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    उपभोक्ता फोरम का मैसर्स महागुन इंडिया को आदेश, 60 दिन में फ्लैट का कब्जा दें या कानूनी कार्रवाई झेलें

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 03:05 PM (IST)

    उपभोक्ता आयोग ने मैसर्स महागुन इंडिया को 60 दिन में फ्लैट पर कब्जा देने का आदेश दिया। अमिताभ कुमार सिंह ने 2013 में फ्लैट बुक किया था और 36 लाख से अधिक जमा किए फिर भी कब्जा नहीं मिला। रेरा ने बिल्डर पर 15 लाख का जुर्माना भी लगाया था। आयोग ने एकतरफा सुनवाई के बाद पीड़ित के पक्ष में फैसला सुनाया और 60 दिन में कब्जा देने को कहा।

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    आयोग का आदेश महागुन इंडिया पीड़ित को आवंटित फ्लैट पर दे कब्जा

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। जिला उपभोक्ता आयोग ने मैसर्स महागुन इंडिया को 60 दिन के अंदर पीड़ित को आवंटित फ्लैट पर कब्जा देने का आदेश दिया है। मामले में बिल्डर्स की तरफ से आयोग के सामने पक्ष रखने कोई प्रस्तुत नहीं हुआ। एक पक्षीय सुनवाई पूरी होने पर आयोग ने पीड़ित के पक्ष में फैसला सुनाया।

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    अभी तक पजेशन अदा नहीं किया

    गाजियाबाद के नंदा अपार्टमेंट निवासी अमिताभ कुमार सिंह ने वर्ष 2013 में नोएडा के सेक्टर 63 स्थित मैसर्स महागुन इंडिया से महागुन मायवुड्स में फ्लैट बुक कराया था। बुकिंग के 3.74 लाख रुपये भुगतान किए थे, जो कि कुल कीमत की 10 प्रतिशत राशि थी। इसके बाद वर्ष 2022 तक लगभग 36.11 रुपये जमा कर चुके हैं। फिर भी फर्म ने तय शर्त के अनुसार अभी तक पजेशन अदा नहीं किया। वर्तमान में फ्लैट की बकाया राशि करीब 20 लाख रुपये है।

    15 लाख रुपये जुर्माना लगा दिया

    इसके चलते रेरा के अधिकारियों ने अगस्त 2023 में 15 लाख रुपये जुर्माना लगा दिया, जिसे उसे भरना पड़ा। इस बीच फर्म के बिल्डर्स ने अमिताभ के सामने ऐसा एग्रीमेंट बनाकर रखा, जिससे वह फ्लैट से संबंधित किसी मामले में कानूनी कार्रवाई नहीं कर सके। पीड़ित ने एग्रीमेंट अस्वीकृत कर जमा राशि वापसा मांगी। फर्म द्वारा राशि अदा नहीं करने पर उपभोक्ता आयोग में वाद दायर किया।

    पीड़ित को फ्लैट पर कब्जा नहीं दिया

    आयोग के कई नोटिस भेजने के बाद भी बिल्डर्स की तरफ से पक्ष रखने कोई प्रस्तुत नहीं हुआ। आयाेग के अध्यक्ष अनिल कुमार पुंडीर व सदस्य अंजू शर्मा ने एक पक्षीय सुनवाई की। पीड़ित पक्ष की तरफ से प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर फैसला सुनाया। कहा करीब 32 लाख रुपये जमा होने के बाद भी बिल्डर्स ने पीड़ित को फ्लैट पर कब्जा नहीं दिया। जो तय सेवा शर्ताें में कमी है। बिल्डर्स 60 दिन के अंदर जो भी बकाया राशि है लेकर पीड़ित को फ्लैट पर कब्जा दिलाए।

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