Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Noida News: शादी के 19 साल बाद अलग होना चाहता था कपल, दंपती के बीच की खाई पाट मजबूत की रिश्ते की डोर

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 10:22 AM (IST)

    ग्रेटर नोएडा में फैमिली डिस्प्यूटर रेजोल्यूशन क्लीनिक ने 19 साल के वैवाहिक रिश्ते को टूटने से बचाया। छोटी सी गलतफहमी के कारण दंपती तलाक लेने को तैयार थे। एफडीआरसी के विशेषज्ञों ने काउंसलिंग के माध्यम से सुलह कराई जिससे परिवार में खुशियां वापस आईं। पिछले साल क्लीनिक ने 95% मामलों में सफलता पाई।

    Hero Image
    प्रतीकात्मक तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। सौजन्य- freepik

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। 19 साल के वैवाहिक संबंध के बाद एक दंपती के बीच छोटी सी गलतफहमी ने रिश्ता टूटने के कगार पर पहुंच गया। रिश्तों में खटास इतनी बढ़ गई कि 17 साल की बेटी होने के बावजूद साल के वैवाहिक संबंध को तिलांजलि देने को तैयार हो बैठे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पति पत्नी के बीच घरेलू विवाद का मामला ग्रेटर नोएडा वेस्ट चेरी काउंटी सोसायटी स्थित फैमिली डिस्प्यूटर रेजाल्यूशन क्लीनिक (एफडीआरसी) पहुंचा । एफडीआरसी के विशेषज्ञ काउंसलिंग के जरिये टूटते रिश्ते को बचा दोनों के बीच सुलह कराने में कामयाब हासिल की है।

    दंपती की शादी 2006 में हुई। दोनों के एक 17 साल की बेटी है। समय बीतने के साथ दोनों के मध्य छोटी-छोटी बातों को लेकर मतभेद बढ़ते चले गए। निरंतर विवाद और मनमुटाव के कारण उनके संबंधों में कटुता एवं बदले की भावना घर कर गई, जिससे परिवार में अशांति रहने लगी और पारिवारिक जीवन बिखरने की स्थिति तक पहुंच गया।

    शिकायत पर एफडीआरसी प्रभारी व महिला पुलिस टीम तथा गलगोटिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेशनल काउंसलर्स और मनोवैज्ञानिक व व्यावहारिक विज्ञान के विशेषज्ञों ने मामले को संवेदनशीलता के साथ संज्ञान में लिया और पति-पत्नी की काउंसलिंग करते हुए सही गलत समझाकर मध्यस्थता कराई गई।

    संवाद, परामर्श एवं आपसी विश्वास की पुनः स्थापना के अथक प्रयासों से दोनों पक्षों को यह समझाया गया कि विवाद का समाधान मिलजुलकर निकालना ही परिवार और उनकी बेटी केे भविष्य के लिए सर्वोत्तम विकल्प है।

    काउंसलिंग के बाद सकारात्मक परिणाम सामने आया और दोनों ने दोबारा साथ रहने व अपने परिवार को सहेजने के लिए राजी हो गए। इस पहल से न केवल पति-पत्नी के बीच रिश्तों में पुन: विश्वास और सामंजस्य स्थापित हुआ बल्कि बेटी के जीवन में भी खुशियाें की रोशनी लौट आई।

    पति पत्नी के बीच घरेलू विवाद के मामलों में फैमिली डिस्प्यूटर रेजाल्यूशन क्लीनिक (एफडीआरसी) 95 प्रतिशत मामलों में सुलह कराने में कामयाब रही है। एफडीआरसी के दर्ज आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल 210 मामले सामने आए थे। महज 11 मामले ऐसे रहे जिनमें दोनों गुट के बीच किसी बात को लेकर सुलह नहीं हो सकी। और प्रकरण अब कोर्ट की दहलीज तक पहुंच गया ।