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    आखिर कैसे पता था कि एग्जाम किस केंद्र पर होगा ? स्क्राइब के भेष में बीटेक पास साॅल्वर देते थे SSC परीक्षा

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 08:35 PM (IST)

    नोएडा में एसटीएफ ने एक साल्वर गिरोह को पकड़ा है। गिरोह बीटेक पास युवाओं और परीक्षा केंद्र के कर्मचारियों के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा कर रहा था। वे दिव्यांगों के लिए फर्जी प्रमाणपत्र बनवाते थे और परीक्षा में मदद करने के लिए साल्वर भेजते थे। गिरोह का सरगना सागर पांडेय था जो खुद भी परीक्षा में सेंधमारी कर रहा था। एसटीएफ मामले की जांच कर रही है।

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    गिरोह को पहले ही पता था पेपर नोएडा के केंद्र पर पड़ेगा।

    मुनीश शर्मा,नोएडा। नोएडा सेक्टर-80 के परीक्षा केंद्र से 10 किलोमीटर दूर बैठकर मुन्ना भाई यानी सागर पांडेय एसएसपी सीजीएल परीक्षा में नकल का रैकेट चला रहा था। वह परीक्षा केंद्र प्रबंधन कंपनी के सिस्टम में विभीषणें की मदद से सॉल्वर को प्रवेश दिला रहा था।

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    स्क्राइब (दिव्यांग की मदद के लिए लेखक) के भेष में बीटेक पास साॅल्वर से पेपर भी हल करा रहा था। एसटीएफ को भनक लगने पर परत दर परत खुल गईं। अभी भी कई सवाल है जो परीक्षा प्रणाली पर सवालिया निशान लगा रहे हैं।

    क्या गिरोह को पहले से ही पता था कि उसके बनाए फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र पर आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों का पेपर इसी केंद्र पर होगा। इनका जवाब एसटीएफ की जांच में सामने आने की उम्मीद है।

    एसटीएफ की अभी तक जांच में यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि सागर पांडेय एक ओर 50 हजार रुपये लेकर फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र बना रहा था।

    दूसरी ओर डेढ़ से दो लाख रुपये में दिव्यांगों को स्क्राइब भी उपलब्ध करा रहा था। इसके लिए केंद्र के अंदर फिल्डिंग भी सेट की गई। उसके खुद के इनविजिलेटर होते थे।

    प्रवेश से लेकर परीक्षा में मदद कराने की काम हो रहा था। दिव्यांग परीक्षार्थी भी असक्षम होने के बजाय सक्षम निकले हैं। वह भी जुगाड़ के दम पर किसी मेहनती युवक का हक मारकर सरकारी नौकरी पाने में लगे थे।

    जिम्मेदार बरत रहे लापरवाही

    सबसे बड़ा सवाल यह है कि निष्पक्ष एसएससी परीक्षा नहीं होने को लेकर पूरे देश प्रदेश में हो हल्ला हो रहा है। केंद्र व राज्य सरकार हर स्तर पर सतर्कता बरत रही है।

    फिर भी परीक्षा केंद्र प्रबंधन कंपनी के केंद्र प्रभारी की संलिप्ता साल्वर गिरोह से जुड़ी मिली है। इससे साफ है कि जिम्मेदार केवल कागजों में ही सख्ती बरतने का दावा कर रहे हैं।

    नौ दिन तक परीक्षा तीन-तीन पालियों में आयोजित होती रही। गिरोह का सरगना केंद्र के अंदर सर्वेसर्वा से लेकर स्टाफ तक पहुंच बनाकर सेंधमारी कर रहा था।

    नौवें दिन मुख्यालय की टीम के कार्रवाई करने पर फर्जीवाड़ा उजागर होता है। 12 सितंबर से परीक्षा केंद्र पर फर्जीवाड़ा होने की पुष्टि दबी जबान एसटीएफ टीम भी कर रही है।

    एसटीएफ डिप्टी एसपी प्रमेश कुमार शुक्ल ने बताया कि जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों पर भी शिकंजा कसा जाएगा।

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