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    नोएडा में उद्योग मार्ग को मॉडल रोड बनाने की कवायद फिर से शुरू, लोगों को जाम से राहत मिलने की उम्मीद

    Updated: Wed, 16 Jul 2025 04:35 PM (IST)

    नोएडा में उद्योग मार्ग को मॉडल रोड बनाने की परियोजना अटकी। प्राधिकरण सीईओ के निर्देश पर नई आरएफपी जारी होगी क्योंकि चयनित एजेंसी के साथ रेट पर सहमति नहीं बन पाई। परियोजना की लागत 49 करोड़ से घटाकर 42 करोड़ करने का प्रयास है। सीबीआइ से अनुमति मिल चुकी है जिससे अब काम शुरू हो सकेगा।

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    उद्योग मार्ग को माॅडल रोड बनाने की आरएफपी फिर से जारी होगी।

    जागरण संवाददाता, नोएडा : उद्योग मार्ग को माॅडल रोड बनाने का काम शुरू होने से पहले ही अटक गया है, जिस एजेंसी का टेंडर प्रक्रिया के तहत चयन किया गया था। उसमें अब रेट को लेकर प्राधिकरण से सहमति नहीं बन पाई है।

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    ऐसे में अब प्राधिकरण सीईओ के निर्देश पर परियोजना के लिए नए सिरे से रिक्वेस्ट फाॅर प्रपोजल (आरएफपी) जारी होगा। बता दें कि सेक्टर-1 गोलचक्कर से सेक्टर-11 झुंडपुरा तिराहे तक उद्योग मार्ग का हिस्सा आता है।

    इसी उद्योग मार्ग से सेक्टर-6 प्राधिकरण दफ्तर के लिए रास्ता जाता है। प्राधिकरण में समय-समय पर निवेशक व नामचीन लोग आते रहते हैं। इस रास्ते पर जगह-जगह औद्योगिक कंपनियां, कारों के शोरूम व अन्य चीजें हैं।

    ऐसे में यहां हर समय जाम लगा रहता है। सड़क की चौड़ाई कम होने की वजह से अन्य दिक्कतें भी आती हैं। ऐसे में इस सड़क को माॅडल रोड बनाने का निर्णय करीब एक साल पहले प्राधिकरण ने लिया था। इसके लिए पिछले साल टेंडर जारी किए गए थे।

    तीन-चार बार टेंडर जारी करने के बाद भी किसी एजेंसी का चयन नहीं हो सका था। करीब छह महीने पहले एक एजेंसी को चयनित कर लिया गया। प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि अब इस एजेंसी से रेट को लेकर बात अटक गई है।

    प्राधिकरण की योजना के मुताबिक उद्योग मार्ग को माॅडल रोड बनाने की परियोजना पर करीब 49 करोड़ रुपये खर्च किए जाने तय किए गए थे, लेकिन प्राधिकरण सीईओ ने इस परियोजना पर करीब 42 करोड़ रुपये से अधिक नहीं खर्च करने की बात कही है। अब इस लागत पर माडल रोड बनवाने का प्रयास किया जाएगा।

    सीबीआई से मिल चुकी अनुमति

    करीब 15 साल पहले उद्योग मार्ग पर बिजली की अंडरग्राउंड केबल लाइन डालने को लेकर घपला हुआ था। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है। ऐसे में उद्योग मार्ग पर कोई भी काम करने के लिए सीबीआई की अनुमति जरूरी थी।

    इसके लिए प्राधिकरण ने सीबीआई को पत्र लिखा था। करीब तीन-चार माह का समय सीबीआई के जवाब आने में लग गया।

    सीबीआई ने सेक्टर-2 स्थित मंदिर के सामने सावधानीपूर्वक काम करने के निर्देश दिए थे। बाकी हिस्से में कोई दिक्कत नहीं थी। सीबीआई ने प्राधिकरण से कहा है कि यदि खोदाई में केबल क्षतिग्रस्त होती है तो उसे सही करवाकर फिर से डलवाए।

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