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    Exclusive: नोएडा में अफसरों की सांठगांठ का चौंकाने वाला खुलासा, जांच में खुले कई बड़े राज

    Updated: Fri, 16 May 2025 09:12 AM (IST)

    नोएडा में डोर टू डोर कचरा एकत्र करने वाली कंपनी एजी एनवायरो इंफ्रा प्रोजेक्ट्स और प्राधिकरण के अधिकारियों की मिलीभगत से कचरे में घोटाले की बू आ रही है। कंपनी बल्क वेस्ट जेनरेटरों से अवैध रूप से कचरा उठाकर प्राधिकरण से भुगतान वसूल रही थी जिससे करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ। सीईओ ने जांच के आदेश दिए हैं।

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    नोएडा में कचरे में घोटाले की बू। जागरण

    कुंदन तिवारी,  नोएडा। डोर टू डोर कूडा एकत्र करने वाली एजी एनवायरो इंफ्रा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और प्राधिकरण जन स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों की सांठगांठ का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। अधिकारियों की शह पर कंपनी बल्क वेस्ट जेनरेटर (सौ किलोग्राम से अधिक कचरा उत्पादक) का कचरा उठा कर निस्तारित कर रही थी।

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    इसके एवज में प्रति मीट्रिक टन 1400 रुपये का प्राधिकरण भुगतान वसूल रही थी। जबकि कंपनी को बल्क वेस्ट जेनरेटर से कचरा ही नहीं उठाना था, लेकिन कंपनी ने कचरा उठाने के साथ प्रति फ्लैट (25 से 70 रुपये प्रति माह) निस्तारण शुल्क भी वसूल किया।

    करीब दो करोड़ रुपये प्रति माह उगाही की गई, लेकिन यह राशि प्राधिकरण खाते में जमा नहीं हुई। घोटाले को बहुत ही सुनियोजित ढंग से वर्ष 2019 से अधिकारियों और कंपनी की ओर से अंजाम दिया जा रहा था।

    बता दें कि कंपनी को वर्ष 2019 में 600 मीट्रिक टन कचरा निस्तारण का टेंडर जारी हुआ, लेकिन कंपनी ने 900 मीट्रिक टन कचरा प्रतिदिन निस्तारित किया, 300 मीट्रिक टन कचरा निस्तारण का शुल्क प्राधिकरण से कराया गया।

    लगातार बढ़ रहा गंदगी का अंबार 

    यहीं कारण है कि छह वर्ष में पांच हजार वर्ग मीटर से अधिक वाले भूखंड जो बल्क वेस्ट जेनरेटर की श्रेणी में आते हैं, ग्रुप हाउसिंग सोसायटी, होटल, रेस्तरां, आईटी/ आइटीएस समेत अन्य व्यापारिक व औद्योगिक संस्थान में एक भी कचरा निस्तारण प्लांट नहीं लग सका। जबकि कचरा प्रबंधन नीति के तहत गीला-सूखा कचरा निस्तारण प्लांट लगना जरूरी था। जब भी शीर्ष अधिकारियों ने दबाव बनाया स्वास्थ्य विभाग अधिकारी नोटिस जारी इतिश्रि कर ली। यहीं कारण है कि शहर में लगातार गंदगी का अंबार बढ़ रहा। उन जगहों से कचरा उठाया ही नहीं जा रहा, जहां के लिए कंपनी का चयन हुआ।

    प्रकरण में प्राधिकरण सीईओ डा लोकेश एम के तत्काल बैठक कर संलिप्त विभागीय और कंपनी अधिकारी के खिलाफ जांच के आदेश दिए है। कानूनी कार्रवाई तक की बात कह दी है। इससे दस वर्ष का अनुबंध हासिल करने वाली कंपनी ने छह वर्ष में काम छोड़ने चेतावनी दे दी है।

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    1800 फ्लैट से प्रतिमाह 45 हजार रुपये लेकर एजेंसी को भुगतान किया जा रहा है। नौ वर्ष से एक एजेंसी को कचरा दिया जा रहा है, छह माह बदली गई है। - अभिनव सैनी, एओए अध्यक्ष, ग्रैंड अजनारा हेरिटेज

    800 फ्लैट के लिए हर माह 25,000 रुपये कचरा ले जाने वाली कंपनी को भुगतान किया जा रहा है। - सुरोजीत दासगुप्ता, एओए महासचिव, एक्सोटिका फ्रेस्को

    मामला संज्ञान में आने के बाद बैठक की गई है, प्रकरण की जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। - डा लोकेश एम, सीईओ, नोएडा प्राधिकरण