Bike Bot Scam: दिल्ली से मेरठ तक पहुंचेगी 4200 करोड़ के घोटले की जांच, मुश्किल में फंस सकते हैं कई नेता और अधिकारी
Bike Bot Scam गौतमबुद्ध नगर के चीती गांव के रहने वाले बसपा नेता संजय भाटी ने बाइक वोट कंपनी बनाकर देशभर से लोगों का पैसा इसमें निवेश कराया था। निवेशकों को भरोसा दिया गया था कि उनकी धनराशि से कंपनी मोटर साइकिल खरीदकर किराए पर चलाएगी। उससे होने वाली आमदनी से लोगों का पैसा एक से डेढ़ वर्ष में दोगना होने का भरोसा दिया गया।

धर्मेंद्र चंदेल, नोएडा। देश के बहुचर्चित 4200 करोड़ रुपये के बाइक वोट घोटाले की आंच मेरठ तक जा सकती है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की जा रही जांच में मेरठ के भी कुछ नेताओं के नाम प्रकाश में आए हैं। घोटाले में शामिल एक महिला मेरठ के नेता से पारिवारिक रिश्ते रहे हैं।
जेल में बंद आरोपितों से पूछताछ
इस वजह से ईडी संबंधित नेता से पूछताछ कर सकती है। मेरठ में तैनात रहे एक अधिकारी भी रडार पर आ गए हैं। मामले की जांच ईडी की दिल्ली मुख्यालय टीम कर रही हैं। सूत्र बताते हैं कि पिछले पंद्रह दिन में ईडी ने घोटाले की कई परत खोली है। जेल में बंद आरोपितों से पूछताछ की है।
आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारियों द्वारा पूर्व में की गई जांच रिपोर्ट का भी अध्ययन किया है। जांच करने वाले अधिकारियों से भी संपर्क किया गया है। इसमें कई ऐसे चौकाने वाले तथ्य आए हैं, जिससे इस घोटाले में कई और की गर्दन फंस सकती है।
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क्या है BSP नेता संजय भाटी का कनेक्शन?
बता दें कि गौतमबुद्ध नगर के चीती गांव के रहने वाले बसपा नेता संजय भाटी ने बाइक वोट कंपनी बनाकर देशभर से लोगों का पैसा इसमें निवेश कराया था। निवेशकों को भरोसा दिया गया था कि उनकी धनराशि से कंपनी मोटर साइकिल खरीदकर किराए पर चलाएगी। उससे होने वाली आमदनी से लोगों का पैसा एक से डेढ़ वर्ष में दोगना होने का भरोसा दिया गया।
कम समय में रकम दोगुना का दिया झांसा
निवेशकों ने कम समय में धन दोगुना करने के चक्कर में बड़ी धनराशि बाइक वोट कंपनी में लगा दी। पुलिस और आर्थिक अपराध शाखा द्वारा की गई अब तक की जांच में करीब 4200 करोड़ रुपये के निवेश कराने की बात सामने आई है। पुराने निवेशकों का भरोसा जीतने और नए को फंसाने के लिए कुछ दिन तक कंपनी ने लोगों को प्रत्येक माह पैसा वापस लौटाया, लेकिन दिन बाद कंपनी के कर्ताधर्ता गायब हो गए।
कैसे खुला बाइक वोट घोटाला?
नवंबर 2019 में कंपनी के विरूद्ध पहला मामला दर्ज होने के बाद आरोपितों की गिरफ्तारी शुरू हुई। पहले से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि घोटाले में कुछ बड़े नेताओं का संरक्षण मुख्य आरोपित संजय भाटी और उनकी सहयोगी दीप्ति बहल को प्राप्त था। इनमें बसपा समेत अधिकांश राजनीतिक दलों के नेता शामिल है। बसपा के कई नेताओं के नाम सामने आए हैं।
2019 में संजय भाटी को मिला था लोकसभा का टिकट
संजय भाटी को 2019 में बसपा से लोकसभा का टिकट भी मिला था। दीप्ति बहल (Deepti Bahal) काफी दिनों मेरठ में रही थी। वह भी इस मामले में मुख्य आरोपित है। उस पर पांच लाख का ईनाम है।
उनके मेरठ में कुछ नेताओं से पारिवारिक रिश्ते रहे हैं। इसकी परत अब ईडी की जांच में खुलने लगी है। फिलहाल मेरठ के एक नेता का नाम सामने आया है। उनसे ईडी पूछताछ कर सकती है।
हिमाचल प्रदेश में खरीदी थी एक यूनिवर्सिटी
जांच में यह भी बात सामने आयी है कि संजय भाटी ने घोटाले की रकम से हिमाचल प्रदेश में एक यूनिवर्सिटी खरीदी थी। इसमें दीप्ति बहल को निदेशक बनाया गया था। यूनिवर्सिटी के प्रबंध तंत्र में शामिल लोग भी ईडी के निशाने पर आए हैं।
मेरठ के एक अधिकारी का नाम भी जांच में प्रमुखता से आया है। यह अधिकारी पुलिस में बड़े पद पर तैनात रहा है। गौतमबुद्ध नगर के एक नेता की भी मुश्किल बढ़ सकती है। ईडी उन्हें पूछताछ के लिए बुला सकती है।
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