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    Noida News: छात्र को सैक्स रैकेट में फंसाकर आत्महत्या के लिए उकसाने वाले एक शख्स को सात साल की सजा

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 04:30 AM (IST)

    ग्रेटर नोएडा में एक अदालत ने अनिल बर्मन को एक विधि छात्र को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के मामले में 7 साल की सजा सुनाई। बर्मन ने छात्र को सोशल मीडिया सेक्स रैकेट में फंसाया था। छात्र ने सुसाइड नोट में ब्लैकमेलिंग का जिक्र किया था। पुलिस जांच में धमकी भरे मैसेज मिले थे जिसके बाद बर्मन को गिरफ्तार किया गया।

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    छात्र को सैक्स रैकेट में फंसाकर आत्महत्या के लिए उकसाने वाले को सात साल की सजा।

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। अपर सत्र न्यायाधीश/त्वरित न्यायालय-द्वितीय प्रियंका सिंह की अदालत ने 23 वर्षीय ला (विधि) के छात्र को इंटरनेट मीडिया सैक्स रैकेट में फंसाकर आत्महत्या के लिए विवश करने वाले आरोपित अनिल बर्मन निवासी जयपुर, राजस्थान को दोषी मानते हुए सात वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

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    इसके साथ ही उस पर कुल 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना न भरने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। वहीं उसके सहयोगी संजीव बडौतिया को पुख्ता साक्ष्य न मिलने के आधार पर अदालत ने बरी कर दिया। मामला बीटा दो कोतवाली क्षेत्र से जुड़ा है

    एडीजीसी क्राइम शिल्पी भदौरिया ने बताया कि सुसाइड नोट और धमकी भरे मैसेज अहम साक्ष्य बने। मृतक छात्र की मां ने बीटा-दो कोतवाली में तहरीर दी थी। उनका कहना था कि उनके बेटे ने घर पर सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें उसने लिखा कि वह इंटरनेट मीडिया में सैक्स रैकेट के जाल में फंस गया है और अब जीना नहीं चाहता।

    उसने साफ उल्लेख किया था कि अनिल बर्मन और प्रिया अग्रवाल नामक युवती अश्लील फोटो व वीडियो लीक करने की धमकी देकर उससे पैसे की मांग कर रहे हैं। 23 मार्च 2024 को ढकिया बाबा गोलचक्कर के पास नहर से छात्र का शव बरामद हुआ।

    जांच में पुलिस को उसके मोबाइल से धमकी भरे वाट्सऐप मैसेज मिले। पता चला कि छात्र से एक कथित युवती बनकर बातचीत की जा रही थी और ब्लैकमेलिंग के दौरान 20 हजार रुपये से ज्यादा की रकम अनिल बर्मन के बैंक खाते में ट्रांसफर कराई गई थी।

    पुलिस ने मामले में अनिल बर्मन और संजीव बडौतिया को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जांच के दौरान बैंक मैनेजर समेत 11 गवाहों के बयान अदालत में दर्ज किए गए। परिजनों की ओर से हाई कोर्ट तक पैरवी की गई, जिसके बाद हाई कोर्ट ने सत्र अदालत को जल्द सुनवाई पूरी करने के निर्देश दिए थे।

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