कौन है लेडी माफिया दीप्ति बहल? यूपी पुलिस ने घोषित कर रखा है 5 लाख का इनाम
Bike Bot Scam बाइक बोट घोटाले में आरोपी दीप्ति बहल (Deepti Bahal) पर 5 लाख रुपये का इनाम है। वह वर्ष 2019 में घोटाले में पहला मामला दर्ज होने के बाद से फरार है। आशंका जताई जा रही है कि वो विदेश भाग गई है।

नोएडा, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश पुलिस की वेबसाइट पर मौजूद मोस्ट वांटेड क्रिमिनल्स की लिस्ट में बाइक बोट घोटाले के मुख्य आरोपी संजय भाटी की पत्नी दीप्ति बहल (Deepti Bahal) का नाम भी शामिल है। दीप्ति बहल पर यूपी पुलिस ने 5 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है।
वह बागपत के एक कॉलेज की प्रिंसिपल रह चुकी है। तीन जांच एजेंसियां उसके अपराधों की जांच कर रही है। माना जा रहा है कि जल्द ही उसकी तलाश के लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जा सकता है। बता दें कि दीप्ति बहल के नाम पर एक स्कूल और हिमाचल प्रदेश में विश्वविद्यालय भी है।
2019 से फरार है दीप्ति
लोनी में रहने वाली दीप्ति बहल साढ़े चार हजार करोड़ रुपये के बहुचर्चित बाइक बोट घोटाले की मुख्य आरोपियों में से एक है। दीप्ति, 2019 में बाइक बोट घोटाले में पहला मामला दर्ज होने के बाद से फरार है। जांच के दौरान पता चला कि वह शादी से पहले बागपत में एक शिक्षिका थी। हालांकि, कॉलेज में उसके होने का कोई उचित रिकॉर्ड नहीं मिला। मार्च 2021 में, जांच एजेंसियों ने लोनी में उसके आवास को कुर्क कर दिया।
इससे पहले, मेरठ में उसके घर की तलाशी लेने वाली टीमों ने पाया कि वह लगभग 10 साल पहले शहर छोड़कर चली गई थी। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने घोटाले में दर्ज सभी मामलों को क्लब करने का आदेश जारी किया था। दरअसल, शासन के निर्देश पर घोटाले की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने आरोपितों के विरुद्ध गौतमबुद्धनगर के दादरी थाने में वर्ष 2019 में धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में दर्ज कराए गए पहले मुकदमे की जांच सीबीआइ से कराए जाने संबंधी पत्र गृह विभाग को भेजा था। दीप्ति साल 2019 में घोटाले में पहला मामला दर्ज होने के बाद से फरार है। आशंका जताई जा रही है कि वो विदेश भाग गई है।
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दोगुना मुनाफा कमाने का झांसा देकर की ठगी
नोएडा निवासी बसपा नेता संजय भाटी ने गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के नाम से एक कंपनी बनाई थी और बाइक बोट नाम से मल्टीलेवल मार्केटिंग स्कीम के तहत एक साल में निवेशकों को दोगुना मुनाफा कमाने का झांसा दिया था। कंपनी ने एक टैक्सी बाइक के लिए लगभग 62 हजार रुपये निवेश करने पर हर माह 9765 रुपये प्रतिमाह की किस्त का भुगतान 12 माह तक किए जाने का झांसा दिया गया था। एक से अधिक बाइक में निवेश करने के लिए अतिरिक्त बोनस का भी प्रलोभन दिया गया था। उत्तर प्रदेश समेत कई राज्य के लोगों ने वर्ष 2016 से वर्ष 2019 के मध्य कंपनी में निवेश किया था।
बाइक बोट घोटाले में उत्तर प्रदेश में कुल 118 मुकदमे दर्ज कराए गए थे। इनमें सर्वाधिक 96 मुकदमे गौतमबुद्धनगर में दर्ज हैं। इसके अलावा बुलंदशहर में छह, गाजियाबाद में पांच, मेरठ व अलीगढ़ में दो-दो तथा हापुड़, बिजनौर, बागपत, आगरा, मुजफ्फरनगर व लखनऊ में एक-एक मुकदमा दर्ज है। शासन के आदेश पर गौतमबुद्धनगर में दर्ज 11 मुकदमों की जांच 22 अक्टूबर, 2021 को सीबीआइ को सौंपी गई थी। जबकि शेष 107 मुकदमों की जांच ईओडब्ल्यू की मेरठ शाखा कर रही है।
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