नोएडा एयरपोर्ट से प्रभावित वन्य जीवों के लिए बनेगा बचाव एवं पुनर्वास केंद्र, 341 लाख रुपये की आएगी लागत
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से प्रभावित वन्य जीवों के बचाव और पुनर्वास के लिए यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) 341.93 लाख रुपये की लागत से एक केंद्र का निर्माण करेगा। यह केंद्र 10 हेक्टेयर भूमि पर बनेगा और 30 वर्षों तक संचालित होगा जिसमें काले हिरणों नीलगायों और अन्य जानवरों के लिए क्वारंटीन और अस्पताल जैसी सुविधाएं होंगी। इससे इनका संरक्षण हो पाएगा।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से प्रभावित वन्य जीवों के संरक्षण के लिए यीडा ने बचाव एवं पुनर्वास केंद्र विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पुनर्वास केंद्र के लिए विकासकर्ता कंपनी चयन को प्रस्ताव मांगे गए हैं। निविदा 23 अप्रैल को खोली जाएगी। बचाव एवं पुनर्वास केंद्र के निर्माण पर 341.93 लाख रुपये लागत का अनुमान है।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए 1334 हे. जमीन अधिग्रहण से पहले भारतीय वन्य जीव संस्थान से सर्वे कराया गया था। एयरपोर्ट प्रभावित क्षेत्र के 10 से 25 किमी के दायरे में हुए सर्वे में कई वन्य जीवों की इलाके में मौजूदगी पाई गई थी। इसमें 258 काले हिरण, 29 हिरण, सारस, नील गाय, चिंकारा, बंदर, जंगली बिल्ली आदि शामिल हैं। संस्थान ने इनके संरक्षण एवं पुनर्वास के लिए दीर्घकालिक योजना बनाने का सुझाव दिया था।
पुनर्वास केंद्र तीस साल तक संचालित होगा
संस्थान के सुझाव पर धनौरी वैटलैंड के नजदीक 10 हे. में बचाव एवं पुनर्वास केंद्र विकसित करने की योजना तैयार की गई है। इसमें पांच हे. जमीन यमुना प्राधिकरण व पांच हे. वन विभाग की है। पुनर्वास केंद्र तीस साल तक संचालित होगा। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से अनुमति के बाद बचाव एवं पुनर्वास केंद्र के लिए यीडा ने विकासकर्ता कंपनी के चयन के लिए प्रस्ताव मांगे हैं। कंपनियों को 21 अप्रैल तक निविदा अपलोड करनी होगी। 23 अप्रैल काे निविदा खोली जाएगी।
कंपनी चयन होने ही केंद्र के विकास कार्य शुरू हो जाएगा
यीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह का कहना है कि बचाव एवं पुनर्वास केंद्र के लिए विकासकर्ता का चयन किया जा रहा है। कंपनी चयन होने ही केंद्र के विकास कार्य शुरू हो जाएगा। इसके निर्माण पर 341.93 लाख रुपये लागत आने का अनुमान है। पुनर्वास केंद्र में काले हिरण, बंदर, नील गाय आदि के लिए क्वारंटीन केंद्र, पशु अस्पताल आदि की सुविधा होगी।
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