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    गाजियाबाद के पत्थर कारोबारी से बेटे के बदले मांगे थे चार करोड़, फिर 50 लाख में मान गए थे किडनैपर्स

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 09:28 PM (IST)

    गाजियाबाद के कारोबारी के बेटे शशांक के अपहरण मामले में पुलिस ने दो सौ से अधिक सीसीटीवी कैमरों की मदद से बदमाशों को पकड़ा। बदमाश शशांक को कन्नौज ले गए थे और फिरौती के लिए व्हाट्सएप कॉल का इस्तेमाल किया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए शशांक को सकुशल बरामद किया और पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया। पीड़ित परिवार ने पुलिस का आभार व्यक्त किया।

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    शशांक ने ही बता दी थी बदमाशों को कार में जीपीएस लगे होने की बात। जागरण

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। गाजियाबाद के पत्थर कारोबारी मनीष गुप्ता के अपहृत बेटे शशांक को बदमाशों के चंगुल से मुक्त कराने व उन तक पहुंचने के लिए कमिश्नरेट पुलिस को दो सौ से अधिक सीसीटीवी कैमरे खंगाले।

    अपहरण करने के बाद बदमाश शशांक को सीधे कन्नौज ले गए थे। अपहरणकर्ता में शामिल मोहित के मामा श्यामसुंदर के घर के एक कमरे में रखा था। बदमाशों ने वारदात को अंजाम देने के लिए सात मोबाइल फोन का प्रयोग किया।

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    सभी मोबाइल फोन सीमावर्ती राज्यों से चोरी किए गए थे। पीड़ित स्वजन से फिरौती मांगने के लिए बदमाशों ने केवल वाट्सएप काॅल का ही प्रयोग किया। कार में जीपीएस लगा हुआ है यह बात शशांक ने ही बदमाशों को बता दी थी।

    उसने बदमाशों को बताया कि कार में जीपीएस लगा है, सब पकड़े जाओगे। कार में जीपीएस लगे होने की बात सुनकर बदमाश बलेनो कार को एक्सप्रेसवे पर छोड़कर शशांक को अपनी एक्सयूवी कार में बैठा कन्नोज के लिए फरार हुए थे।

    शशांक की कार के साथ एक्सयूवी कार गाजियाबाद, दादरी समेत एक्सप्रेसवे पर लगे सीसीटीवी फुटेज में कई स्थानों पर कैद हो गई थी। सीसीटीवी फुटेज व सीडीआर की मदद से पुलिस को बदमाशों तक पहुंचने में कामयाबी मिली।

    दिल्ली में अलग-अलग स्थानों से मांगी फिरौती

    डीसीपी ग्रेटर नोएडा सादमियां खान ने बताया कि शशांक सकुशल है, यह जानने के लिए पीड़ित स्वजन के अनुरोध पर बदमाशों ने दो बार वीडियो काॅल कर दिखाया था। निगरानी में आरोपी मोहित गुप्ता, अंकित व श्यामसुंदर कन्नौज के छिबरामऊ मौहल्ला शास्त्री नगर में ही रहे।

    पुलिस को उलझाने के साथ आरोपित निमय शर्मा व आलोक दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर पहुंचकर पीड़ित स्वजन से फिरौती की रकम मांग करते रहे।

    लेकिन कमिश्नरेट पुलिस की स्वाट टीम, दनकौर, जेवर, ईकोटेक व बीटा दो कोतवाली की सूझबूझ और तत्परता से न केवल पर्दाफाश करते हुए पांच बदमाशों को दबोचा बल्कि अपहृत युवक को सकुशल बरामद कर लिया।

    50 लाख में छोड़ने के लिए तैयार हो गए थे बदमाश

    शशांक को छोड़ने के एवज में बदमाशों ने चार करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी, लेकिन पीड़ित स्वजन 50 लाख रुपये ही जुटा पाए । असमर्थता जताने पर बदमाश 50 लाख रुपये में छोड़ने को तैयार हो गए थे।

    प्रत्येक बदमाश पर था 10 से 15 लाख रुपये का कर्ज

    बदमाशों पर 10 से 15 लाख रुपये तक का कर्ज था। आरोपी निमय शर्मा ने अपने दोस्त आलोक व निशा उर्फ प्रीति के साथ मिलकर युवक के अपहरण की योजना बनाई थी।

    बाद में इस साजिश में मोहित, श्यामसुंदर, सुमित कुमार, अंकित भी शामिल हो गया था। निशा उर्फ प्रीति गुरुग्राम की रहने वाली है। पुलिस उसकी तलाश में दबिश दे रही है।

    भावुक हुए पिता जताया आभार 

    बेटे की सकुशल बरामदगी के बाद पीड़ित स्वजन भावुक हो उठे। ग्रेटर नोएडा डीसीपी कार्यालय में पिता बेटे के साथ कमिश्नरेट पुलिस का आभार जताने पहुंचे।

    उस दौरान भी पिता के आंसू नहीं थम पा रहे थे। इस दृश्य ने आसपास मौजूद पुलिस कर्मियों को भी भावुक कर दिया।

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