Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Digital Arrest: धमकी भरे कॉल से डरें नहीं, 'झूठ है डिजिटल अरेस्ट'; एक्सपर्ट ने बताए ठगी से बचने के टिप्स

    Updated: Mon, 16 Dec 2024 12:15 PM (IST)

    दैनिक जागरण की ओर से चल रहे लुटेरा ऑनलाइन जागरूकता कार्यक्रम के दौरान लोगों को ठगी से बचने के टिप्स दिए गए। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने बताया गया कि सबसे ज्यादा वीडियो कॉल के जरिए ठगी हो रही है। बताया गया कि वीडियो कॉल आने पर घबराना नहीं है। बिना घबराए कॉल को काट दें। आगे विस्तार से पढ़िए पूरी खबर।

    Hero Image
    डिजिटल अरेस्ट को लेकर लोगों को जागरूक किया गया। जागरण फोटो

    जागरण संवाददाता, नोएडा। साइबर ठग फर्जी कॉल से बैंक खाते खाली कर रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट महज एक झूठ है। फोन आते ही बिना घबराए तत्काल कॉल को काट दें। इसी तरह अन्य तरह की साइबर ठगी से बचने के लिए सतर्कता जरूरी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दैनिक जागरण की ओर से चल रहे लुटेरा ऑनलाइन जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत रविवार को सेक्टर 121 स्थित होम्स 121 सोसायटी में लोगों जागरूक किया गया। साइबर क्राइम थाने के उपनिरीक्षक व साइबर एक्सपर्ट उपनिरीक्षक समरपाल सिंह ने ठगी से बचने के टिप्स दिए।

    ऐसे लोगों को बनाते हैं शिकार

    उप-निरीक्षक समरपाल सिंह ने कहा कि अक्सर हमारे दिमाग में यह सवाल रहता है कि ठगों के पास हमारी निजी जानकारी कैसे पहुंच जा रही है? ओपन सोर्स टूल के माध्यम से लोगों की जानकारी सोशल मीडिया पर तैर रही है और कुछ जानकारी को लोग हर फोटो के रूप में अपलोड कर रहे हैं। यहीं से ठग आर्थिक रूप से मजबूत व्यक्ति की प्रोफाइल को हिट कर रहे हैं।

    बताया गया कि कभी शेयर बाजार का लालच देकर तो कभी डिजिटल अरेस्ट कर ठगी कर रहे हैं। उपनिरीक्षक ने इंजीनियर व आईटी के लोगों के बारे में जानकारी ली और चुटकी लेते हुए कहा कि अक्सर तैराक ही डूबते हैं। उन्होंने इंजीनियर और आईटी पेशेवर से खुद सतर्क रहने और आसपास के लोगों को जागरूक करने पर जोर दिया।

    लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि ठगी होने का हर किसी को पता है, लेकिन टेफकोप, एसएमएस हेडर के बारे में जानकारी नहीं है। अपनी आईडी पर चल रहे फर्जी सिम के बारे में पता कर सकते हैं और फर्जी एसएमएस के बारे में भी घर बैठे पता कर सकते हैं। मौके पर लोगों ने ऐप का उपयोग किया तो दो लोगों के सिमों में गड़बड़ी सामने आई। उन्होंने साइबर क्राइम थाना पुलिस का धन्यवाद किया।

    वाट्सएप की सेंटिग में बंद कर दें कॉल ऑप्शन

    उपनिरीक्षक ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट करने वाला गिरोह अक्सर वीडियो कॉल से संपर्क करते हैं। अज्ञात नंबर से आ रही वाट्सएप कॉल को रोका जा सकता है। इसके लिए वाट्सएप कॉल की सेटिंग्स में जाकर ऑप्शन का उपयोग किया जा सकता है। अज्ञात नंबर से आ रही कॉल को बंद करने के लिए ऑप्शन ग्रीन लाइट प्रदर्शित करता है।

    यह भी पढ़ें- Nirbhaya Case: 16 दिसंबर 2012 की वो रात... आज भी खौल उठता है लोगों का खून; पढ़ें दरिंदगी से फांसी तक की कहानी

    कार्यक्रम में ही 50 से ज्यादा लोगों ने वाट्सएप सेटिंग में बदलाव किया। अपने सगे संबंधी, रिश्तेदार व जानकारों को भी वाट्सएप सेटिंग में बदलाव कराने पर जोर दिया।

    अजान लोगों के फोन ही नहीं उठाता

    कार्यक्रम में 82 वर्षीय सेवानिवृत्त बुजुर्ग ने बताया कि उनके और परिवार के किसी भी सदस्य के साथ अभी तक कोई ठगी नहीं हुई। इसके पीछे का कारण बताया कि आए दिन अज्ञात नंबर से सामान्य और वाट्सएप कॉल आती हैं। वह अंजान लोगों की कॉल ही रिसीव नहीं करते हैं। कई बार लगातार कॉल आने पर अगर मजबूरी में फोन उठाते भी हैं तो अंजान से प्राथमिक जानकारी लेकर फोन काट देते हैं।

    दो मोबाइल का करें उपयोग

    साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में काम कर रहे सोसायटी के विनय दूबे ने लोगों को बताया कि ठगी से बचने के लिए डमी नंबर, बैंक खाते और मोबाइल का उपयोग किया जा सकता है। एक मोबाइल में बैंक, आधार कार्ड व अन्य जगहों पर जुड़े मूल मोबाइल नंबर का प्रयोग करें और इसमें ही बैंक खाते की इंटरनेट बैंकिग, पेटीएम व अन्य एप को रखा जा सकता है।

    यह भी पढ़ें- Double Murder In Rampur: दो चौकीदारों की नृशंस हत्या से दहला रामपुर, सड़क किनारे खून से लथपथ मिलीं दोनों की लाशें

    इसके विपरीत दूसरे मोबाइल को डमी के तरह उपयोग में लाया जा सकता है। ठगों के संपर्क में आने पर भी बड़ी ठगी से बचा जा सकेगा।

    ये लोग रहे मौजूद

    इस कार्यक्रम में आरएम आहूजा, बीआर शर्मा, डीके शर्मा, जगदीश, वीएस आर्या, राजीव, गरिमा त्रिपाठी, एके वर्मा, एनएस राना, पवन कुमार, विजेंद्र सिंह, मनीष, मंजू, मयंक, सुमन, बलवंत कौर आदि रहे।