नोएडा एयरपोर्ट के फ्लाइंग जोन में आ रही थी 30 साल पुरानी पानी की टंकी, सर्वे के बाद कर दिया गया ध्वस्त
जेवर एयरपोर्ट के फ्लाइंग जोन को बाधा मुक्त कराने के लिए 30 साल पुरानी पानी की टंकी को ध्वस्त कर दिया गया। यह टंकी दयानतपुर गांव में स्थित थी और रनवे क ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, जेवर। नोएडा एयरपोर्ट जेवर के फ्लाइंग जोन बाधा मुक्त कराने के लिए नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के आब्सटेकल लिमिटेशन सरफेस सर्वे (ओएलएस) कराया गया था। जिसमें जेवर के दयानतपुर गांव में लगभग 30 साल से बंद पड़ी पानी की टंकी बाधक बनी हुई थी।
नायल ने जल निगम को इस टंकी को हटाने के लिए कहा गया था। जल निगम ने टंकी को हटाने की टेंडर प्रक्रिया अपनाते हुए रविवार को ध्वस्त करा दिया गया। पानी की टंकी की ऊंचाई लगभग 27 मीटर से अधिक थी और रनवे के पास ही दयानतपुर गांव में बनी थी इसलिए एयरपोर्ट के आसपास के वायु क्षेत्र को बाधा मुक्त करने के लिए इसे हटाना अतिआवश्यक था।
हटाने के लिए जल निगम को सौंपी थी जिम्मेदारी
नियाल के नोडल अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि नोएडा एयरपोर्ट से नियमित उड़ान शुरू करने से पहले डीजीसीए ने ताजा ओएलएस सर्वे कराया था। इस सर्वे में सबकुछ ठीक मिला लेकिन दयानतपुर गांव में बनी पानी की टंकी बाधक बनी हुई थी। एयरपोर्ट से व्यावसायिक उड़ान शुरू करने से पहले इसे हटाने के लिए जल निगम को जिम्मेदारी सौंपी थी।
एजेंसी सुरक्षित तरीके से ध्वस्तीकरण में थी जुटी
उन्होंने बताया कि ओएलएस सर्वे हवाई अड्डे के आस-पास के वायु क्षेत्र को बाधाओं से मुक्त करने के लिए किया जाता है, जिससे हवाई जहाजों का सुरक्षित संचालन संभव हो सके। पानी की टंकी को ध्वस्त करने के लिए दयानतपुर गांव में जल निगम की तरफ से पहुंची एजेंसी इसे सुरक्षित तरीके से ध्वस्तीकरण में जुटी थी।
11 लाख रुपये की धनराशि जल निगम को दी
एजेंसी ने आसपास बने निर्माण को किसी तरह का नुकसान न हो इसके लिए पहले से प्लान तैयार किया था। रविवार को टंकी के पीलर को कमजोर करने के बाद उसे पूरी तरह से जमीजोद कर दिया गया। पानी की टंकी के ध्वस्तीकरण कराने के लिए नियाल ने 11 लाख रूपये की धनराशि जल निगम को दी है।
डीजीसीए क्यों कराता है ओएलएस सर्वे
आब्सटेकल लिमिटेशन सरफेस सर्वे हवाई अडडे के आसपास जहां एयरक्राफ्ट चक्कर लगाते है उस वायु क्षेत्र में किसी तरह की बाधा तो नहीं है। एयरपोर्ट के आसपास कोई मोबाइल टावर, ईंट भट्टे की चिमनी, कोई ऊंची इमारत पानी की टंकी या ढ़ाचा तो मौजूद नहीं है। इन सब की जांच के लिए ओएलएस सर्वे किया जाता है।
दयानतपुर गांव में लगभग 30 वर्ष पुरानी बंद पड़ी पानी की टंकी जो एयरपोर्ट के प्लाइंग जोन में बाधा बनी हुई थी। रविवार को इस टंकी को ध्वस्त करा दिया गया। ध्वस्तीकरण में निकले मलवे का भी जल्द निस्तारण एजेंसी के द्वारा करा दिया जाएगा। - संजय कुमार अधिसाशी अभियंता जल निगम

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