Noida News: किसानों को दिए जाने वाले अतिरिक्त मुआवजा राशि पर कैग की नजर, अधिकारियों में मचा हड़कंप
Noida News अतिरिक्त मुआवजा बांटने के लिए बिल्डरों से मांगी गई रकम का हवाला प्राधिकरण के कई विभागों से मांगा गया है। प्राधिकरण से वर्ष 2011 में आए कोर्ट के आदेश के बाद कितना बढ़ा हुआ मुआवजा किसानों को दिया गया इसकी जानकारी मांगी गई है।

नोएडा [कुंदन तिवारी]। किसानों को दिए जाने वाले 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा को लेकर कैग ने नोएडा प्राधिकरण पर फिर से नजर टेढ़ी कर दी है। प्राधिकरण से वर्ष 2011 में आए कोर्ट के आदेश के बाद कितना बढ़ा हुआ मुआवजा किसानों को दिया, इसका ब्यौरा मांगा गया है। उस रकम को जुटाने के लिए प्राधिकरण ने बिल्डरों से कितनी राशि वसूली। कितने बिल्डरों ने राशि का भुगतान किया, यह जानकारी भी उपलब्ध कराने को कहा गया है।
आंकड़ा जुटाने में जुटे अधिकारी
अतिरिक्त मुआवजा राशि बिल्डरों ने कहां से और कैसे उपलब्ध कराया। इसका आंकड़ा भी हाउसिसंग, वाणिज्यक, औद्योगिक, संस्थागत विभाग से मांगा है। बताया जाता है कि प्राधिकरण के पास यह आंकडे उपलब्ध नहीं है। विभागीय अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। आंकड़ा जुटाने के लिए अधिकारियों की ओर से मशक्कत शुरू कर दी है।
सूत्र बताते है कि अब तक मिली जानकारी में जेपी इंफ्राटेक ने नोएडा प्राधिकरण ने वाणिज्यिक भवन से 247 करोड़ रुपये की मांग की थी, लेकिन बिल्डर की ओर से एक भी रुपया जमा नहीं किया। ऐसे में प्राधिकरण से अब तक बिल्डरों से वसूली के लिए प्रयास नहीं करने वाले अधिकारियों की इस प्रकरण में गर्दन फंसनी तय मानी जा रही है। हालांकि इस मामले पर नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने बताया कि आंकड़ों को तैयार करने का काम किया जा रहा है।
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यह पूरा प्रकरण कैग की उस आपत्ति के पास उठ खड़ा हुआ है, जिसमें अतिरिक्त मुआवजा देने के लिए 22 गांव के किसानों को पात्रता सूची में तय की गई थी। 17 गांव के किसानों को जो अतिरिक्त मुआवजा बांटा गया, उसमें दो गांव के किसान पात्र ही नहीं थे, जिन्हें प्राधिकरण ने अतिरिक्त मुआवजा बांट दिया। जबकि
दिया जाए अतिरिक्त मुआवजा
उच्च न्यायालय ने 21 अक्टूबर 2011 निर्देश दिया कि 30 मार्च 2002 को या उसके बाद से 17 मार्च 2009 तक धारा-4 के तहत अर्जन के जारी अधिसूचना के अंतर्गत प्राप्त मुआवजे के अलावा 64.7 प्रतिशत की दर से अतिरिक्त मुआवजा दिया जाए। इस निर्णय के अनुसार एडीएम भूमि अर्जन ने 17 गांवों के किसानों को वितरित करने के लिए 1024.64 करोड़ रुपये मुआवजे की मांग नोएडा प्राधिकरण से की।
प्राधिकरण के तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी के आदेश के बाद राशि का 25 प्रतिशत यानी 255.41 करोड़ रुपये एडीएम भूमि अर्जन को दो किस्तों में दिया गया। इसमें दो गांव सदरपुर और सुल्तानपुर के किसान अतिरिक्त मुआवजे के हकदार ही नहीं था, फिर भी उन्हें इस मुआवजा सूची में शामिल किया गया। जबकि दोनों गांवों में धारा-4 के अंतर्गत अधिसूचना 30 मार्च 2002 से पहले की थी।
अतिरिक्त मुआवजे की राशि में इन दोनों गांवों का 8.18 करोड़ रुपये भी शामिल था। यह राशि बांटी नहीं जा सकी। ट्रेजरी में यह जमा है। ऐसे में प्राधिकरण को 7.50 करोड़ रुपये के राजस्व की हानि हुई । ऐसे तमाम उदाहरण को अपनी रिपोर्ट में प्रस्तुत किया है।
आपसी समझौता दिखाकर रिट कराई वापस
इसी तरह नोएडा प्राधिकरण ने करीब 950 किसानों अतिरिक्त मुआवजा दिया गया, जो कोर्ट नहीं थे। जिन्होंने कोर्ट में याचिका दायर कर रखी थी, प्राधिकरण ने आपसी समझौता दिखाकर उनसे रिट वापस करवा ली। ऐसे सभी किसानों को करीब 563 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त मुआवजा दिया गया। अब सीएजी ने यह अतिरिक्त मुआवजा देने का सोर्स, राशि की रिकवरी जैसे तमाम सवालों के जवाब के साथ आंकड़ों की मांग की है।

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