सुविधाएं बढ़ी फिर भी घट गए साढ़े पांच हजार छात्र, परिषदीय स्कूलों से क्यों हो रहा अभिभावकों का मोह भंग?
उत्तर प्रदेश का शो विंडो कहे जाने वाले गौतमबुद्ध नगर जिले में परिषदीय स्कूलों से अभिभावकों को मोह भंग हो रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले परिषदीय स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ने की बात कर रहे हो लेकिन जिले में एक दो हजार नहीं बल्कि साढ़े पांच हजार से अधिक छात्रों ने परिषदीय स्कूलों से दूरी बना ली है।
अंकुर त्रिपाठी, ग्रेटर नोएडा। प्रदेश का शो विंडो कहे जाने वाले गौतमबुद्ध नगर जिले में परिषदीय स्कूलों से अभिभावकों को मोह भंग हो रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले परिषदीय स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ने की बात कर रहे हो, लेकिन जिले में एक दो हजार नहीं बल्कि साढ़े पांच हजार से अधिक छात्रों ने परिषदीय स्कूलों से दूरी बना ली है।
सत्र 2022-23 में जिले के चारों ब्लाक में संचालित 511 स्कूलों और इंटर कॉलेज में पढ़ने वाले छह से आठ तक के छात्रों की संख्या एक लाख चार हजार से अधिक थी, लेकिन इस सत्र में यह आंकड़ा 98601 पहुंच गया है। बेसिक शिक्षा परिषद 30 सितंबर की संख्या को ही सत्र का फाइनल मानता है। इसी संख्या के हिसाब से नए सत्र में कापी किताबों के साथ अन्य सुविधाएं मिलती है।
छात्रों की लगातार कम हो रही संख्या से बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों और शिक्षकों पर बड़े सवाल खड़े हो रहे है। जब प्रदेश सरकार परिषदीय स्कूलों में सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हर साल करोड़ों रुपये का बजट खर्च कर रही हो तब लगातार गिर गई छात्र संख्या सुविधाओं के न मिलने का प्रमाण दे रही है।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत छात्रों को स्कूल से जोड़ने की कोशिश की जा रही है, लेकिन यह प्रयास गौतमबुद्ध नगर में कोसों दूर तक नहीं दिखाई दे रहा है। निजी स्कूलों को टक्कर देने की बात कहने वाले अधिकारी गिरती छात्र संख्या को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहे है।
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मिड से मिल से लेकर निश्शुल्क मिल रही यूनिफार्म
परिषदीय स्कूलों के छात्रों को मेन्यू के हिसाब से प्रतिदिन मिड डे मिल उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके साथ ही छात्रों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से छात्रों के अभिभावकों के खातों में 1200 रुपये भेजे जा रहे है।
अभिभावक इन रुपये से छात्रों के लिए बैग, यूनिफार्म, पेन पेंसिल, जूते मोजे के साथ अन्य सामग्री खरीद रहे है। परिषदीय स्कूलों में लगातार सुविधाएं बढ़ती जा रही है। निजी स्कूलों को टक्कर देने के लिए स्कूलों को स्मार्ट क्लास रूम से लैस किया जा रहा है।
स्कूलों में नहीं बैठने की जगह
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में संचालित कई स्कूलों में बैठने की जगह नहीं होने के कारण छात्रों को प्रवेश नहीं मिल पा रहा है। नोएडा के प्राथमिक स्कूल सेक्टर-12, प्राथमिक स्कूल मामूरा के साथ कई अन्य स्कूलों में क्षमता से अधिक छात्र पढ़ रहे है।
स्कूलों में बैठने की जगह होने के कारण करीब एक से दो हजार छात्रों को अब तक प्रवेश नहीं मिल पाया है। कई एनजीओ बीएसए कार्यालय में छात्रों को प्रवेश दिलाने के लिए चक्कर काट रहे है।
प्रेरणा पोर्टल पर हो रहे नामांकन
परिषदीय स्कूलों में अब नामांकन प्रेरणा पोर्टल के माध्यम से हो रहे है। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पहले एक छात्र का कई जगह नामांकन होता था, लेकिन अब यदि किसी जगह पहले से नामांकन होगा तो वह प्रेरणा पोर्टल पर दोबारा दर्ज ही नहीं होगा। फर्जीवाड़े को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।
प्रेरणा पोर्टल पर छात्रों का नामांकन हो रहा है। छात्र संख्या कम नहीं हुई है। दूसरे जिलों से काम करने वाले कामगारों के बच्चे यहां अधिक पढ़ते है। काम खत्म होने के बाद वह यहां से पलायन कर जाते हैं तो उनका नाम हटा दिया जाता है। ड्रापआउट बच्चों के दाखिले करने में जिला टाप पांच में शामिल है।
ऐश्वर्या लक्ष्मी, बेसिक शिक्षा अधिकारी
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