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    पुलिसवाले ने 'दृश्यम' देखकर लिया आइडिया और रेलवे ठेकेदार का कर दिया मर्डर, केस सॉल्व करने में चकरा गई UP पुलिस

    ग्रेटर नोएडा में फिल्मी स्टाइल में रेलवे ठेकेदार कत्ल कर दिया गया। इस घटना को दिल्ली पुलिस के निलंबित सिपाही ने अंजाम दिया है। हत्या से पहले उसने दृश्यम फिल्म देखकर प्लान बनाया और फिर वारदात को अंजाम दिया। इसके बाद पुलिस को गुमराह करने और खुद को बचाने के लिए ठेकेदार के फोन से खुद मैसेज किए। केस सॉल्व करने में नोएडा पुलिस का दिमाग भी चकरा गया।

    By Ajab Singh Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Sat, 24 Aug 2024 02:15 PM (IST)
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    पकड़े गए हत्यारोपित के बारे में जानकारी देते डीसीपी साद मियां खान। फोटो-जागरण

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। बीटा दो कोतवाली क्षेत्र के अल्फा दो सेक्टर के रहने वाले ठेकेदार अंकुश शर्मा की हत्या दिल्ली पुलिस के निलंबित सिपाही प्रवीण ने हथौड़ा मारकर की थी। पुलिस ने घटना का पर्दाफाश करते हुए हत्यारोपित की निशानदेही पर शुक्रवार को एलजी गोलचक्कर के समीप टी सीरीज की जमीन से शव बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

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    'दृश्यम' फिल्म देखकर बनाया प्लान

    ठेकेदार और हत्यारोपित के बीच प्रॉपर्टी की रकम के लेनदेन का विवाद था। हत्यारोपित ने वारदात को अंजाम देने से पहले 'दृश्यम' फिल्म देखी थी। शव को ठिकाने लगाने के लिए वारदात से एक सप्ताह पहले इलाके में सुनसान जगहों की रेकी भी की थी। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त क्रेटा कार व हथौड़ा बरामद किया है।

    पुलिस जांच में सामने आया है कि ठेकेदार को हत्यारोपित 13 दिन पहले रकम देने के लिए अपने साथ लेकर गया था और उसी दिन हत्या की कर दी थी। प्रवीण मेरठ के मोहल्ला मार्क पुरिया कस्बा बहसूमा का है। फिलहाल एसकेए सोसायटी के ट्यूविल टावर के फ्लैट संख्या 2126 में रह रहा था। इसी फ्लैट को लेकर लेनदेन का विवाद था।

    फ्लैट हड़पना चाहता था हत्यारोपित

    अंकुश शर्मा रेलवे में ठेकेदारी के साथ प्रॉपर्टी डीलर का काम करते थे। उनका एसकेए सोसायटी में फ्लैट था। जिसे वह बेचना चाहते थे। ब्रोकर संचित ने फ्लैट बिक्री के लिए बीस फरवरी को प्रवीण का अंकुश शर्मा से परिचय कराया था। दोनों के बीच 1.18 करोड़ में डील हुई थी। दो किस्तों में रकम देना तय हुआ था। प्रवीण ने एडवांस में अंकुश के खाते में आठ लाख रुपये ट्रांसफर किए थे।

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    एग्रीमेंट के बाद 10 मई को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से टीएम (ट्रांसफर मेमोरंडम) प्राप्त हो गया। आरोपित ने अंकुश को झांसे में लेकर फ्लैट में रहना शुरू कर दिया। पहली किस्त 38 लाख रुपये देना तय हुआ था, लेकिन प्रवीण ने समय पर पैसे नहीं दिए। इसी बीच अंकुश कनाडा चले गए। वहां से लौटकर उन्होंने संपत्ति खरीद फरोख्त की एक वेबसाइट पर फ्लैट को बेचने के लिए जानकारी अपलोड कर दी। जहां उसकी कीमत 1.60 करोड़ रुपये निर्धारित की गई।

    पहले शराब और लस्सी पिलाकर किया बेहोश

    अंकुश ने प्रवीण से फ्लैट के 40 लाख रुपये अतिरिक्त देने की मांग की। प्रवीण ने इनकार कर दिया। जिसके बाद उसने फ्लैट मालिक की हत्या की साजिश रची। साजिश के तहत प्रवीण ब्रोकर संचित के साथ अंकुश के ऑफिस गया। जहां उसने 11 लाख रुपये अतिरिक्त देने पर सहमति दे दी।

    नौ अगस्त को प्रवीण ने अंकुश शर्मा को रकम देने के लिए उसके ऑफिस के नीचे बुलाया। रकम फ्लैट में रखे होने की बात कहकर उसे गाड़ी में साथ ले गया। उसे शराब व लस्सी पिलाई। अंकुश के बेहोश होने पर बेसमेंट में गाड़ी में उसकी हथौड़े से वार कर हत्या कर दी। उसी रात शव को ठिकाने लगा दिया।

    खुद को बचाने के लिए अंकुश के फोन से किया मैसेज

    किसी को आरोपित पर अंकुश की हत्या का शक न हो, प्रवीण ने वकील और अंकुश के स्वजन को उसके फोन से रकम मिलने का संदेश भेजकर कागजात तैयार करने के लिए कहा था। शव को ठिकाने लगाने के बाद अंकुश के नौकर को भी संदेश भेजा कि उस पर अधिक कर्जा हो गया है, इसलिए वह नेपाल जा रहा है।

    पुलिस को किया गुमराह

    अंकुश के फोन पर उसने नेपाल जाने के रास्ते को भी सर्च किया था। शव को ठिकाने लगाने से पहले वह एक पेट्रोल पंप पर भी गया था ताकि सीसीटीवी कैमरे में कैद हो सके। शव को ठिकाने के बाद जैतपुर गांव में गाड़ी की सफाई कराई। बेटे के चोट लगने की वजह से गाड़ी में खून के दाग होने की बात कहकर गुमराह किया।

    प्रॉपर्टी की रकम में लेनदेन को लेकर दोनों के बची विवाद में अंकुश की हत्या की गई। हत्यारोपित दिल्ली पुलिस से निलंबित सिपाही है। निशानदेही पर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। -सादमिया खान, डीसीपी ग्रेटर नोएडा