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    UP News: यूपी का 'आम' बनेगा खास, किसानों की लगेगी लॉटरी; नोएडा एयरपोर्ट होगा केंद्र

    Updated: Tue, 04 Mar 2025 07:19 PM (IST)

    Noida International Airport उत्तर प्रदेश का आम अब दुनियाभर में अपने स्वाद का लोहा मनवाएगा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट परिसर में आम के जूस की प्रोसेसिंग यूनिट लगाई जाएगी। इससे किसानों को फलों का उचित मूल्य मिलेगा और उनकी आमदनी बढ़ेगी। बता दें वर्ल्ड बैंक भारत के राज्यों में फूड पार्क की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है। इस स्टोरी के माध्यम से पढ़िए पूरी खबर।

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    Noida News: यूपी का आम बनेगा खास, दुनिया चखेगी जूस का स्वाद। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश का आम दुनिया में खास बनने जा रहा है। दुनिया के कोने-काेने तक उत्तर प्रदेश के आम के जूस का स्वाद पहुंचेगा। जूस को तैयार करने और उसकी पैकेजिंग के लिए नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट परिसर में कार्गो टर्मिनल के पास प्रसंस्करण यूनिट लगाई जाएगी।

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    एयरपोर्ट के जरिये इसे विदेश को निर्यात किया जाएगा। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने यूनिट की स्थापना के लिए कंपनी गठन का प्रारूप तय करने के लिए समिति गठित की है। यह समिति 15 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। इस समिति में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि., वर्ल्ड बैंक, भारत बायोटेक के अधिकारी शामिल हैं।

    हर राज्य को मिल रही 350 करोड़ की मदद

    वर्ल्ड बैंक भारत के राज्यों में फूड पार्क की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है। इसके तहत प्रत्येक राज्यों को 350 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद की जा रही है। उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण यूनिट की स्थापना के लिए भारत बायोटेक की सहयोगी कंपनी इनोवा एग्रो ने रुचि दिखाई है।

    मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सोमवार को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निरीक्षण के दौरान खाद्य प्रसंस्करण यूनिट की स्थापना के लिए विचार विमर्श किया। इस बैठक में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. के अलावा वर्ल्ड बैंक, भारत बायोटेक, यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रा. लि. व एआइसेट के अधिकारी शामिल हुए। एआइसेट्स एयरपोर्ट परिसर में 87 एकड़ में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब विकसित कर रही है। इसमें वेयर हाउस के अलावा कोल्ड चेन भी होगी।

    प्रस्तावित योजना के तहत समिति तय करेगी की खाद्य प्रसंस्करण यूनिट के लिए संयुक्त उद्यम, एसपीवी कंपनी या हाइब्रिड माडल में कौन से विकल्प अच्छा होगा। प्रसंस्करण यूनिट में आम व अमरूद का जूस निकालने और पैकेजिंग आदि की सुविधा होगी। इसके अलावा फलों के उत्पादन तैयार होंगे।

    हालांकि फलों की सफाई में गामा रेडिएशन का उपयोग होता है। एयरपोर्ट परिसर में इसकी अनुमति नहीं है, इसलिए फलों की सफाई आदि के लिए अलग यूनिट लगाई जाएगी।

    यमुना प्राधिकरण ने की जमीन की पेशकश

    यमुना प्राधिकरण (yamuna authority) ने एयरपोर्ट परिसर के बाहर प्रसंस्करण यूनिट के लिए सेक्टर 22 ई में जमीन देने की पेशकश की है। सेक्टर में प्राधिकरण के पास 50 एकड़ जमीन उपलब्ध है। यदि एयरपोर्ट परिसर में यूनिट स्थापना को लेकर अड़चन आती है तो यमुना प्राधिकरण जमीन उपलब्ध कराएगा। मास्टर प्लान 2041 में यह जमीन सेक्टर में शामिल हो चुकी है।

    फल उत्पादकों को होगा फायदा

    उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर फल का उत्पादन होता है। आमतौर पर फलों की खपत भारतीय बाजार में ही होती है। इसलिए उत्पादकों को फलों का उचित मूल्य नहीं मिल पाता। प्रसंस्करण यूनिट स्थापित होने से प्रदेश में उत्पादित होने वाले आम और अमरूद का जूस व अन्य उत्पाद विदेश को निर्यात होंगे। इससे किसानों को फलों का उचित मूल्य मिल सकेगा। उनकी आमदनी बढ़ेगी।

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