Noida Traffic: व्यस्त समय में इन 37 जगहों पर लगता है जाम, फूलती है वाहन चालकों की सांस
हर तरीके से नुकसान इन 37 जाम के हाटस्पाटों पर रोज सुबह-शाम घंटों जाम लगने से राहगीरों को व्यक्तिगत नुकसान तो होता ही है पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है। वाहनों में अधिक ईंधन जलता है। इससे वायु प्रदूषित होती है। ईंधन का अतिरिक्त खर्च आता है। जाम से ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ता है। राहगीरों का समय बर्बाद होता है।

संवाददाता जागरण, नोएडा। जिले में सुबह-शाम व्यस्त समय में 37 स्थान जाम के हाटस्पाट बनते हैं। इन स्थानों पर रोजाना व्यस्त समय में जाम लगता है। इससे राहगीरों का अतिरिक्त ईंधन फुंकता है। वायु और ध्वनि प्रदूषण होता है। समय व धन की बर्बादी होती है। बावजूद इसके समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो पा रहा है।
यह स्थान बनते हैं जाम के हाटस्पाट
यातायात पुलिस ने व्यस्त समय में जाम के हाटस्पाट बनने वाले स्थानों को चिह्नित किया है। उनमें डीएनडी से ग्रेटर नोएडा की ओर उतरने वाला लूप, दलित प्रेरणा स्थल पर जीआइपी की ओर से उतरने वाला लूप, नोएडा सेक्टर-18 गुरुद्वारा के सामने, सेक्टर-18 मेट्रो के नीचे, बोटेनिकल गार्डन मेट्रो के सामने, सेक्टर-37 चौक, सेक्टर-44 गोलचक्कर कट, मयूर स्कूल गोलचक्कर, चरखा गोलचक्कर शामिल है।
इसके अलावा कालिंदी बार्डर, हाजीपुर अंडरपास, जेनेसिस ग्लोबल स्कूल गोलचक्कर, महर्षि आश्रम चौक, सेक्टर-52 मेट्रो, सेक्टर-71 यूटर्न फेज तीन थाने के सामने, सेक्टर-60 से 18 की ओर एलिवेटेड चढ़ने वाला लूप, एलिवेटेड से सेक्टर 60 की ओर उतरने वाला लूप, सेक्टर-59 मेट्रो के नीचे, मामूरा यूटर्न, लेबर चौक, माडल टाउन गोलचक्कर, छिजारसी एसजेएम तिराहा शामिल है।
नोएडा सेक्टर-95 दलित प्रेरणा स्थल के पास दिल्ली जाने वाले मार्ग पर लगे जाम में फंसे वाहन l जागरण आर्काइव
इसके अलावा ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बिसरख गोलचक्कर, किसान चौक, इटेहड़ा गोलचक्कर, शाहबेरी गांव, लालकुंआ, दादरी कस्बा, कंटेनर डिपो के सामने, नहर पुल चौक तिलपता, साकीपुर मोड़, सूरजपुर चौक, कुलेशरा हल्दौनी मोड़ भी हाटस्पाट बनता है। ग्रेटर नोएडा में अल्फा कामर्शियल गोलचक्कर, परी चौक, पी-3 गोलचक्कर व खेलरी नहर पुल दनकौर हाटस्पाट बन जाता है।
रोड इंजीनियरिंग की खामी व अवैध आटो स्टैंड हैं कारण
यातायात पुलिस की मानें तो ज्यादातर स्थानों के हाटस्पाट बनने का कारण रोड इंजीनियरिंग में खामी और अवैध आटो स्टैंड हैं। बतौर बानगी माडल टाउन गोलचक्कर पर आटो स्टैंड निर्धारित नहीं है। आटो से उतरने-चढ़ने और पैदल सड़क पार करने वाले लोगों की वजह से वाहनों की रफ्तार धीमी हो जाती है। व्यस्त समय में जबरदस्त जाम लगता है। सेक्टर-37 में आटो व बस स्टैंड की वजह से जाम लगता है।
इसी तरह सेक्टर-71 में यूटर्न कम चौड़ा होने के कारण हाटस्पाट बनता है। एलिवेटेड से सेक्टर-60 की ओर उतरने वाले लूप के हाटस्पाट बनने का कारण लेफ्ट यूटर्न का चौड़ा न होना है। लेबर चौक पर फुटओवरब्रिज न होने से जाम लगता है। छिजारसी एसजेएम तिराहा पर मार्ग का कम चौड़ा होना और स्थायी यूटर्न न होना हाटस्पाट का कारण बनता है। इटेहड़ा गोलचक्कर को बंद करके यूटर्न बनाए जाने पर यहां का हाटस्पाट खत्म हो सकता है।
यातायात पुलिस की पड़ती है आवश्यकता
व्यस्त समय में जाम के हाटस्पाट बनने वाले ज्यादातर स्थानों पर यातायात पुलिसकर्मियों की तैनाती होती है। बावजूद इसके समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो रहा है। कई बार जाम लंबा होने पर अतिरिक्त यातायात पुलिसकर्मियों की जरूरत पड़ती है। यदि रोड इंजीनियरिंग, आटो स्टैंड व अन्य समस्याओं का समाधान हो तो जाम नहीं लगेगा।
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रोड इंजीनियरिंग की खामियों को दूर कराने के लिए प्राधिकरणों से पत्राचार किया जा रहा है। सुझाव के मानते हुए गौर चौक पर काम भी शुरू हो गया है। जाम के हाटस्पाटों पर यातायात पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाकर यातायात को सुगम बनाने पर जोर है। - लखन सिंह यादव, पुलिस उपायुक्त, यातायात, गौतमबुद्ध नगर
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