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    नोएडा में 23.7 करोड़ खर्च कर 32 किमी में होगी मैकेनिकल स्वीपिंग, नोएडा प्राधिकरण ने जारी किया टेंडर

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 10:30 AM (IST)

    नोएडा में अब मैकेनिकल स्वीपिंग से सफाई होगी जिसके लिए प्राधिकरण ने टेंडर जारी कर दिया है। जन स्वास्थ्य विभाग द्वितीय के सेक्टर शामिल हैं। पांच साल के लिए कंपनी का चयन होगा जिस पर 23 करोड़ रुपये खर्च होंगे। कंपनी को अपनी मशीनें लानी होंगी पर प्राधिकरण लॉजिस्टिक सपोर्ट देगा।

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    नोएडा प्राधिकरण का कार्यालय। फाइल फोटो सौजन्य- जागरण आर्काइव

    जागरण संवाददाता, नोएडा। शहर में मैकेनिकल स्वीपिंग के जरिये साफ-सफाई की जाएगी। इसके लिए प्राधिकरण ने टेंडर जारी किया है। जन स्वास्थ्य विभाग द्वितीय के अंदर आने वाले सेक्टरों को इसमें शामिल किया गया है। कंपनी को पांच साल के लिए चयनित किया जाएगा।

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    इसके लिए प्राधिकरण 23 करोड़ रुपये खर्च करेगा, टेंडर जारी कर दिया गया है। इच्छ़ुक कंपनी छह अक्टूबर तक आवेदन कर सकती है। सात अक्टूबर को बिड खोली जाएगी। इसमें लो कास्ट कंपनी का चयन किया जाएगा। बताया गया कि कंपनी अपनी मशीन लेकर आएगी। हालांकि उसे लाजिस्टिक दिया जा सकता है।

    बता दे नोएडा में मैकेनिकल स्वीपिंग के जरिये ही साफ-सफाई का काम होता है। सेवन एक्स सोसायटी सेक्टरों, फेज टू और फरीदाबाद नोएडा गाजियाबाद (एफएनजी) में मुख्य सड़कों की सफाई मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन के जरिये कराई जाएगी। इसके लिए नोएडा प्राधिकरण के जन स्वास्थ्य विभाग ने टेंडर जारी कर दिया है।

    प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि इन तीनों जगह 32 किलोमीटर के हिस्से में सफाई कराई जाएगी। पांच साल के लिए एजेंसी का चयन किया जाएगा। इसके एवज में चयनित एजेंसी को 23 करोड़ 7 लाख रुपये का भुगतान प्राधिकरण करेगा।

    इस काम के लिए मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनें भी प्राधिकरण उपलब्ध करवाएगा। एजेंसियों से छह अक्टूबर तक आवेदन मांगे गए हैं। अभी संबंधित स्थानों पर कुछ हिस्से में पुरानी एजेंसी के टेंडर का समय पूरा हो चुका है।

    कुछ हिस्से में एजेंसी का समय बढ़ाकर सफाई जन स्वास्थ्य विभाग करवा रहा है। यह पहला मौका होगा जब प्राधिकरण मैकेनिकल स्वीपिंग एजेंसी को खुद की मशीन देने जा रहा है। प्राधिकरण ने नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (एनकैप) से मिली धनराशि से चार मशीनें खरीदी हैं।

    इनका उपयोग अभी तक प्राधिकरण के जनस्वास्थ्य विभाग ने शुरू नहीं किया है। मशीनों की क्षमता पर भी कई बार सवाल उठ चुके हैं। ऐसे में अब इन मशीनों के जरिये प्राधिकरण ने सफाई कराने की योजना तैयार की है।