Noida Twin Towers: सुपरटेक की ध्वस्त इमारत के मलबे से बनवा सकते हैं घर, वो भी रियायती दर पर
Noida Twin Towers मलबा रीसाइकल करने वाली कंपनी ने नोएडा प्राधिकरण से नो प्रॉफिट नो लॉस के तहत समझौता किया है। इसलिए रीसाइक्लिंग के बाद बनने वाली निर्माण सामग्री मार्केट से सस्ती कीमत पर मिल सकेगी। जानें- क्या-क्या होगा इस निर्माण सामग्री में?

नोएडा, ऑनलाइन डेस्क। Noida Twin Towers: नोएडा सेक्टर 93ए स्थित सुपरटेक की अवैध बहुमंजिला इमारतें (ट्विन टॉवर्स) रविवार (28 अगस्त 2022) को ध्वस्त हो चुकी हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भ्रष्टाचार की इन इमारतों को गिराया जाना एक ऐतिहासिक लम्हा था। देश में इससे पहले कभी भी इतनी बड़ी बिल्डिंग को ध्वस्त नहीं किया गया था। आप इन ध्वस्त टॉवर के मलबे का इस्तेमाल अपने सपनों का आशियाना बनाने में कर सकते हैं, वो भी रियायती दरों पर।
सुपरटेक की जो दो अवैध बहुमंजिला रियाहयशी इमारतें ध्वस्त हुई हैं, उनमें से एक 29 मंजिला सियान टॉवर था, जिसकी ऊंचाई 95 मीटर थी। दूसरे टॉवर का नाम एपेक्स था, जो 32 मंजिला था और इसकी ऊंचाई 102 मीटर थी। दोनों टॉवरों को 28 अगस्त 2022 को 3700 किलो विस्फोटक लगाकर ध्वस्त किया गया। दोनों टॉवर को ध्वस्त करने में मात्र 9 से 13 सेकेंड का समय लगा। अब चुनौती है इसके पहाड़ जैसे मलबे को हटाना और उसका उचित तरीके से निस्तारण करना।
30 हजार टन मलबे का होगा निस्तारण
ट्विन टॉवर्स के मलबे का निस्तारण नोएडा के सेक्टर 80 स्थिति रैमकी रीसाइक्लिंग प्लांट (Ramky Reclamation And Recycling Pvt Ltd) में होगा। प्लांट में कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन (C&D) प्रोजेक्ट के हेड मुकेश धीमान बताते हैं कि टॉवर से निकलने वाले कुल लगभग 30 हजार टन मलबे का निस्तारण उनके प्लांट में होगा। मलबे के बड़े-बड़े टुकड़ों को क्रशर में छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ा जाएगा। इसके बाद टुकड़ों और उसके चूरों के आकार के अनुसार उन्हें विभिन्न निर्माण कार्यों में प्रयोग किया जा सकेगा।
मलबे से बनेगी निर्माण सामग्री
बड़े-बड़े पत्थरों को क्रशर में तोड़ने के बाद करीब 30 फीसद मलबे से इंटरलॉकिंग टाइल्स बनेगी। इन टाइल्स का प्रयोग फुटपाथ आदि के निर्माण में प्रयोग किया जा सकेगा। ये क्रशर से निकलने वाला सबसे बारीक चूरा होगा। उससे थोड़े से मोटे चूरे का इस्तेमाल प्लास्टर और ईंटों की चुनाई (जोड़ने) में किया जा सकेगा। छोटी गिट्टियां घर की छत अथवा फर्श बनाने में काम आएंगी। बड़ी गिट्टियों का इस्तेमाल सड़क निर्माण में हो सकेगा।
कोई भी खरीद सकता है निर्माण सामग्री
रिसाइकिलिंग प्लांज के प्रोजेक्ट हेड मुकेश धीमान बताते हैं कि मलबे के निस्तारण के बाद जो टाइलें अथवा निर्माण सामग्री बनेगी, उसे कंपनी द्वारा ओपन मार्केट में बेचा जाएगा। मतलब सरकारी संस्था समेत कोई बिल्डर अथवा कोई भी व्यक्ति निजी कंस्ट्रक्शन के लिए ये निर्माण सामग्री खरीद सकता है।
20 से 30 फीसद सस्ती होगी निर्माण सामग्री
मुकेश धीमान ने बताया कि मलबे के निस्तारण के लिए 'न लाभ, न नुकसान' (No Profit, No Loss) के तहत प्राधिकरण से समझौता हुआ है। लिहाजा, इस मलबे से जो सामग्री बनेगी, उसे रियायती दर पर बेचा जाएगा। इसलिए मार्केट रेट से इसकी कीमतें 20 से 30 फीसद तक कम होगी। निस्तारण शुरू होने के बाद, कोई भी प्लांट से ये निर्माण सामग्री खरीद सकेगा।
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