Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    छतों पर बगैर सेफ्टी सर्टिफिकेट लगे मोबाइल टावर से खतरा, नोएडा अथॉरिटी की पॉलिसी की हो रही अनदेखी

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 09:49 AM (IST)

    नोएडा में प्राधिकरण की नीति के खिलाफ घरों की छतों पर बिना सुरक्षा प्रमाण पत्र के सैकड़ों मोबाइल टावर लगे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक ऐसे टावर हैं जिससे सुरक्षा को लेकर चिंता है। प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि सुरक्षा प्रमाण पत्र न होने पर भूखंड का आवंटन निरस्त किया जा सकता है। अनुमति केवल मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा दी जाती है।

    Hero Image
    नोएडा में घरों की छतों पर मोबाइल टावर बगैर सेफ्टी सर्टिफिकेट के लगे हुए हैं।

    प्रवेंद्र सिंह सिकरवार, नोएडा। शहर में सैकड़ों टावर घरों की छत पर बगैर सेफ्टी सर्टिफिकेट के लगे हुए हैं। प्राधिकरण की मोबाइल टावर नीति के अनुसार छतों पर मोबाइल टावर लगाने के लिए सेफ्टी सर्टिफिकेट लेना जरूरी होता है।

    ऐसा नहीं करने पर भूखंड का आवंटन निरस्त हो सकता है। प्राधिकरण के अधिसूचित ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक मोबाइल टावर घरों की छतों पर लगे हैं। यह छतें कितनी सुरक्षित हैं इसकी जांच भी नहीं हुई।

    प्राधिकरण ने डेढ़ वर्ष पूर्व मोबाइल टावर की नीति में बदलाव किया। सेफ्टी सर्टिफिकेट नहीं होने पर भूखंड का आवंटन निरस्त करने की चेतावनी दी। टावर लगाने की अनुमति प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी से ही दी जा सकती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अनुमति के बाद भी शिकायतें मिलने पर यह कभी भी निरस्त की जा सकती है। निरस्त होने के बाद प्राधिकरण ने किसी तरह की भरपाई करने से नई नीति के तहत साफ तौर पर इनकार किया। अनुमति निरस्त होने पर टावर कंपनी को 30 दिन के अंदर पूरा सामान भी हटाना होता है।

    सख्त नीति के बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल टावर बगैर सेफ्टी सर्टिफिकेट के लगे हुए हैं। कई जगहों पर खाली भूखंडों में भी मोबाइल टावर लगाए गए हैं। आवासीय क्षेत्रों में मोबाइल टावर लगाने को लेकर पूर्व में कई बार हंगामे हुए हैं। हंगामे के बाद प्राधिकरण ने टावर की अनुमति को निरस्त भी किया है।

    थर्ड पार्टी से नहीं होता ऑडिट

    भूखंड या भवन मालिक से टावर लगाने वाले कंपनी संपर्क करती है। कंपनी का इंजीनियर इमारत की जांच करता है। सब कुछ ठीक होने पर टावर लगाने के लिए स्ट्रक्चर स्टेबिलिटी सर्टिफिकेट टावर कंपनी ही देती है। भूखंड या भवन की छत पर टावर लगाने से पूर्व थर्ड पाटी से जांच कराकर सेफ्टी सर्टिफिकेट नहीं लिया जा रहा है।

    100 रुपये के स्टांप पेपर नहीं तय की गई जिम्मेदारी

    निजी भूखंड और मकानों पर लगे बगैर सेफ्टी सर्टिफिकेट के मोबाइल टावर की वजह से कोई हादसा होता है तो मकान मालिक और टावर कंपनी पल्ला झाड़ लेती है। मोबाइल टावर लगाने वाली कंपनी के साथ भूखंड और मकान मालिक 100 रुपये के स्टांप पर अपनी जिम्मेदारी तय कर प्राधिकरण में नहीं दे रहे हैं।

    निजी भवनों पर लगे मोबाइल टावरों की तीन प्रतियों में साइट प्लान देना होगा इसमें टावर की ऊंचाई, लंबाई और वजन समेत अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों भी उपलब्ध नहीं कराई जा सकीं हैंं।

    प्राधिकरण के राजस्व को हानि

    नोएडा प्राधिकरण की नीति के अनुसार ग्रीन बेल्ट, सामुदायिक केंद्र और प्राधिकरण की इमारत पर मोबाइल टावर लगाने की अनुमति दी जाती है। इसके लिए आवेदन से पहले शुल्क और एक से अधिक कंपनी अगर टावर का उपयोग करती है तो अतिरिक्त शुल्क चुकाना होगा। निजी भूखंड और छतों पर नीति के खिलाफ लगे मोबाइल टावर प्राधिकरण के राजस्व को भी छति पहुंचा रहे हैं।

    नीति में अभी और बदलाव हुआ है। पूर्व में भी मोबाइल टावर लगाने के लिए मंत्रालय के आरओडब्ल्यू (राइट आफ वे) पोर्टल पर सभी संबंधित दस्तावेज अपलोड करने होते हैं। सेफ्टी सर्टिफिकेट भी इसमें शामिल है।

    विश्वास त्यागी, वरिष्ठ प्रबंधक नोएडा प्राधिकरण