर्ग, हॉलैंड, स्विटजरलैंड, जर्मनी और अमेरिका के ओरेगन और वाशिंगटन राज्यों में इसको कानूनी मान्यता मिली हुई है।

इच्छामृत्यु दो प्रकार की होती है (Types of Euthanasia)

पैसिव यूथेनेसिया या निष्क्रिय इच्छामृत्यु (Passive Euthanasia)

जीवन रक्षण प्रणाली को हटाकर प्राकृतिक रूप से मौत के लिए छोड़ दिया जाता है। दवाएं बंद कर दी जाती हैं। खाना और पानी बंद कर दिया जाता है।

एक्टिव यूथेनेसिया या सक्रिय इच्छामृत्यु (Active Euthanasia)

मौत के लिए सीधे कदम उठाए जाते हैं। इसमें जहरीला इंजेक्शन भी शामिल हो सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.