नोएडा में आवासीय प्लॉट पाने का सुनहरा मौका, प्राधिकरण जल्द ही लाने जा रहा है खास योजना; पढ़ें डिटेल
यमुना प्राधिकरण जल्द ही एक और आवासीय भूखंड योजना शुरू करने जा रहा है जिसमें छोटे आकार के भूखंड शामिल होंगे। यह योजना सेक्टर 15 सी में शुरू होगी और इसका उद्देश्य राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य को पूरा करना है। पिछली योजनाओं को मिली सफलता के बाद प्राधिकरण इस योजना से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास घर बनाने का अवसर देगा। योजना नवरात्रि तक लॉन्च होने की उम्मीद है।

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण एक बार फिर आवासीय भूखंड योजना की तैयारी कर रहा है। इस योजना में दो सौ वर्गमीटर से छोटे भूखंड शामिल होंगे। प्राधिकरण आवासीय योजना के लिए पहली बार सेक्टर 15 सी को खोलने जा रहा है। अभी तक प्राधिकरण ने इस सेक्टर में कोई भी भूखंड योजना लांच नहीं की है।
वित्त वर्ष में राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य हासिल करने के लिए यीडा आवासीय योजना पर विशेष जोर दे रहा है। आवासीय भूखंड योजना से लोगों को जल्द शुरू होने जा रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नजदीक घर बनाने का मौका मिलेगा।
यमुना प्राधिकरण ने चालू वित्त वर्ष में दो सौ वर्गमीटर के 276 आवासीय भूखंड की योजना निकाली। इस योजना में प्राधिकरण को 276 भूखंडों के सापेक्ष 54 हजार से अधिक आवेदन मिले थे। प्राधिकरण को पंजीकरण राशि के अलावा ब्रोशर की बिक्री से करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये की कमाई हुई थी।
पिछले वित्त वर्ष में भी प्राधिकरण की दो आवासीय भूखंड योजना में दो लाख से अधिक आवेदन मिले थे। आवासीय भूखंड योजना प्राधिकरण के लिए वित्त वर्ष में राजस्व लक्ष्य प्राप्ति में अहम है। इसलिए नई भूखंड योजना की रूपरेखा तैयार की जा रही है।
नवरात्र में यह योजना लांच होने की उम्मीद है। योजना में 162 से लेकर 300 वर्गमीटर के भूखंड शामिल हो सकते हैं। हालांकि अभी भूखंडों का आकार और संख्या तय करने पर प्राधिकरण का नियोजन विभाग मंथन कर रहा है। प्राधिकरण में भूखंडों के सापेक्ष कीमत का भुगतान एक मुश्त करने का नियम है। इसलिए छोटे आकार के भूखंडों होने से योजना में आवेदकों की संख्या काफी बढ़ जात है। इसलिए प्राधिकरण योजना में 120 वर्गमीटर के भूखंड भी शामिल कर सकता है।
मौजूदा समय में आवासीय भूखंड की आवंटन दर 35 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर है। प्राधिकरण के ओएसडी शैलेंद्र भाटिया का कहना है कि आवासीय भूखंड योजना निकालने पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए सेक्टरों में जमीन चिह्नित कर भूखंडों का आकार और संख्या तय की जाएगी।

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