Nikki Murder Case: चार सीसीटीवी कैमरे लगे थे घर के अंदर और चार बाहर, लेकिन घटना के दिन नहीं चल रहा था एक भी
ग्रेटर नोएडा में निक्की हत्याकांड में पुलिस जांच कर रही है। विपिन भाटी के घर के सीसीटीवी कैमरे घटना के समय बंद थे जिससे संदेह बढ़ रहा है। पुलिस कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) और आसपास के कैमरों की फुटेज खंगाल रही है। परिवार का दावा है कि घटना के वक्त विपिन घर पर नहीं था। पुलिस को सिलेंडर फटने की झूठी सूचना मिली थी जिसकी जांच जारी है।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। निक्की हत्याकांड को लेकर पीड़ित व आरोपी ससुराल पक्ष के समर्थन में कई वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहे हैं। इन सबके बीच आठ सीसीटीवी कैमरों के बंद होने से राज गहरा रहा है।
विपिन भाटी के घर में आठ सीसीटीवी कैमरे लगे थे, लेकिन घटना के दिन एक भी कैमरा चालू हालत में नहीं था। ये कैमरे किसी तकनीकी खराबी के कारण बंद थे या इन्हें किसी खास मकसद के लिए खराब या बंद किया गया था बड़ा सवाल बन गया है।
यदि कैमरे चालू होते तो वारदात से पर्दा उठाने में साक्ष्य साबित हो सकते थे। पुलिस यह जानने में जुटी है कि कैमरे आखिरकार बंद किसने किए थे।
विवेचना में जुटी पुलिस ने आरोपियों की सीडीआर निकलवाने के साथ सिरसा गांव में घर के आसपास लगे 20 से अधिक सीसीटीवी कैमरे खंगाले। साक्ष्य के तौर पर पुलिस उनकी फुटेज भी साथ लेकर गई है।
पुलिस जांच में सामने आया है कि हत्या आरोपी विपिन के घर में आठ सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे, जिसमें चार बाहर और चार अंदर लगे हुए थे, लेकिन घटना के समय सभी कैमरे बंद थे। पुलिस इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित वीडियो का भी संज्ञान लेकर जांच कर रही है।
घटना के वक्त आरोपित के कमरे में बिस्तर फर्श पर बिछा मिला, आशंका जताई जा रही है कि पति-पत्नी के बीच विवाद चल रहा था।
पुलिस द्वारा जुटाए गए सीसीटीवी फुटेज के साक्ष्य काफी अहम माने जा रहे हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपियों की पुलिस कस्टडी पर लेने या घटना का सीन रीक्रिएट करने की कोई योजना नहीं है। जरूरत पड़ने पर जांच अधिकारी जेल जाकर पूछताछ कर सकते हैं।
स्वजन का दावा घटना के वक्त बाहर थे आरोपित
आरोपी के परिवार के लोगों ने पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग की है। आरोपी के स्वजन महावीर सिंह पड़ोसी नीरज, धर्मवीर , ऊषा, राजेश, सुनीता, जगवती आदि ने दावा किया कि घटना के समय निक्की का पति विपिन, ससुर सतवीर और तीनों बच्चे घर के बाहर थे।
सास दया दूध लेने गई थी। साक्ष्य के तौर पर वीडियो भी होने का दावा किया है। जबकि जेठ रोहित अपने काम से बाहर गया था। घर पर केवल निक्की और उसकी बहन कंचन मौजूद थी।
हत्या आरोपियों ने अपने बयान में निक्की के खुद आग लगाकर आत्महत्या करने व घटना के समय घर में उपस्थित न होने का दावा किया है। कासना कोतवाली प्रभारी धर्मेंद्र शुक्ला का कहना है कि जांच जारी है। विवेचना में मिले साक्ष्यों के आधार पर विधि विशेषज्ञों की राय ली जाएगी।
मेमो में थी सिलिंडर फटने की बात
पुलिस को फोर्टिस अस्पताल से मेमो प्राप्त हुआ था जिसमें सिलिंडर फटने की बात थी। निक्की को लाने वालों ने झुलसने का कारण सिलिडर फटना बताया था। लेकिन आरोपितों के घर में जांच के दौरान सिलिंडर फटने की बात के सबूत नहीं मिले थे।
सिर्फ जलने वाला थिनर की खाली बाेतल व लाइटर बरामद हुआ था। पीड़ित परिवार का कहना है कि आरोपित झूठी बातें गढ़ रहे हैं। बेटी को सिरसा से अस्पताल ले जाने में महज 10 मिनट का समय लगता, लेकिन वह देरी से पहुंचे।
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