Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Shri Ramotsav in Noida: जो कहते थे परिंदा पर नहीं मार सकता, वो आज आमंत्रण मांग रहे हैं- सुधांशु त्रिवेदी

    Updated: Tue, 16 Jan 2024 11:05 PM (IST)

    राम किसी धर्म या देश के नहीं बल्कि विश्वव्यापी हैं। राम सबके दिलों में बसते हैं। अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा से पहले मंगलवार को ग्रेटर नोएडा पूरी तरह से राममय हो गया। युवा पीढ़ी मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के पदचिह्नों पर चलने के लिए प्रेरित हुई। नॉलेज पार्क स्थित जीएल बजाज इंस्टीट्यूट में दैनिक जागरण की ओर से श्रीरामोत्सव आयोजित हुआ।

    Hero Image
    दैनिक जागरण द्वारा आयोजित श्रीरामोत्सव में सबके राम पर व्याख्यान देते राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी।

    धर्मेंद्र चंदेल, ग्रेटर नोएडा। राम किसी धर्म या देश के नहीं, बल्कि विश्वव्यापी हैं। राम सबके दिलों में बसते हैं। अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा से पहले मंगलवार को ग्रेटर नोएडा (गौतमबुद्ध नगर) पूरी तरह से राममय हो गया। युवा पीढ़ी मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के पदचिह्नों पर चलने के लिए प्रेरित हुई। नॉलेज पार्क स्थित जीएल बजाज इंस्टीट्यूट में दैनिक जागरण की ओर से आयोजित श्रीरामोत्सव में अयोध्या में होने वाले विशाल आयोजन से पहले एक भव्य झलक दिखाई दी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पूरा माहौल राम के भक्ति भाव से ओत-प्रोत था। श्रीराम के नाम और उनकी गाथा के इस उत्सव में शहर के प्रबुद्धजन, साहित्यकार, कलाकार और बड़ी संख्या में आमजन हिस्सा लेने पहुंचे। कार्यक्रम में पहुंचे लोग प्रमुख वक्ता संत मैथिलीशरण, वक्ता सुधांशु त्रिवेदी व गीतकार मनोज मुंतशिर को सुन प्रभु श्रीराम के संकल्पों व संस्कारों के बेहद करीब दिखे।

    सभागार जय श्रीराम के जयघोष से गूंजता रहा। युवा पीढ़ी से लेकर सभी महिला-पुरुष राम नाम के आकर्षण में बंधे रहे। माहौल ऐसा था, मानो भगवान राम लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे हों और उनके आगमन से हर अयोध्यावासी के ह्रदय में ऊर्जा का संचार हो गया हो। इसी तरह सभागार में हर कोई राममय होने के लिए लालायित था।

    'श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन एक जनज्वार था'

    भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी ने श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के भावनात्मक पहलुओं पर प्रकाश डाला। उनका कहना था कि श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन महज एक आंदोलन नहीं, बल्कि जनज्वार था। राम सार्वभौमिक हैं। उन्हें किसी धर्म या देश की सीमा में नहीं बांधा जा सकता है। 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पांच शताब्दी की चिर अभिलाषा की पूर्णता और सनातन समाज के परमानंद के नए युग का सूत्रपात करेगी।

    ये भी पढ़ें- Ramotsav in Noida: जो ऊपर से कुछ दिख रहे हैं, वो अंदर जाकर देखें तो कुछ और दिखेंगे- सुधांशु त्रिवेदी

    उन्होंने कहा कि घर-घर में 22 जनवरी को रामोत्सव मनाने से आने वाली पीढ़ियां भी श्रीराम के गुणों और उनकी महिमा से परिचित होंगी। इंडोनेशिया जैसे मुस्लिम बाहुल्य देशों में सौ के करीब क्षेत्रों में रामलीलाएं होती हैं। वहीं, सुदूर मध्य अमेरिकी देश होंडुरास में वानर रूप को पूजा जाता है। धर्मनिरपेक्षता की बात करने वाले इस शब्द की गलत व्याख्या करते हैं।

    लोगों को धर्म के रास्ते से भटकाने के लिए इसे गढ़ा गया है, सेक्युलर का सही मायने पंथ निरपेक्षता है। भारत हमेशा से धर्म आधारित देश था, इसलिए महात्मा गांधी ने भी रामराज की परिकल्पना की थी। विवादित ढांचा ध्वंस के समय कुछ लोग कहते थे कि परिंदा भी पर नहीं मार सकता, वही आज कह रहे हैं आमंत्रण कब आएगा।

    भगवान राम को अर्थव्यवस्था से जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि जैसे जैसे भगवान राम के मंदिर का मार्ग प्रशस्त हुआ, देश अर्थव्यवस्था में मजबूत होता गया। यह दैव्य संयोग नहीं तो और क्या है।

    सुधांशु त्रिवेदी ने राम के अस्तित्व के साक्ष्य का जिक्र किया तो पूरा सभागार एक ही नारा एक ही नाम, जय श्री राम..., जय श्री राम के जय घोष से गूंज उठा। उन्होंने नई पीढ़ी को समाज में छिपे रावण से भी सावधान किया और बेटियों को कहा कि अपने माता-पिता और गुरुजनों की सलाह से ही काम करें।

    ये भी पढ़ें- Ramotsav in Noida: पर्यावरण और अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देते हैं राम, श्रीरामोत्सव महोत्सव में राममय हुए लोग

    दैनिक जागरण द्वारा आयोजित श्रीरामोत्सव में गीतकार मनोज मुंतशिर शुक्ला

    साढ़े सात हजार साल पहले जैसी खुशी

    गीतकार मनोज मुंतशिर शुक्ला ने कहा कि साढ़े सात हजार साल पहले भगवान राम के अयोध्या में अवतरित होने पर जो खुशी हुई होगी, आज पूरे देश में वही खुशी का माहौल है, लेकिन यह भी नहीं भूलना चाहिए कि यह दिन कई लोगों के बलिदान के बाद सामने आया है।

    ये भी पढ़ें- Shri Ramotsav In Noida: 22 जनवरी को स्वतंत्रता के संघर्ष की पूर्ण आहुति होगी: मनोज मुंतशिर

    अयोध्या में मंदिर को तोड़कर उसके मलबे से विवादित ढांचा बनाया गया था, जिसे कारसेवकों ने तोड़ दिया। बाबर जैसे अक्रांता लोगों के दिलों से राम का नाम नहीं मिटा सकते थे। राम मंदिर में राम लला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा से अयोध्या में त्रेतायुग का गौरव फिर लौट रहा है। मनोज मुंतशिर ने युवाओं से संवाद किया और युवाओं ने ऊर्जा के साथ उनकी हर क्रिया की प्रतिक्रिया दी। उनके जोश से जोश मिलाते हुए पूरा सभागार ऊर्जा से परिपूर्ण बना रहा।

    क्या बोले रामकथा मर्मज्ञ संत स्वामी मैथिलीशरण

    रामकथा मर्मज्ञ संत स्वामी मैथिलीशरण ने सनातन संस्कृति एवं श्रीराम की व्याख्या करते हुए युवाओं को मर्यादा, लक्ष्य प्राप्ति व प्रेम का अर्थ समझाया। राम ने पुत्र के रूप में पिता की आज्ञा को शिरोधार्य कर राजसी सुख त्याग दिया। पति के रूप में पत्नी सीता के लिए रावण जैसे दैत्य से भिड़ गए। सीता ने पत्नी धर्म का पालन करते हुए राम का अनुसरण किया और भरत एवं लक्ष्मण ने अपने भ्राता धर्म का पालन कर अनुकरणीय उदाहरण पेश किया।

    जीएल बजाज कॉलेज में दैनिक जागरण द्वारा आयोजित श्रीरामोत्सव कार्यक्रम का दीप जलाकर शुभारंभ करते संत मैथिलीशरण। साथ में मौजूद राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी, जीएल बजाज कॉलेज के वाइस चेयरमैन पंकज अग्रवाल व अन्य गणमान्य लोग। 

    इससे पहले कार्यक्रम की शुरूआत गणेश वंदना से हुई। रामजन्मभूमि आंदोलन के दौरान दैनिक जागरण की पत्रकारिता का उल्लेख करते हुए जागरण के कार्यकारी संपादक विष्णु प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि इस आंदोलन के समय जब मीडिया संशय में था, तब दैनिक जागरण का उद्देश्य एकदम स्पष्ट था। अयोध्या धाम में भगवान श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर था और इसका निर्माण होना चाहिए, इसे लेकर जागरण को किसी प्रकार की कोई दुविधा नहीं थी। 22 जनवरी को यह सपना अब हकीकत बनने जा रहा है।

    ये भी पढ़ें- Ramotsav in Noida: नृत्य से दिखाई राम राज्याभिषेक की खुशियां, शिंजिनी कुलकर्णी ने टीम के साथ दी प्रस्तुति

    ये भी पढ़ें- Ramotsav in Noida: भगवान राम के आने की सदियों की प्रतीक्षा हो रही पूरी, घर-घर में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जश्न का माहौल

    ये भी पढ़ें- Shri Ramotsav In Noida: राम धुन पर भाव-विभोर हुए लोग, भक्ति में डूबे युवाओं ने जीवंत किया श्री रामोत्सव

    ये भी पढ़ें- Shri Ramotsav In Noida: जब मीडिया संशय में था, तब दैनिक जागरण का स्पष्ट उद्देश्य था मंदिर निर्माण