2 घंटे के लिए ओझल हुआ था दक्ष तो बदहावास हो गई थी साक्षी, नोएडा में मां-बेटे की दर्दनाक मौत बनी चर्चा का विषय
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में एक दुखद घटना में एक मां ने अपने बेटे की बीमारी से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। साक्षी जो अपने बेटे दक्ष की बीमारी से बहुत चिंतित थी उन्होंने अपने जीवन को समाप्त कर लिया। वह अपने बेटे के इलाज के लिए लगातार प्रयास कर रही थी लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था।

अजब सिंह भाटी, ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की ऐस सिटी सोसायटी में मां-बेटे की दर्दनाक मौत आसपास की सोसायटियों में चर्चा का विषय बनी है। समीप की सोसायटी में रह रहे उत्तराखंड के गढ़ी नेगी गांव निवासी शिवम ने बताया कि दर्पण व साक्षी दोनों हर कीमत पर अपने इकलौते बेटे को स्वस्थ देखना चाहते थे।
बेटे की बीमारी को लेकर दोनों हमेशा चिंतित रहते थे। उन्हें हमेशा बच्चे के भविष्य की चिंता सताती रहती थी। पूरा परिवार पिछले दिनों दीपावली पर अपने गांव उत्तराखंड गया था। जहां दो घंटे के लिए दक्ष आंखों से ओझल हो गया था। उस दौरान साक्षी बदहवास हो गई थी। उन्होंने बताया कि साक्षी देहरादून के एक कॉलेज में एमसीए की टॉपर भी रही थी।
गुरुद्वारों से लेकर मंदिरों में टेका था माथा
नोएडा के एक संस्थान में बड़े पैकेज पर नौकरी करती थीं। जब दक्ष ढाई से तीन साल का था दंपती को उसकी बीमारी के बारे में पता चला। साक्षी ने बेटे की बीमारी का पता चलने के बाद नौकरी छोड़ दी थी। पिछले सात-आठ साल से वह हमेशा बेटे की देखभाल में लगी रहती थीं।
दक्ष को समय पर दवाई देने के साथ रोजाना थेरेपी कराने की जिम्मेदारी साक्षी की ही थी। दक्ष के ठीक होने की उम्मीद में उन्होंने न केवल बड़े से बड़े डाक्टर को दिखाया बल्कि गुरुद्वारों से लेकर मंदिरों में माथा टेका।
किसी तरह मांगी मुराद पूरी हो जाए दोनों भक्ति में डूबे रहते थे। जब भी समय मिलता सेवा करने के लिए बच्चे को साथ लेकर दोनों गुरुद्वारा चले जाते। दंपती का सोसायटी के लोगों के साथ व्यवहार कुशल था। पिछले 10 साल के अंतराल में कभी दंर्पण या उसकी पत्नी साक्षी का किसी के साथ झगड़ा नहीं हुआ था।
कल ही जलंधर से बेटे को दवाई दिलाकर लौटे थे दोनों
घटना के बाद से सोसायटी में सन्नाटा पसरा है। सूचना पर स्वजन उत्तराखंड से ग्रेटर नोएडा के लिए रवाना हो गए हैं। आसपास की कई सोसायटी में दर्पण के गांव के कई लोग निवास करते हैं। वह भी सोसायटी पहुंच गए।
सोसायटी के लोगों ने बताया कि शुक्रवार को ही दर्पण व साक्षी अपने बेटे दक्ष को दवाई दिलाने के लिए जलंधर गए थे। जहां से शाम के वक्त वापस लौटे थे। डॉक्टरों ने बेटे के ठीक होने का आश्वासन भी दिया था। दर्पण व साक्षी दोनों इकलौते बेटे की बीमारी को लेकर परेशान रहते थे। जिसने जहां बताया बेटे का इलाज कराने के लिए वहीं दौड़ पड़ते थे।
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