Farmers Protest: संसद कूच के लिए अड़े किसान, महामाया फ्लाईओवर के नीचे सुरक्षाकर्मियों ने रोका; लगा लंबा जाम
उत्तर प्रदेश के किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली कूच कर चुके हैं। इस कारण दिल्ली बॉर्डर पर सुरक्षाबलों की भारी तैनाती की गई है। इन किसानों के कूच करने के कारण डीएनडी फ्लाईवे पर भारी ट्रैफिक जाम लग गया है। इसके अलावा चिल्ला बॉर्डर पर भी यातायात बाधित हुई है। किसान 10 प्रतिशत आबादी भूखंड 64.7 प्रतिशत अधिक मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, नोएडा। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश के किसान सोमवार को दिल्ली कूच कर चुके हैं। इस कारण दिल्ली बॉर्डर पर सुरक्षाबलों की भारी तैनाती की गई है। इन किसानों के कूच करने के कारण डीएनडी फ्लाईवे पर भारी ट्रैफिक जाम लग गया है। इसके अलावा, चिल्ला बॉर्डर पर भी यातायात बाधित हुई है।
किसानों के दिल्ली कूच एलान को लेकर रूट डायवर्जन और पुलिस की चेकिंग के चलते बॉर्डर पर सोमवार सुबह यातायात प्रभावित हुआ। चिल्ला बार्डर होते हुए सेक्टर 15ए से दिल्ली और कालिंदी कुंज से दिल्ली जाने वाले मार्ग पर वाहनों की लंबी कतार लगी नजर आईं। इससे लोगों को सुबह से ही भीषण जाम का सामना करना पड़ा।
किसानों ने दिल्ली की ओर आगे बढ़ने का किया प्रयास, पुलिस ने पूरा रोड ब्लॉक कर महामाया पर रोका।
संसद की ओर पैदल ही कूच कर रहे किसान। (फोटो- जागरण)
दिल्ली की ओर कूच करने के लिए महामाया फ्लाओवर के नीचे किसान जुटने लगे हैं। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक लिया है। इस कारण किसान वाहनों को सड़क किनारे खड़ा कर पैदल ही चल पड़े हैं। एक लेन खाली छोड़ी गई है, जिससे ट्रैफिक निकल रहा है। इस कारण वहां पर जाम भी बढ़ता जा रहा है। वहीं, सुरक्षाकर्मी इन्हें आगे बढ़ने से रोक रहे हैं।
चिल्ला बॉर्डर पर लगी वाहनों की लंबी कतारें। (फोटो- जागरण)
दिल्ली/बॉर्डर एरिया में चेकिंग की जा रही
यातायात पुलिस अधिकारियों का कहना है कि किसानों के दिल्ली आह्वन को लेकर दिल्ली/बॉर्डर एरिया में चेकिंग की जा रही है, जिसमें यातायात धीमी गति से संचालित हो रहा था। वर्तमान में सभी रेड लाइट को निरंतर ग्रीन कर दिया गया है। पुनः यातायात सामान्य गति से संचालित है। कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर पुलिस यातायात को सुचारू रूप से संचालित करा रही है।
#WATCH नोएडा, उत्तर प्रदेश: संयुक्त SP शिवहरि मीना ने कहा, "किसानों द्वारा दिल्ली कूच के आह्वान के लिए किसानों के साथ हम निरंतर वार्ता में हैं। कल भी 3 घंटे हमने वार्ता की है... साथ ही हमने त्रिस्तरीय सुरक्षा प्लान तैयार किया है। जिसके तहत लगभग 5 हजार कर्मचारी विभिन्न रास्तों पर… pic.twitter.com/Ts6yNXd4eG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 2, 2024
वाटर कैनन और 5 हजार पुलिसकर्मी तैनात: शिवहरि मीना
संयुक्त SP शिवहरि मीना ने कहा, "किसानों द्वारा दिल्ली कूच के आह्वान के लिए किसानों के साथ हम निरंतर वार्ता में हैं। कल भी 3 घंटे हमने वार्ता की हैं। साथ ही हमने त्रिस्तरीय सुरक्षा प्लान तैयार किया है। इसके तहत लगभग 5 हजार कर्मचारी विभिन्न रास्तों पर चेकिंग कर रहे हैं। ट्रैफिक मैनेजमेंट भी किया जा रहा है। 1000 के करीब PAC के जवान तैनात हैं। इसके अतिरिक्त वाटर कैनन, टियर गैस स्क्वाड और अन्य अनुशासनिक शाखाएं सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैनात हैं।"
संसद सत्र चलने की वजह से किसानों को अनुमति नहीं: डीसीपी
पूर्वी दिल्ली की डीसीपी अपूर्व गुप्ता ने कहा, "हमें कुछ किसान संगठनों के बारे में पहले से जानकारी मिली है, जिन्होंने घोषणा की है वे दिल्ली तक मार्च करेंगे। संसद सत्र चालू होने के कारण उन्हें इस विरोध प्रदर्शन के लिए दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई कानून-व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े। हम नोएडा पुलिस के साथ समन्वय कर रहे हैं। दिल्ली-यूपी के सभी बड़े-छोटे स्थानों पर सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।
#WATCH | On Police & RAF deployed at Delhi-UP Chilla border in view of call by some farmer organisation to march to Delhi over their various demands, DCP East Delhi, Apoorva Gupta says, "We got some advance information about some farmers' organisation who have announced a march… pic.twitter.com/kcLDNTNYmH
— ANI (@ANI) December 2, 2024
क्या है किसानों की मांग
- किसान 10 प्रतिशत आबादी भूखंड, 64.7 प्रतिशत अधिक मुआवजा और नए भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के सभी लाभ दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
- किसान 10 प्रतिशत आबादी प्लॉट, 64.7 प्रतिशत मुआवजा, नए भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार बाजार दर का चार गुना मुआवजा, 20 प्रतिशत प्लाट दिए जाने, भूमिधर, भूमिहीन किसानों के सभी बच्चों को रोजगार व पुनर्वास के सभी लाभ दिए जाने व आबादियों का निस्तारण किए जाने की मांग कर रहे हैं।
- किसानों के प्रदर्शन में रोजगार एवं पुनर्वास की मांग की गई।
- पारित मुद्दों पर शासनादेश जारी किया जाए और आबादी वाले क्षेत्रों का उचित बंदोबस्त किया जाए।
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी जैसी मांगों के लिए दबाव डालते हुए किसान संगठन 6 दिसंबर
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