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    चर्चा में नोएडा का वृद्धाश्रम, लीज डीड से 8 साल पहले हो गया था आवंटित प्लॉट का मानचित्र स्वीकृत

    Updated: Wed, 02 Jul 2025 09:56 AM (IST)

    नोएडा प्राधिकरण ने जनकल्याण ट्रस्ट को सेक्टर-55 में भूखंड आवंटन में नियमों की अनदेखी की। लीज डीड पुरानी दर पर की गई जिससे राजस्व का नुकसान हुआ। नियोजन विभाग ने भी नियमों के खिलाफ काम किया। भूखंड का मानचित्र लीज डीड से पहले स्वीकृत किया गया और मौके पर अवैध निर्माण किया गया। शासन इस मामले की जांच कर रहा है।

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    सेक्टर 55 में आनंद निकेतन वृद्ध सेवा आश्रम। फोटो- जागरण

    कुंदन तिवारी, नोएडा। पिछले दिनों बुर्जुगो के हाथ-पांव बांध अमानवीय व्यवहार करने को लेकर चर्चा में आए सेक्टर-55 सी-5 बी स्थित आनंद निकेतन वृद्धाश्रम को नोएडा प्राधिकरण से आवंटित भूखंड में भी नियमों को ताक पर रखा गया।

    आवंटन के साढ़े 16 वर्ष बाद लीज डीड कराई गई, लीज डीड में पुरानी दर से प्राधिकरण को भुगतान किया गया। जबकि नियम है कि प्राधिकरण में लागू वर्तमान दर से ही लीज डीड कराई जाती है, लेकिन इस प्रकरण में ऐसा नहीं किया गया। प्राधिकरण व सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व क्षति पहुंचाई गई।

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    बुर्जुगों के शोषण से आया चर्चा में

    बता दें कि नोएडा प्राधिकरण ने जन कल्याण ट्रस्ट को आवंटित सेक्टर-55 सी-5 बी भूखंड (जिसमें वर्तमान में आनंद निकेतन वृद्धा आश्रम संचालित है, जिस पर बुर्जुगों का शोषण करने की जांच शासन स्तर पर चल रही है।) में नियम विरुद्ध नियोजन विभाग और संस्थागत विभाग ने कार्य किया।

    हालांकि प्राधिकरण अधिकारियों ने दावा किया कि जनकल्याण ट्रस्ट को एक रुपया भी ब्याज माफ नहीं किया गया। जबकि तत्कालीन केंद्र व राज्य के शीर्ष नेता ट्रस्ट को आवंटित भूखंड की किस्त पर ब्याज माफ करने का दबाव नोएडा प्राधिकरण पर बना रहे थे, लेकिन प्राधिकरण अधिकारियों दबाव में नहीं आए। आवंटित भूखंड की संपूर्ण राशि को एक मुश्त प्राधिकरण के खाते में जमा करवा दिया गया।

    सूत्र बताते है कि जनकल्याण ट्रस्ट को 16 वर्ष छह माह पुरानी दर 600 रुपये (23 मार्च 1983 की दर थी) पर सात सितंबर 2009 को 1975902 रुपये लीज डीड करवाई गई। जबकि संस्थागत विभाग में स्कूल-कॉलेज, कॉपरेटिव सोसायटी, सामाजिक संस्था की आवंटन दर वर्ष 1999 में प्रति वर्ग मीटर 3300 रुपये पहुंच चुकी थी, जो वर्ष 2003 तक लागू रही, बाद में यह दर और बढ़ाई गई।

    यही नहीं जनकल्याण ट्रस्ट को आवंटित भूखंड सेक्टर-55 सी-5 बी का मानचित्र नियोजन विभाग ने छह फरवरी 2001 को स्वीकृत करा गया। इसमें ग्राउंड और फस्ट फ्लोर शामिल है, लेकिन मौके पर ढाई मंजिल से अधिक बना हुआ है।

    सवाल यह है कि किसी भी भूखंड का मानचित्र लीज डीड कराने के बाद स्वीकृत हेाता है, लेकिन जन कल्याण ट्रस्ट के आवंटित भूखंड का मानचित्र लीज डीज होने से साढ़े आठ वर्ष ही स्वीकृत किया गया, जो अपने आप में बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। हालांकि शासन प्रशासन जनकल्याण ट्रस्ट के आनंद निकेतन वृद्धा आश्रम की तमाम पहलुओं की जांच कर रहा है, ऐसे में तमाम चौकाने वाले तथ्य सामने आने तय माने जा रहे है।