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    IPS Laxmi Singh: कौन हैं आइपीएस लक्ष्मी सिंह, जिन्हें योगी सरकार ने दी गौतमबुद्धनगर पुलिस आयुक्त की जिम्मेदारी

    IPS Laxmi Singh तेजतर्रार पुलिस अधिकारी मानी जाने वालीं आइपीएस लक्ष्मी सिंह को गौतमबुद्धनगर पुलिस आयुक्त की जिम्मेदारी दी गई है। वह पहली महिला IPS अधिकारी हैं जिन्हें यूपी के किसे जिले का पुलिस कमिश्नर बनाया गया है।

    By Jp YadavEdited By: Updated: Tue, 29 Nov 2022 11:13 AM (IST)
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    गौतमबुद्धनगर की पुलिस कमिश्नर आइपीएस लक्ष्मी सिंह।

    नोएडा, जागरण डिजिटल डेस्क। Gautam Budh Nagar Police Commissioner उत्तर प्रदेश में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी सरकार ने कानून व्यवस्था को और दुरुस्त करने के लिए प्रशासनिक बदलाव के तहत कई जिलों में आइपीएस अधिकारियों का तबादला किया है। आदेश के बाद वाराणसी, आगरा, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, अयोध्या, मथुरा, लखनऊ, बहराइच और प्रयागराज सहित विभिन्न जिलों से 16 IPS अधिकारियों का तबादला हुआ है। इसी कड़ी में दिल्ली के सटे अहम जिलों में शुमार गौतमबुद्धनगर के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह का ट्रांसफर कर मुख्यालय (लखनऊ) में जिम्मेदारी दी गई है तो तेज तर्रार आइपीएस लक्ष्मी सिंह (IPS Laxmi Singh) को गौतमबुद्धनगर पुलिस आयुक्त की जिम्मेदारी दी गई है। आइये जानते हैं कि कौन हैं आइपीएस अधिकारी लक्ष्मी सिंह, जो प्रदेश के किसी जिले की पहली महिला पुलिस आयुक्त बनी हैं।

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    मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक से सम्मानित हैं लक्ष्मी सिंह

    लक्ष्मी सिंह को बेहद तर्रार पुलिस अधिकारियों में शुमार किया जाता है। अपने शानदार प्रदर्शन और जिम्मेदारी का इमानदारी से निर्वहन करने के लिए IPS लक्ष्मी सिंह को कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है। इस कड़ी में लक्ष्मी सिंह को मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक से भी सम्मानित किया गया है। इसके अलावा, केंद्रीय गृह मंत्रालय पीटीएस मेरठ को भारत में नंबर वन संस्थान घोषित करते हुए 2 लाख रुपये का इनाम भी दे चुका है।

    पीएम की तरफ मिला है सिल्वर बेटन 

    सरदार वल्लभ भाई पटेल नेशनल पुलिस अकेडमी हैदराबाद में ट्रेनिंग के दौरान लक्ष्मी सिंह बेस्ट प्रोबेशनर घोषित की गई थी। 2000 बैच की आइपीएस लक्ष्मी सिंह को प्रधानमंत्री की ओर से सिल्वर बेटन मिल चुका है। इसके अलावा, केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से उन्हें पुरस्कार स्वरूप 9 एमएम की एक पिस्टल भी मिली है, जिसे उन्हें संभालकर रखा है। 

    माफिया के खिलाफ कार्रवाई कर बना चुकी हैं अलग पहचान

    तेजतर्रार IPS अधिकारी लक्ष्मी सिंह अब तक कार्यकाल के दौरान कई जिलों में अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। वह इससे पहले वाराणसी के साथ-साथ चित्रकूट, गोंडा, फर्रुखाबाद, बागपत और बुलंदशहर में बतौर एसपी और एसएसपी सेवा दे चुकी हैं। इसके साथ ही माफिया और संगठित अपराध के खिलाफ जोरदार मुहिम चलाकर कई बार चर्चा में आईं।  इसके अलावा, जनशिकायतों के निस्तारण और पुलिस कर्मियों की समस्याओं के निवारण में अहम भूमिका निभाई। 

    पीएम मोदी भी कर चुके हैं सम्मानित

    आइपीएस लक्ष्मी सिंह विभिन्न जिलों में तैनात रहने के दौरान कई इनामी डकैत और दुर्दांत अपराधियों का एनकाउंटर भी कर चुकी हैं। दरअसल, IPS लक्ष्मी सिंह एसटीएफ में भी बतौर डीआईजी तैनात रहीं और अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की  है। इसके अलावा कंप्यूटराइजेशन के काम के लिए उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुरस्कृत किया था। 

    मैकेनिकल इंजीनियर हैं लक्ष्मी सिंह

    2000 बैच की महिला आइपीएस टॉपर लक्ष्मी सिंह ने मेकेनिकल इंजीनियरिंग और समाजशास्‍त्र में एमए की डिग्री हासिल करने के बाद पुलिस की खाकी वर्दी पहनी। ईमानदारी से और हिम्मत से अपनी ड्यूटी करती हैं। पुलिस महकमें में अपने करियर में लक्ष्‍मी सिंह 2014 में बतौर डीआईजी आगरा रहीं और बड़े-बड़े क्रिमिनल का सलाखों के पीछे पहुंचाया। इसके बाद फर्रुखाबाद, बुलंदशहर समेत कई जिलों में पुलिस कप्‍तान की जिम्‍मेदारी संभाल चुकी हैं। जिन जिलों में भी लक्ष्‍मी सिंह की पोस्टिंग रही वहां इन्‍होंने लॉ एंड आर्डर को बनाए रखने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई।

    सीएम योगी की करीबी भी हैं लक्ष्मी सिंह

    आगरा के बाद लक्ष्‍मी सिंह की मेरठ जिले की जिम्‍मेदारी दी गई। लक्ष्‍मी सिंह की ईमानदार और तेजतर्रार छवि से प्रभावित होकर यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने उन्‍हें प्रमोशन देकर 2019 में उनको राजधानी लखनऊ की जिम्‍मेदारी दी। लक्ष्मी सिंह सीएम योगी की खास मानी जाती हैं।

    यूपी के कई मामलों को सुलझाने में निभाई अहम भूमिका

    मुख्यमंत्री योगी ने कानपुर के दहशतगर्द विकास दुबे कांड की जांच सौंपी, ताकि वह इस मामले की तह तक जाएं और पुलिस की वर्दी में छिपे अपराधियों के मददगारों को बेनकाब करें। हाल ही में उन्‍नाव जिले में खेत में रस्‍सी से बंधी हुई मिली तीन लड़कियों का केस दोनों की जांच की जिम्‍मेदारी लक्ष्‍मी सिंह ने बखूबी निभाई और उन्‍नाव केस में अभियुक्‍तों को तीन दिन के अंदर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।

    कई डकैतों को पहुंचाया जेल

    लक्ष्‍मी सिंह बताती हैं- 'जब मैं नौकरी आईं तो उस समय कई डकैत गैंग सक्रिय थे उनका पीछा करना पड़ता था। मुकबिर के सिस्‍टम को डेवलेप करना पड़ता है उसे मजबूत करना पड़ता है। करियर की शुरूआत में बुंदेखंड, सेंट्रल यूपी के तीन गैंग के खिलाफ काम किया एक गैंग से महिला समझ कर चुनौतियां भेजी थी तब उसका अच्‍छा जवाब दिया था।

    खुद को हर दिन अपने से कम्‍पेयर करें

    लक्ष्‍मी सिंह का मानना है कि महिलाएं मल्‍टीटास्किंग होती है। एक साथ महिला प्‍लान करके बहुत चीजों में ऑडर देकर, डॉयरेक्‍शन देकर मैनेज भी कर लेती हैं। ये हमारा प्‍लस प्‍वाइंट है। अब जमाना बदल चुका है। आपको स्‍वयं को किसी दायरे में बांधना नहीं चाहिए। आज हम जिस जगह पर पहुंचे हैं हमारी क्षमता जो आज है उसमें हमारी कोशिश होनी चाहिए कि वो हर दिन बढ़े। हम तरक्‍की तब करते हैं जब हम स्‍वयं को दूसरे से तुलना करने के बजाय हर दिन अपने से कम्‍पेयर करें। ये हर क्षेत्र की महिलाओं को करना चाहिए। हर क्षेत्र में महिला बेहतर प्रदर्शन कर रही है।  

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