ग्रेटर नोएडा की 25 सड़कें होंगी चकाचक, हजारों लोगों को मिलेगा फायदा; 40 करोड़ रुपये से ज्यादा होंगे खर्च
Yamuna Authority News ग्रेटर नोएडा में यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में शामिल 25 सड़कों की मरम्मत कराएगा। लोक निर्माण विभाग और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की इन सड़कों की मरम्मत पर 40 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे। यमुना प्राधिकरण बोर्ड ने इन सड़कों की मरम्मत कराने पर स्वीकृति की मुहर लगा दी है। ये सड़कें सेक्टरों में शामिल हो चुकी हैं।

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में शामिल हो चुकी लोक निर्माण विभाग व ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की 25 सड़कों को यमुना प्राधिकरण दुरुस्त करेगा। यमुना प्राधिकरण के सेक्टरों का हिस्सा बन चुकीं इन सड़कों की मरम्मत से दोनों विभागों ने हाथ खींच लिया है।
प्राधिकरण के स्वामित्व में न होने के कारण इन सड़कों की मरम्मत न होने से जर्जर हो चुकी हैं। इससे क्षेत्र के हजारों ग्रामीणों को परेशानी झेलनी पड़ रही थी। प्राधिकरण बोर्ड ने इन सड़कों की मरम्मत कराने पर स्वीकृति की मुहर लगा दी है। तीन गांव की पेरिफेरल सड़क बनाने और सात गांव में आबादी के सर्वे की भी स्वीकृति दी है।
यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक की अध्यक्षता करते प्रमुख सचिव व यमुना प्राधिकरण के चेयरमैन आलोक कुमार।
किन सेक्टरों में हैं ये सड़कें?
यमुना प्राधिकरण के सेक्टर 16, 17, 18, 20, 28, 29, 32, 33 में लोक निर्माण विभाग की 17 व ग्रामीण अभियंत्रण विभाग विभाग की आठ सड़के हैं। प्राधिकरण क्षेत्र में होने के कारण दोनों विभागों ने इनका रखरखाव बंद कर दिया था, लेकिन सड़कों का हस्तांतरण न होने के कारण प्राधिकरण भी मरम्मत से हाथ खींच रहा था।
दिनों दिन सड़कों के जर्जर होने से सलापरपुर, मोहबलीपुर, दयोरार, दयानतपुर, मुकीमपुर सिवारा, नंगला हुकुम सिंह, बनबारीवास, मिर्जापुर, समेत कई गांवों के लोगों को परेशानी हो रही थी। प्राधिकरण बोर्ड ने इन सड़कों के मरम्मत की स्वीकृति दे दी है। यीडा इन सड़कों की मरम्मत कराएगा।
लोकनिर्माण विभाग की सड़कों की कुल लंबाई 32.17 किमी है। इसकी मरम्मत पर प्राधिकरण 26 करोड़ 21 लाख खर्च करेगा। आरईएस की सड़क की लंबाई 31.82 किमी है। इसकी मरम्मत पर प्राधिकरण 14 करोड़ 52 लाख खर्च करेगा।
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तीन गांवों की पेरिफेरल सड़क को बोर्ड की हामी
प्राधिकरण बोर्ड ने आकलपुर, म्याना व मकसूदपुर गांव की पेरिफेरल सड़क को मंजूरी दे दी है। किसानों के साथ आबादी विवाद के समाधान के लिए गांवों की आबादी का सर्वे कराकर पेरिफेरल सड़क बनाने के शासन ने निर्देश दिए थे।
इसके साथ सात और गांवों में भी पेरिफेरल सड़क के लिए सर्वे को अनुमति दे दी है। सीईओ ने बताया कि आबादी में खाली जमीन पर ग्रामीणों के लिए स्कूल, पुस्तकालय, अस्पताल, कालेज, बारातघर, श्मशान, कब्रिस्तान आदि विकसित किए जाएंगे।
सात प्रतिशत आबादी भूखंड की रजिस्ट्री का रास्ता साफ
प्राधिकरण में पहले किसानों को सात प्रतिशत आबादी भूखंड के तहत न्यूनतम 120 वर्गमीटर भूखंड का नियम लागू था, बाद में से बदलकर न्यूनतम 40 वर्गमीटर कर दिया गया, लेकिन पूर्व में 120 वर्गमीटर का आबादी भूखंड पाने वाले किसानों की नियम में बदलाव की वजह से रजिस्ट्री अटक गई थी।
बोर्ड ने फैसला किया है कि पूर्व में जिन किसानों को जो भूखंड आवंटित हुआ है, उसकी रजिस्ट्री की जाएगी। इससे किसानों को काफी राहत मिली है।
प्रभावित किसानों को मिलेगा अतिरिक्त मुआवजा
यमुना प्राधिकरण में मास्टर प्लान से बाहर जाकर जमीन खरीदने का घोटाला हुआ था। इन मामलों में कानूनी कार्रवाई चल रही है, लेकिन जो जमीन प्राधिकरण खरीद चुका था, उसमें से काफी जमीन मास्टर प्लान 2041 में शामिल कर सेक्टर नियोजित कर दिए गए थे।
प्राधिकरण बोर्ड ने मास्टर प्लान में शामिल हो चुकी जमीन से प्रभावित किसानों को 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा वितरण करने और जमीन पर कब्जा लेकर भूखंड योजनाएं लाने का फैसला किया है। जो जमीन अभी मास्टर प्लान में शामिल नहीं हुई है, उसका मुआवजा नहीं दिया जाएगा।
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