Noida Foundation Day: 49 साल में इतना बदल गया शहर, लाखों लोगों को मिलीं लग्जरी सुविधाएं; दिल जीत लेगी रिपोर्ट
नोएडा स्थापना दिवस पर पढ़िए यह खास रिपोर्ट। एनसीआर में नोएडा ने अपनी विशेष पहचान बनाई है। बेहतर कनेक्टिविटी इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास और जीवनशैली के कारण ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नोएडा। एनसीआर के शहरों में नोएडा ने अपनी खास पहचान बनाई है। यहां आने के बाद अब लोग इसे दिल्ली के साथ ही देश के सबसे बेहतरीन शहरों की कैटेगरी में शुमार करते हैं। यहां ट्रांसपोर्ट, एजुकेशन, मेडिकल, सड़कें, बिजली, पार्क और लाइफस्टाइल के वे सभी संसाधन मौजूद हैं, जो किसी भी शहर के लिए जरूरी हैं।
अनुमान लगाया जा रहा है कि 2031 के तहत नोएडा की आबादी कुल 25 लाख के करीब होगी। इसी के लिहाज से यहां डेवलपमेंट किया गया है। यही कारण है कि अब दिल्ली व गुरुग्राम से लोग नोएडा में बसना चाहते है। रियल एस्टेट कारोबार आसमान की ऊंचाइओं को छूने लगा है।
25 किमी लंबा बनाया जा चुका एक्सप्रेस-वे
ढांचागत विकास के साथ कनेक्टविटी के मामले में भी नोएडा एनसीआर के अन्य शहरों में अव्वल है। नोएडा से ग्रेटर नोएडा को जोड़ने के लिए 25 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे बनाया जा चुका है, यह दिल्ली से आगरा व लखनऊ तक आने जाने वालों की राह आसान कर रहा है। इस पर प्रतिदिन दस लाख वाहन फर्राटा भर रहे हैं। वाहनों का दबाव एक्सप्रेसवे पर कम करने के लिए शहर में भंगेल एलिवेटेड रोड बनाया जा रहा है।

वहीं, दिल्ली से बेहतर कनेक्टिविटी के लिए कालिंदी कुंज के पास यमुना के समानांतर पुल बनाया जा चुका है। अब चिल्ला एलिवेटेड रोड के माध्यम से कनेक्टिविटी को बेहतर करने का प्रयास है। आंतरिक सड़कों से यातायात का दबाव कम करने के लिए एनसीआर का पहला एलिवेटेड रोड सेक्टर-28 से 61 के बीच बनाया गया है। यह ग्रेटर नोएडा नोएडा वेस्ट व गाजियाबाद की राह आसान कर रहा है।
बताया गया कि सेक्टर-35 व 32, सेक्टर-51, 52, 71, 72, सेक्टर- 94, 18, 19, 62 में अब तक अंडरपास बन चुके है। बेहतर ट्रांसपोर्ट सिस्टम के तहत सेक्टर-15 से 63 तक ब्लू लाइन मेट्रो है, जबकि यहां पर ट्रैफिक जंक्शन के बीच में बॉटैनिकल गार्डन पर मेट्रो की मेजेंटा लाइन भी है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच बेहतर कनेक्टिविटी के लिए 30 किलोमीटर लंबी एक्वा लाइन मेट्रो को विकसित किया गया है। आइएसटीएमएस के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर का काम पूरा कर लिया गया है।
वहीं, 84 चौराहों पर 1065 मल्टी डाइमेंशनल कैमरे लगाए जा चुके है, जिसमें 120 कैमरों को नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर भी गया है। इसके जरिये ई-चालान जेनरेट किए जा रहे है। करीब एक वर्ष बाद नोएडा सेफ सिटी में शामिल हो जाएगा।
कंपनियों की पंसदीदा जगह बन रहा नोएडा
नोएडा आईटी, आईटीईएस, बीपीओ, बीटीओ और केपीओ सेवाओं की पेशकश करने वाले बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं, बीमा, फार्मा, ऑटो, फास्ट-मूविंग उपभोक्ता वस्तुओं और विनिर्माण जैसे विभिन्न डोमेन में कंपनियों की पसंदीदा जगह बन रहा है।
मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग का हब बना
देश में मोबाइल बाजार बढ़ रहा है, 2025 तक देश में 400 अरब डॉलर कारोबार का लक्ष्य अभी निर्धारित है। शहर में अभी एक अरब मोबाइल हैंडसेट बनने लगेंगे। इनकी कीमत 190 अरब डॉलर (लगभग 13 लाख करोड़ रुपये) होगी। इसमें से 60 करोड़ मोबाइल हैंडसेट निर्यात के लिए होंगे, जिनकी कीमत 110 अरब डॉलर (लगभग सात लाख करोड़ रुपये) होगी। जिसमें नोएडा अहम भूमिका निभाने वाला है।
थीम बेस्ड पार्क के रूप में हुआ विकसित
सेक्टर-91 में औषधि पार्क बनाया गया है, इसी जगह पर बायोडायवरसिटी पार्क भी विकसित किया गया है। सेक्टर-78 में वेदवन पार्क बनाया गया है। ये पार्क हमारे प्राचीन ऋषियों व उनके द्वारा लिखे वेदों के ज्ञान पर आधारित है। पूरे पार्क को सात ऋषियों के नाम पर बांटा गया है। इसमें भारद्वाज, गौतम, विश्वामित्र और अगस्त आदि शामिल हैं। प्रत्येक योग को सुंदर चित्रकारी कहानियों को लेजर शो और झरनों के रूप में दिखाया जाएगा।
प्रदेश का पहला डॉग पार्क नोएडा के सेक्टर 137 में बनाया गया है। पार्क विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस है। पार्क में डॉग्स के उठने-बैठने, खाने, सोने, घूमने, नहाने और मनोरंजन के लिए तमाम साधनों को उपलब्ध कराया गया है।
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एनसीआर का पहला नेचुरल ट्रेल ऑफ आर्टिफिशियल जू थीम पार्क दिल्ली के एकदम पास नोएडा में बनने जा रहा है। पार्क अपने आपमें अनोखा होगा, जिसका कॉन्सेप्ट फोर डी पर आधारित होगा। इसे सेक्टर-94 के पास बनाया जाएगा। ताकि दिल्ली, ग्रेटर नोएडा और फरीदाबाद के लोग तक यहां आ सकें। इसके अलावा जापानी पार्क, नक्षत्र वन, आर्यभट्ट पार्क पाइप लाइन में चल रहे है।

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