दिल्ली और गाजियाबाद से लाकर गौतमबुद्धनगर में खपा रहे पाॅलीथीन, जल्द चलेगा अभियान
नोएडा में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध के बावजूद पॉलीथिन का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है। दुकानदार ग्राहकों को खुलेआम पॉलीथिन में सामान दे रहे हैं जबकि अधिकारी कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं। प्लास्टिक के कारण नालियां जाम हो रही हैं और गोवंश बीमार हो रहे हैं। उल्लंघन करने पर जेल और जुर्माने का प्रावधान है।

गजेंद्र पांडेय, ग्रेटर नोएडा। दिल्ली और गाजियाबाद से यूपी के शो विंडो कहे जाने वाले गौतमबुद्धनगर में प्रतिबंधित पाॅलीथीन खपाई जा रही है। दुकानदार भी खुलेआम धड़ल्ले से ग्राहकों को प्रतिबंधित पाॅलीथीन में सामान थमा रहे हैं।
प्राधिकरण, नगर पालिका और नगर पंचायत के अधिकारी भी कार्रवाई के नाम पर कागजी खानापूर्ति कर रहे हैं। यही नहीं लोग भी प्रतिबंधित पाॅलीथीन का उपयोग रोकने में जागरूकता नहीं दिखा रहे हैं।
केंद्र सरकार ने दो अक्टूबर 2019 को सिंगल यूज प्लास्टिक व पाॅलीथीन का उपयोग प्रतिबंधित कर दिया गया था, जिसे करीब छह वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन पाॅलीथीन का उपयोग अभी भी धड़ल्ले से जारी है।
अधिकारियों का दावा है कि जिले में ऐसी एक भी फैक्ट्री या कारखाना नहीं है, जहां पर प्रतिबंधित प्लास्टिक की सामग्री या पाॅलीथीन बनाकर बिक्री की जा रही है।
सामग्री चोरी चुपके खपाई जा रही
संबंधित विभागों के अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली और गाजियाबाद से ही अपने जिले में पाॅलीथीन समेत अन्य प्लास्टिक की सामग्री चोरी चुपके खपाई जा रही है। ऐच्छर मार्केट के सब्जी विक्रेता अनुज का कहना है कि लोग घर से थैला लेकर ही नहीं आते, इसलिए मजबूरी में सब्जी पाॅलीथीन में देनी पड़ती है।
जूस विक्रेता हरिमोहन का कहना है कि प्लास्टिक के डिस्पोजल ग्लास मिलने बंद हो जाएंगे, उस दिन से वह भी नहीं रखेंगे। किराना की दुकानदार अनुज का कहना है कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध होने की जानकारी है लेकिन जब तक बनती रहेगी, उपयोग होता रहेेगा।
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नालियां जाम होतीं, गोवंशीय निगलकर बीमार होते
सिंगल यूज प्लास्टिक और पाॅलीथीन का उपयोग करने के बाद लोग इधर-उधर फेंके देते हैं। पाॅलीथीन से नालियां जाम हो जाती हैं। इसी तरह लोगों द्वारा खाद्य सामग्री भरकर फेंकी जाती है। कई बार गोवंशी यह खाद्य सामग्री पाॅलीथीन समेत निगल जाते हैं। ऐसे मेंं पेट में पाॅलीथीन पहुंचने से गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं और मौत तक हो जाती है।
पांच साल जेल और जुर्माने का है प्रविधान
सरकार ने 75 माइक्रोन से कम की प्लास्टिक सामग्री का यूज प्रतिबंधित कर रखा है। किसी भी प्रतिष्ठान में 75 माइक्रोन श्रेणी की प्लास्टिक का प्रयोग करते मिलने पर पांच साल तक के कारावास या एक लाख रुपये के जुर्माने या दोनों की सजा का प्रविधान है। जुर्माने के बाद भी इस पाॅलीथिन का उपयोग करने पर प्रतिदिन के हिसाब से 5000 रुपये जुर्माना लगता रहेगा।
इस तरह किया जा रहा दुरुप्रयोग
75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक कैरी बैग, प्लास्टिक कप, ग्लास, कांटे, चम्मच, थर्माकोल, पानी या कोल्डड्रिंक की बोतलें, फूड पैकेजिंग समेत अन्य उत्पाद में उपयोग की जा रही है।
चंद दिन पहले ही पदभार संभाला है। पूर्व में कितने प्रतिष्ठानों से कितनी मात्रा में प्रतिबंधित प्लास्टिक की सामग्री व पाॅलीथीन की बरामदगी, निस्तारण व जुर्माने की जानकारी नहीं है। इसकी जानकारी करेंगे। इसके साथ ही जल्द ही अभियान चलाकर प्रतिबंधित सामग्री का उपयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
विवेक भदौरिया, सिटी मजिस्ट्रेट, गौतमबुद्धनगर
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