कंपनियां वारंटी का भरोसा देकर मुकर नहीं सकतीं, पढ़िये उपभोक्ता फोरम ने ऐसा क्यों कहा और कितना ठोका जुर्माना
पंचकूला उपभोक्ता फोरम ने मारुति सुजुकी पर सेवा में कमी के लिए जुर्माना लगाया। एक कार मालिक से वारंटी के बावजूद मरम्मत शुल्क वसूला गया था। फोरम ने कंपनी को उपभोक्ता को ब्याज समेत 54378 रुपये लौटाने और मानसिक पीड़ा के लिए मुआवजा देने का आदेश दिया। फोरम ने कहा कि कंपनियां वारंटी का भरोसा देकर मुकर नहीं सकतीं।

जागरण संवाददाता, पंचकूला। उपभोक्ता फोरम, पंचकूला ने मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड और उसके अधिकृत सर्विस स्टेशन पंचकूला स्थित केयर टेकर मारुति सर्विस जोन को सेवा में कमी का दोषी ठहराया है। साथ ही कंपनी और सर्विस स्टेशन पर संयुक्त रूप से 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है, जो राज्य उपभोक्ता फोरम की फ्री लीगल एड फंड में जमा होगा।
साथ ही, सर्विस स्टेशन को कार मालिक विजय कुमार शर्मा को 54,378 रुपये की राशि ब्याज समेत लौटाने और 15,000 रुपये का अतिरिक्त मुआवजा (मानसिक पीड़ा व मुकदमेबाजी खर्च) देने के निर्देश दिए हैं। मामला वर्ष 2015 में खरीदी गई मारुति स्विफ्ट वीएक्सआई बीएस-4 कार से जुड़ा है। उपभोक्ता ने वाहन खरीदते समय 7,765 रुपये देकर विस्तारित वारंटी भी ली थी।
रुपये वसूल कर कार की मरम्मत की
फरवरी 2019 में उपभोक्ता की कार अचानक पंचकूला के ताऊ देवी लाल स्टेडियम में बंद हो गई, जिसके बाद उसे टोइंग वैन से सर्विस स्टेशन इंडस्ट्रियल एरिया फेज-2, पंचकूला ले जाया गया। यहां उन्हें बताया गया कि इंजन ब्लाॅक खराब है और हाॅफ इंजन असेंबली बदलनी होगी। उपभोक्ता ने वारंटी के तहत नि:शुल्क मरम्मत की मांग की, लेकिन सर्विस स्टेशन ने 54,378 रुपये वसूल कर कार की मरम्मत की और फरवरी 2019 के अंत में गाड़ी सौंप दी।
जब ग्राहक ने विरोध जताया तो कंपनी की ओर से कहा गया कि इंजन में पानी जाने से हाइड्रोस्टेटिक लाॅक हुआ है और यह वारंटी में शामिल नहीं है। विजय कुमार शर्मा ने इसको अनुचित मानते हुए उपभोक्ता फोरम में केस दायर कर दिया।
तकनीकी रिपोर्ट या ठोस साक्ष्य पेश नहीं कर पाई कंपनी
सुनवाई में फोरम ने पाया कि मारुति सुजुकी और केयर टेकर मारुति सर्विस जोन अपने दावे को साबित करने के लिए कोई तकनीकी रिपोर्ट या ठोस साक्ष्य पेश नहीं कर पाए। फोरम ने कहा कि मात्र कनेक्टिंग राॅड टूटने का पैटर्न दिखाकर कंपनी उपभोक्ता से वारंटी का लाभ नहीं छीन सकती। फोरम ने आदेश दिया कि मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड उपभोक्ता को 28 फरवरी 2019 से 9 प्रतिशत साधारण ब्याज सहित 54,378 रुपये लौटाए।
इसके अलावा, केयर टेकर मारुति सर्विस जोन और मारुति सुजुकी को संयुक्त रूप से 10,000 रुपये मानसिक पीड़ा और 5,000 मुकदमेबाजी खर्च के तौर पर भी अदा करने होंगे। फोरम ने स्पष्ट किया कि कंपनियां ग्राहकों को वारंटी का भरोसा देकर बीच में मुकर नहीं सकतीं और यदि ऐसा होता है तो उन्हें आर्थिक दंड भुगतना पड़ेगा।
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