Noida News: शिक्षक बन रहे स्मार्ट, छात्रों के लिए नहीं "स्मार्ट क्लास"
जिले के अधिकतर स्कूल बिना स्मार्ट क्लास सुविधा के संचालित हो रहे हैं। यह हाल गौतमबुद्ध नगर जिले का है जहां सीएसआर फंड से स्कूलों को संसाधन मुहैया कराए जाते हैं। पचास से अधिक कंपनियां सीएसआर फंड से स्कूलों को संसाधन उपलब्ध कराती हैं।

ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। चिराग तले अंधेरा, यह कहावत दनकौर में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) परिसर में संचालित हो रहे कंपोजिट स्कूल पर सटीक साबित हो रही है। परिसर में चल रहे कंपोजिट स्कूल में एक भी स्मार्ट क्लास नहीं हैं। इसी परिसर में ब्लाक संसाधन केंद्र (बीआरसी) भी है। डायट में ही शिक्षकों को स्मार्ट क्लास में पढ़ाने के तौर तरीके सिखाए जाते हैं। कंपोजिट स्कूल में 248 छात्रों का नामांकन है। छात्रों को परंपरागत तरीके से ही पढ़ाया जा रहा है।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने आदेश जारी किया था कि परिषदीय स्कूल के छात्र-छात्राओं को स्मार्ट क्लास में पढ़ाई की सुविधा मिलेगी, लेकिन यह आदेश कागजों में ही सिमट गया। जिले के अधिकतर स्कूल बिना स्मार्ट क्लास सुविधा के संचालित हो रहे हैं। यह हाल गौतमबुद्ध नगर जिले का है, जहां सीएसआर फंड से स्कूलों को संसाधन मुहैया कराए जाते हैं। पचास से अधिक कंपनियां सीएसआर फंड से स्कूलों को संसाधन उपलब्ध कराती हैं।
कंपोजिट स्कूल डायट परिसर में प्राइमरी और जूनियर की कक्षाओं में प्रकाश की उचित व्यवस्था नहीं है। ज्यादातर कक्षाओं में एक छोटा सीएफएल लगा हुआ है। सीएफएल की रोशनी इतनी कम है कि छात्रों की आंखों पर इसका असर पड़ रहा है। दनकौर ब्लाक में 140 परिषदीय स्कूल में महज 20 में ही स्मार्ट क्लास हैं।
स्मार्ट क्लास में नहीं हो रही पढ़ाई
जिले के चारों ब्लाक बिसरख, जेवर दादरी और दनकौर में जिन स्कूलों में स्मार्ट क्लास हैं। वहां भी महीने में एक दो बार ही छात्रों को स्मार्ट क्लास में पढ़ाया जाता है। सपोर्टिव सुपरविजन में स्कूलों में जाने वाले एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) और स्टेट रिसोर्स ग्रुप ( एसआरजी) को शिक्षकों से कहना पड़ता है कि छात्रों को स्मार्ट क्लास में पढ़ाया जाए।
बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐश्वर्या लक्ष्मी ने कहा कि जिले के कई स्कूलों में सीएसआर फंड से स्मार्ट क्लास रूम बनाए गए है। एआरपी से शिकायत भी मिली है कि जहां स्मार्ट क्लास रूम है, वहां के शिक्षक रोजाना छात्रों को स्मार्ट क्लास रूम में नहीं पढ़ा रहे है। ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई की जायेगी। स्कूलों में बजट आते ही स्मार्ट क्लास रूम बनवाए जाएंगे।
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