Noida Crime News: काल सेंटर खोलकर छात्रों को एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम पर ठगी
सरकारी मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। जालसाज जिले के शहर में अलग-अलग जगह दफ्तर खोलकर विद्यार्थियों को एमबीबीएस में एडमिशन दिलाने के नाम पर झांसे रहे हैं।

नोएडा, जागरण संवाददाता । सरकारी मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। जालसाज जिले के शहर में अलग-अलग जगह दफ्तर खोलकर विद्यार्थियों को एमबीबीएस में एडमिशन दिलाने के नाम पर झांसे रहे हैं। सेक्टर-63 कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत दफ्तर खोलकर एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम पर छात्रों से करोड़ों रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है।
दफ्तर बंद कर फरार हुए आरोपित
शिकायत के बाद आरोपित दफ्तर बंद कर फरार हो गए हैं।फोन भी बंद कर लिया है। पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत दी है। पुलिस कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है। सेक्टर-63 के डी ब्लाक में ठगों ने दफ्तर खोला था। यहां पर काल सेंटर संचालित हो रहा था। उसमें छह युवक-युवतियों को कालिंग के लिए रखा गया था। आरोपितों ने यहां से विद्यार्थियों और उनके स्वजन से संपर्क किया। फिर कोटे के नाम पर मेडिकल कालेज में दाखिला के झांसा देकर युवाओं से ठगी की। पीड़ित सोमवार को काउंसिलिंग के लिए संबंधित कालेजों में पहुंचे तो उन्हें ठगी का पता चला।
शहर के कई कालेजों में दाखिला दिलाने के नाम पर ठगी
जांच में सामने आया है कि आरोपितों ने आगरा, दिल्ली, फरीदाबाद, चंडीगढ़ सहित अन्य शहर के मेडिकल कालेज में दाखिला दिलाने के नाम पर ठगी की है। झांसे में आए पीड़ितों को दूर-दूर के कालेजों में भेजा था। जिससे वह जल्द पुलिस के पास न आ सकें। सेक्टर-25 की प्रीति भाटिया से ठगों ने 20 लाख रुपये लिए थे। उन्हें अपनी बेटी का दाखिला कराना था। उन्हें आगरा कालेज भेजा गया था। इसी तरह किसी से 20 तो किसी 30 लाख रुपये लिए गए हैं। पांच से लेकर 10 लाख रुपये बतौर एडवांस लिए थे। गिरोह ने अधिकतर पैसा नकद लिया था। जबकि कई पीड़ितों से ऑनलाइन भी पैसे ट्रांसफर कराए थे।
बैंक खातों को सीज कराने की तैयारी कर रही पुलिस
पुलिस संबंधित बैंक खातों को सीज कराने की तैयारी कर रही है। विद्यार्थियों को फर्जी एडमिशन लेटर दिए थे, जालसाजों ने विद्यार्थियों को फर्जी एडमिशन लैटर दिए थे। बता दे कि एमबीबीएस में दाखिले के नाम पर पूर्व में कई बार ठगी के मामले सामने आ चुके हैं। जानकारी होने के ठग करोड़ों रुपये लेकर फरार हो जाते हैं। स्थानीय पुलिस से लेकर एसटीएफ तक ऐसे गिरोह को कई बार गिरफ्तार कर चुकी है। यह जालसाज कुछ समय के लिए ऑफिस खोलते हैं। इसके बाद ऑफिस बंद कर फरार हो जाते हैं।
पुलिस ने किया ठगी से सतर्क
कोतवाली पुलिस का कहना है कि एमबीबीएस, बीएएमएस, बीडीए, बीएचएमएस, बीएससी नर्सिंग में एडमिशन सिर्फ काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से होता है। किसी भी सीधी भर्ती देने वाले बहकावे में आकर अपना पैसा और वक्त खराब न करें। काउंसलिंग प्रक्रिया में आवेदन करने के लिए नीट उत्तीर्ण करना आवश्यक है। सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए क्वालीफाइंग कटआफ 50 पर्सेंटाइल है। अनुसूचित जाति जनजाति के बच्चों के लिए यह कट ऑफ 40 पर्सेंटाइल की होती है। किसी भी सरकारी, निजी या डीम्ड मेडिकल कालेज में एडमिशन के लिए किसी भी तरह की डोनेशन नहीं चलती। लालच में न आएं। मेडिकल कालेज में दाखिले से संबंधित आने वाली फोन और मैसेज की पुष्टि करें।
यूक्रेन से लौटे छात्रों को बना रहे निशाना
सेक्टर-58 कोतवाली पुलिस ने बीते माह इसी तरह के गिरोह का पर्दफाश किया था। गिरोह में शामिल तीन महिला सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया था।गिरोह के सरगना सहित दस लोग फरार है। जिनकी पुलिस तलाश कर रही है। बता दे कि यूक्रेन में मेडिकल कालेज में पढ़ाई कर रहे हजारों की संख्या में छात्र यूक्रेन और रूस के युद्ध के कारण फंस गए थे। जहां से वापस आए कुछ बच्चों ने बताया उनके नीट में नंबर कम होने के कारण वह डाक्टर बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए अपने देश से पलायन किए थे। क्योंकि, वहां पर आसानी से एडमिशन मिल जाता है। यहां के प्राइवेट मेडिकल कालेज की अपेक्षा वहां पर फीस कम पड़ती है।
यह तो उन बच्चों की कहानी है, जो अपने सपने के लिए हर वर्ष हजारों की संख्या में अपना देश छोड़ देते हैं। लेकिन इसके साथ देश में ऐसे भी बच्चे हैं हजारों की संख्या में जो अपने ही देश में मेडिकल कालेजों में दाखिला के लिए जुगाड़ की तलाश करते हैं। जिसके कारण वह दलालों के चक्कर में फंसकर ठगी के शिकार हो जाते है।
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