Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब सड़क हादसे में आएगी कमी! देश की पहली ADAS स्मार्ट सिटी का काम शुरू, पढ़ें पूरा अपडेट

    ADAS Smart City देश की पहली एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (एडीएएस) स्मार्ट सिटी का निर्माण पुणे के पास ताकवे गांव में किया जा रहा है। यह सेंटर कारों में लगने वाले एडीएएस का सत्यापन और प्रमाणीकरण करेगा। यहां लेवल तीन तक एडीएएस का सत्यापन किया जा सकेगा। यह देश में एकमात्र सेंटर होगा जहां लेवल तीन एडीएएस का सत्यापन किया जा सकेगा।

    By Arpit Tripathi Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Fri, 24 Jan 2025 06:15 PM (IST)
    Hero Image
    देश की पहली एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (एडीएएस) स्मार्ट सिटी का निर्माण शुरू। फाइल फोटो

    अर्पित त्रिपाठी, ग्रेटर नोएडा। कार चालकों की यात्रियों की सुरक्षा और आरामदायक सफर के लिए कार निर्माता कंपनी अपनी कारों को एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (एडीएएस) लैस कर बाजार में उतार रही हैं। इस सिस्टम को इस लिया विकसित किया गया है कि यदि किसी चालक वाहन चलाते समय कोई भूल और आसपास की दुर्घटना संभावित चीज पर नजर न जाए तो ऐसे समय पर यह सिस्टम अलर्ट कर देगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब तक इस सिस्टम के सत्यापन व प्रमाणीकरण की निर्भरता जर्मनी, दक्षिण कोरिया, यूनाइटेड किंग्डम पर निर्भर है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत द ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) की ओर से देश की पहली एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (एडीएएस) स्मार्ट सिटी को विकसित किया जा रहा है।

    दिसंबर में इसकी शुरुआत हो जाएगी। पुणे के पास ताकवे गांव में इसे विकसित किया जाएगा। इस सेंटर में कारों में लगने वाले एडीएएस का सत्यापन व प्रमाणीकरण किया जाएगा। यहां लेवल तीन तक एडीएएस का सत्यापन किया जा सकेगा।

    यह देश में एकमात्र सेंटर होगा, जहां लेवल तीन एडीएएस (यानी एक हद तक कार को ऑटोमेटिक सेटिंग में चलाया जा सकता है, चालक को सिर्फ निगरानी रखनी पड़ती है) का सत्यापन किया जा सकेगा।

    अन्य कंपनियां जिनमें जिनमें कुछ नामी वाहन निर्माता कंपनियां भी शामिल हैं, सिर्फ लेवल एक व दो तक के ही एडीएएस का सत्यापन कर रही हैं। लेवल तीन के सत्यापन के लिए जर्मनी व दक्षिण कोरिया की कंपनी पर ही निर्भरता है। इस सेंटर में वर्चुअल तौर पर एडीएएस का सत्यापन व प्रमाणीकरण किया जाएगा।

    खास बातें:

    • एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम दुघर्टनाओंं से करेगा अलर्ट।
    • जर्मनी, दक्षिण कोरिया, यूनाइटेड किंग्डम में पहले से इसका हो रहा इस्तेमाल।
    • पुणे के पास ताकवे गांव में इसे किया जाएगा विकसित।
    • दिसंबर में इसकी होगी शुरुआत।

    दुर्घटना से करता है बचाव

    ग्रेटर नोएडा में आयोजित हुए अर्बन मोबिलिटी इंफ्रास्ट्रक्चर शो (यूएमआइएस) में एआरएआइ ने अपने स्टाल में इस स्मार्ट सिटी को लेकर डिस्पले किया था। एआरएआइ के बिजनेस डेवलपमेंट एंड कॉर्पोरेट प्लानिंग विभाग के डा. अतुल ठाकरे ने बताया कि 20 एकड़ में इस सिटी को विकसित किया जा रहा है।

    यहां भारतीय सड़कों को ध्यान में रखते हुए स्वचालित ड्राइविंग सुविधाओं के तहत एडीएएस को विकसित किया जाएगा। सेंटर में पार्किंग असिस्ट, लेन में चलने, अडेप्टिव क्रूज कंट्रोल यानी सामने चल रहे वाहन की गति के हिसाब से कार की गति को करना, बाधाओं की पहचान, ट्रेफिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का पता लगाना, एडीएएस का सत्यापन व प्रमाणीकरण, आदि की जांच होगी और विकसित किया जाएगा।

    अंडरपास व टनल से गुजर रहे वाहन में तकनीकी रुकावट न आए उसको लेकर रडार व लाइट डिटेक्टिंग एंड रेंजिंग (लिडार) को विकसित किया जाएगा। लिडार सुरक्षित दूरी बनाए रखने के लिए बाधाओं और वाहनों को ट्रैक करता है। यह वास्तविक समय के खतरे के विश्लेषण के लिए सड़क संकेतों, यातायात संकेतों और सड़क चिह्नों की पहचान करने में मदद करता है, जिससे स्वाचलित वाहनों का प्रभावी संचालन सुनिश्चित होता है।

    क्या है एडीएएस

    एडीएएस (ADAS) की तकनीक चालक की गलती से होने वाली दुर्घटनाओं को काफी हद तक कम करने में मदद करती है। यह सिस्टम मल्टी विजन-बेस्ड एल्गोरिदम पर काम करता है जो कि आसपास के स्थिति और माहौल पर नजर रखता है और दुर्घटना की संभावना पर अलर्ट करता है। सिस्टम वाहन के चारों ओर की स्थिति को देखने के लिए सेंसर का उपयोग कर चालक को जानकारी देता है।

    यह भी पढ़ें: चार बच्चे पैदा किए तो सोना और तीन पर मिलेगी चांदी, विश्व ब्रह्मऋषि ब्राह्मण महासभा ने किया एलान